अखिलेश के मंसूबे में पलीता लगाएंगे शिवपाल? सियासी हलचल बढ़ाएगा 'चाचा' का ताजा बयान
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अखिलेश के मंसूबे में पलीता लगाएंगे शिवपाल? सियासी हलचल बढ़ाएगा 'चाचा' का ताजा बयान

शिवपाल यादव ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, 'मैं पार्टी में किसी जिम्मेदारी मिलने का इंतजार कर रहा हूं. यह इंतजार डेढ़ साल से जारी है.'

यूपी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह यादव के बीच झगड़ा शुरू हुआ था.

लखनऊ: समाजवादी पार्टी में लंबे समय से हाशिए पर चल रहे शिवपाल सिंह यादव के ताजा बयान से उत्तर प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो सकती है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के चाचा और पार्टी के वरिष्ठ नेता के ताजा बयान से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) खेमे में खुशी की लहर लौट सकती है. शिवपाल यादव ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, 'मैं पार्टी में किसी जिम्मेदारी मिलने का इंतजार कर रहा हूं. यह इंतजार डेढ़ साल से जारी है.' सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई शिवपाल के इस बयान से साफ है कि उन्होंने अभी तक भतीजे अखिलेश यादव को राजनीतिक माफी नहीं दी है. साल 2016 के आखिरी महीनों में चाचा-भतीजे के बीच शुरू हुई यह लड़ाई 2017 में हुए यूपी विधानसभा चुनाव तक जारी रही. चुनाव में सपा की कारारी हार के बाद ऐसा लगा मानो यह झगड़ा सुलझ गया है.

  1. शिवपाल सिंह यादव ने किया हिंट, पार्टी में हैं वे उपेक्षित
  2. कहा, डेढ़ साल से जिम्मेदारी मिलने का कर रहा हूं इंतजार
  3. शिवपाल अगर नई पार्टी बनाते हैं तो बीजेपी को होगा सीधा फायदा

फूलपुर, गोरखपुर और कैराना लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में सपा की जीत के बाद शिवपाल यादव सार्वजनिक रूप से भतीजे अखिलेश को बधाई देते नजर आए थे. इसके अलावा अखिलेश यादव कई सार्वजनिक मंचों से कह चुके हैं कि सत्ता जाने के बाद से पार्टी और परिवार में कोई झगड़ा नहीं है. उन्होंने यहां तक कहा था कि अगर चाचा शिवपाल राज्यसभा में जाना चाहते हैं तो वे उन्हें वहां भेज देंगे. होली सहित कई त्योहारों के मौके पर भी चाचा-भतीजे साथ-साथ दिख चुके हैं. इन सब बातों के बीच शिवपाल यादव का यह बयान आना कि वह पार्टी में किसी जिम्मेदारी मिलने का इंतजार कर रहे हैं, अखिलेश यादव की परेशानी बढ़ा सकता है.

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2019 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए अखिलेश यादव ने जैसे-तैसे करके बहुजन समाज पार्टी, कांग्रेस और राष्ट्रीय लोकदल को साथ लेकर महागठबंधन बनाने की कोशिश में लगे हैं. वे चाहते हैं कि मुख्य विपक्षी पार्टियों को एकमंच पर लाकर वे बीजेपी का मुकाबला कर पाएंगे. ऐसे में अगर शिवपाल यादव भले ही बीजेपी में शामिल नहीं होते हैं, लेकिन अगर वह नई पार्टी का भी गठन करके चुनाव मैदान में उतरते हैं तो वे सीधे तौर से समाजवादी पार्टी को नुकसान पहुंचाएंगे. वहीं बीजेपी को इसका सीधा फायदा मिलना तय माना जा रहा है. ये देखना दिलचस्प होगा कि अखिलेश यादव चुनाव से पहले चाचा शिवपाल को कैसे अपने साथ जोड़े रख पाते हैं.

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शिवपाल ने मुलायम के बयान पर कही ये बात
शनिवार को सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि अब लोग उनकी कद्र नहीं करते हैं. उनके इस बयान पर भाई शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि वे हमेशा बड़े भाई का सम्मान करते हैं. इकलौती बहन कमला देवी से राखी बंधवाने इटावा पहुंचे पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने कहा, 'मैं तो सम्मान कर रहा हूं जो नहीं कर रहा है उसको करना चाहिये जो कुछ भी हम लोग हैं नेताजी की वजह से हैं, में हमेशा नेता जी के साथ था और रहूंगा.' इस बयान में भी शिवपाल यादव ने सीधे तौर से भतीजे अखिलेश को निशाने पर लिया है.

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