कानून बनाकर हो राम मंदिर का निर्माण: RSS विचारक गोविंदाचार्य
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कानून बनाकर हो राम मंदिर का निर्माण: RSS विचारक गोविंदाचार्य

गोविंदाचार्य ने कहा कि यह मामला आस्था से जुड़ा है, इसलिए विवाद को कोर्ट में नहीं बल्कि बाहर सुलझाया जाना चाहिए.

इस्लाम में कहा गया है कि नमाज के लिए मस्जिद जरूरी नहीं है-गोविंदाचार्य. (फोटो साभार सोशल मीडिया)

वाराणसी: पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे पूर्व बीजेपी नेता और आरएसएस विचारक गोविंदाचार्य ने राम मंदिर विवाद को लेकर कहा कि राम मंदिर आस्था का केंद्र है. यह मामला आस्था से जुड़ा है, इसलिए विवाद को कोर्ट में नहीं बल्कि बाहर सुलझाया जाना चाहिए. साथ में उन्होंने यह भी कहा कि इस्लाम में कहा गया है कि नमाज के लिए मस्जिद जरूरी नहीं है. इसलिए, नमाज कहीं भी पढ़ा जा सकता है.

कोर्ट द्वारा नमाज पढ़ने को लेकर कही गई बात के बाद सरगर्मी और बढ़ गई है. उन्होंने तो यहां तक कहा कि इस समाधान का हल निकालने के लिए सरकार को कानून बनाने पर विचार करना चाहिए. मेरा मानना है कि सबसे अच्छा तरीका यही होगा कि कानून बनाकर राम मंदिर मुद्दे का समाधान निकाला जाए. 

गोविंदाचार्य ने राम मंदिर मुद्दे को लेकर संतों द्वारा धरने पर बैठे जाने पर कहा कि उनके मुद्दे की बात है, लेकिन उन्होंने देर कर दी. उनको तो यह काम बहुत पहले ही कर देना चाहिए था. जब आरएसएस विचारक गोविंदाचार्य से पूछा गया कि अगर सुप्रीम कोर्ट द्वारा उनके पक्ष में फैसला नहीं आता है तो क्या हो सकता है. इस पर गोविंदाचार्य ने कहा कि यह मामला आस्था का है और जहां तक सुप्रीम कोर्ट के फैसले का है तो इससे पहले हाईकोर्ट आस्था को देखते हुए फैसला सुना चुकी है.

राम मंदिर के मुद्दे पर बहस को लेकर यह कहा जाना कि देश में चुनाव आता है तब इसको लेकर बहस होने लगती है. इस पर गोविंदाचार्य ने कहा कि राम मंदिर का मुद्दा आज से नहीं, बल्कि 1528 से चल रहा है. 6 दिसंबर 1992 को जो कांड हुआ था उसके बाद तो विवादित ढांचा ही नहीं रहा. अयोध्या में राम जन्मभूमि पर केवल मंदिर नहीं, बल्कि भव्य मंदिर का निर्माण होना चाहिए. मैं जानता हूं कि वह मंदिर बनकर रहेगा और जनता की भी अपेक्षा है कि  राम जन्मभूमि पर एक भव्य मंदिर बने . 

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