मैं सपा में रहूं या ना रहूं लेकिन इस धर्मयुद्ध में अखिलेश के साथ हूं : रामगोपाल
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मैं सपा में रहूं या ना रहूं लेकिन इस धर्मयुद्ध में अखिलेश के साथ हूं : रामगोपाल

उत्तर प्रदेश के ‘समाजवादी कुनबे’ में जारी उथल-पुथल के बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा रविवार को अपने चाचा शिवपाल यादव समेत चार मंत्रियों को बर्ख्रास्त किये जाने के बाद सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश के हिमायती बताये जाने वाले अपने भाई पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव को पार्टी से निकाल दिया।

मैं सपा में रहूं या ना रहूं लेकिन इस धर्मयुद्ध में अखिलेश के साथ हूं : रामगोपाल

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के ‘समाजवादी कुनबे’ में जारी उथल-पुथल के बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा रविवार को अपने चाचा शिवपाल यादव समेत चार मंत्रियों को बर्ख्रास्त किये जाने के बाद सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश के हिमायती बताये जाने वाले अपने भाई पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव को पार्टी से निकाल दिया।

सपा के प्रान्तीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में रामगोपाल पर कई गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के निर्देश पर रामगोपाल को सपा से छह साल के लिये निकाल दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि रामगोपाल पूरी तरह भाजपा से मिले हैं। वह तीन बार भाजपा के एक बड़े नेता से मिल चुके हैं। वह यह सब इसलिये कर रहे हैं क्योंकि उनके सांसद पुत्र अक्षय यादव और पुत्रवधु नोएडा के पूर्व मुख्य अभियन्ता यादव सिंह द्वारा किये गये अरबों रुपये के घोटाले के प्रकरण में फंस रहे हैं।

शिवपाल ने आरोप लगाया कि रामगोपाल सपा को तोड़ने का षड्यंत्र कर रहे हैं और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इन सभी साजिशों को समझ नहीं पा रहे हैं। रामगोपाल ने अपनी बर्ख्रास्तगी के बाद मुम्बई से जारी एक पत्र में कहा ‘नेताजी (मुलायम) इस वक्त जरूर कुछ आसुरी शक्तियों से घिरे हुए हैं। जब वह उन ताकतों से मुक्त होंगे तो उन्हें सचाई का एहसास होगा। मैं समाजवादी पार्टी में रहूं या ना रहूं लेकिन इस धर्मयुद्ध में अखिलेश यादव के साथ हूं।’ सपा मुखिया को बड़ा भाई और राजनीतिक गुरु बताते हुए ताउम्र उनका सम्मान करने का संकल्प जताते हुए रामगोपाल ने कहा ‘मुझे पार्टी से निकाले जाने का कोई दुख नहीं है। मेरे उपर जो घटिया आरोप लगाये गये हैं, मुझे उनसे पीड़ा जरूर हुई है।’ 

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