यूपी पंचायत चुनाव : सपा को झटका, बसपा को फायदा
Advertisement

यूपी पंचायत चुनाव : सपा को झटका, बसपा को फायदा

रविवार को घोषित हुए प्रदेश के पंचायत चुनाव के नतीजों में समाजवादी पार्टी को तगड़ा झटका लगा है। गौर हो कि पंचायत चुनाव में समाजवादी पार्टी ने अपने मंत्रियों, पदाधिकारियों और जान पहचान वालों को बड़े पैमाने पर टिकट दिया था, लेकिन इनमें से ज्यादातर को हार का मुंह देखना पड़ा है।

यूपी पंचायत चुनाव : सपा को झटका, बसपा को फायदा

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की सत्ताधारी समाजवादी पार्टी को पंचायत चुनावों में राज्य के कुछ हिस्सों में भारी झटका लगा है। पार्टी के मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं के कई रिश्तेदार चुनाव हार गये हैं। मतदान चार चरणों में हुआ और मतगणना सोमवार को हुई।

मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी ने इन चुनावों में प्रभावशाली प्रदर्शन कर सबको चौंका दिया। जिला पंचायत चुनावों में पार्टी समर्थित अधिकांश उम्मीदवार जीत गये।

पंचायत चुनाव किसी पार्टी के चुनाव निशान पर नहीं लड़े जाते लेकिन पार्टियां उम्मीदवारों को अपना समर्थन देती हैं। जिला पंचायतों के 3112 पदों तथा ब्लाक पंचायत के 77576 पदों के लिए चुनाव हुए। कडी सुरक्षा के बीच 819 ब्लाक मुख्यालयों पर मतगणना हुई।

जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायत चुनावों में पहली बार उम्मीदवारों का समर्थन करने वाली भाजपा कोई खास प्रभाव नहीं छोड सकी। ये परिणाम इस लिहाज से भी अहम हैं कि ये विधानसभा चुनाव से लगभग डेढ़ साल पहले आये हैं।

भाजपा प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि परिणामों से पता चलता है कि राज्य की जनता विशेषकर गांव की आबादी ने भ्रष्ट और निष्प्रभावी सपा सरकार को ‘बाय बाय’ करने का फैसला कर लिया है। उनका आरोप है कि इन चुनावों में सरकारी मशीनरी का जमकर दुरूपयोग किया गया।

सपा ने हालांकि चुनाव हारने की खबरों को नकार दिया। पार्टी प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने दावा किया कि मतदाताओं ने सरकार की पिछले साढे तीन साल की नीतियों और कार्यक्रमों को मान्यता दी है। जनता ने भाजपा को पूरी तरह नकार दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में 48 जिला पंचायतों में से केवल आठ सीटों पर भाजपा समर्थित उम्मीदवार जीत पाये।

सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के निर्वाचन क्षेत्र आजमगढ के तमौसी गांव में पार्टी समर्थित उम्मीदवार चुनाव हार गया। मुलायम ने इस गांव को गोद लिया है।

असदुद्दीन ओवैसी की आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुसलिमीन ने आजमगढ में खाता खोला और उसके द्वारा समर्थित एक उम्मीदवार मकसुदिया में जीत गया।

राज्य चुनाव आयोग ने कहा कि क्षेत्र और जिला पंचायतों के चुनाव के बाद अब वह प्रधान और ग्राम पंचायत चुनावों के लिए तैयार है, जो 27 नवंबर से 12 दिसंबर के बीच चार चरणों में होंगे। प्रधान पद के चुनावों की अधिसूचना सात नवंबर को जारी की जाएगी।

सपा के कई मंत्रियों और नेताओं के रिश्तेदार चुनाव हार गये हैं। कुछ प्रभावशाली मंत्रियों की फजीहत हुई है। मंत्री मनोज पाण्डेय के भाई रायबरेली में हारे तो राम करन आर्य के पुत्र बस्ती में पराजित हुए।

मंत्री रामपाल सिंह की दोनों बेटियां सीतापुर में हार गयीं। उतर प्रदेश पैकफेड के अध्यक्ष तोताराम यादव के संबंधी भी जिला पंचायत चुनाव हार गये हैं। तोताराम के खिलाफ बूथ कैप्चरिंग के आरोप में एफआईआर है। उन्हें केवल 412 मत मिले।

Trending news