स्मृति ईरानी ने अमेठी के लिए भेजा दिवाली गिफ्ट, बंटवाई 10 हजार साड़ियां
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स्मृति ईरानी ने अमेठी के लिए भेजा दिवाली गिफ्ट, बंटवाई 10 हजार साड़ियां

अमेठी के तिलोई के नाहर कोठी के पास हुए इस कार्यक्रम में बूथ अध्यक्षों सहित पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को साड़ी बांटकर स्मृति ईरानी की ओर से दिवाली की शुभकामनाएं दी गई. 

स्मृति ईरानी लगातार अमेठी के दौरे पर रहती हैं.

अमेठी: लोकसभा चुनाव 2019 जैसे-जैसे नजदीक आ रहा चुनावी सरगर्मियां लगातार बढ़ती जा रही है. एक ओर बीजेपी के खिलाफ विपक्षी दल एकजुट होकर 'महागठबंधन' बनाने का प्रयास कर रहे हैं. वहीं, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी अभी से ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र में अपनी पैठ बनाने में जुटी हुई हैं. अमेठी में सरकारी योजनाओं को लागू करवाने से लेकर अपने दौरों को लेकर चर्चा में बनी रहने वाली स्मृति ईरानी एक बार फिर से सुर्खियों में आ गई हैं. इस बार ईरानी कांग्रेस अध्यक्ष के संसदीय क्षेत्र अमेठी में 10 हजार साड़ियां बंटवाई हैं. 

दरअसल, उत्तर प्रदेश के अमेठी लोकसभा संसदीय क्षेत्र में स्मृति ईरानी की सक्रियता काफी समय से लोगों को चौंकाती रही है. इन सबके बीच ईरानी के निजी सचिव विजय गुप्ता शनिवार को 10 हजार साड़ियों के साथ अमेठी पहुंचे. एक कार्यक्रम में गुप्ता ने अमेठी के कार्यकताओं को दिवाली के उपहार स्वरूप यह साड़ियां बांटी. अमेठी के तिलोई के नाहर कोठी के पास हुए इस कार्यक्रम में बूथ अध्यक्षों सहित पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को साड़ी बांटकर स्मृति ईरानी की ओर से दिवाली की शुभकामनाएं दी गई. 

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इस बारे में बीजेपी के जिलाध्यक्ष उमाशंकर पाण्डेय ने बताया कि हर साल होली-दिवाली के अवसर पर स्मृति ईरानी अपनी बहनों को साड़ियों का उपहार भेजती हैं. इस बार उन्होंने दिवाली और धनतेरस की पूर्व संध्या पर लगभग 10 हजार साड़ियां अमेठी की बहनों के लिए भेजा है. उमाशंकर पाण्डेय ने कहा कि अमेठी से स्मृति ईरानी का रिश्ता ऐसा रिश्ता कायम हो गया है कि अमेठी में उन्हें सभी दीदी कहकर ही पुकारते हैं. 

स्मृति ईरानी लगातार अमेठी का दौरा करती रहती हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में वो अमेठी से चुनाव लड़ी थीं, लेकिन कम वोटों के अंतर से उन्हें राहुल गांधी ने हरा दिया था. चुनाव हारने के बावजूद स्मृति ईरानी ने अमेठी से अपना नाता नहीं छोड़ा और यहां ज्यादा से ज्यादा समय बिताना चाहती हैं. जब कभी उन्हें मौका मिलता है वह अमेठी पहुंच जाती हैं.

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