संतों का कहना है कि जब सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद भाजपा सरकार एससी/एसटी एक्ट के लिए बिल ला रही है तो अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए कानून क्यों नहीं बना सकती.
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लखनऊ: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के मुद्दे को लेकर संतों ने एक बार फिर से नरेंद्र मोदी सरकार को घेरा है. संतों का कहना है कि जब सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद भाजपा सरकार एससी/एसटी एक्ट के लिए बिल ला रही है तो अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए कानून क्यों नहीं बना सकती. श्री रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा की भाजपा सरकार जब सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को नकार कर बिल ला सकती है. तो अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए बिल क्यों नहीं ला सकती?
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा राम के नाम पर सत्ता में गई है और अब राम को भूल गई है. उन्होंने कहा कि सरकार जानबूझ कर मामले को टालने की कोशिश में लगी हुई है. राम भक्त इसे स्वीकार नहीं करेंगे. आचार्य ने भाजपा सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि आगामी चुनाव में इसका परिणाम भुगतना पड़ सकता है. भाजपा अभी से चेत जाए.
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उधर, धर्मसेना के अध्यक्ष कारसेवक संतोस डूबे का कहना है की सरकार को भव्य मंदिर निर्माण के लिए बिल लाना चाहिए. यही सही समय है. उन्होंने कहा कि अगर अभी ऐसा नहीं हुआ तो सरकार बचेगी नहीं. उन्होंने कहा कि मंदिर बनाया तो दोबारा भाजपा की सरकार बनेगी. वहीं, श्री राम जन्म भूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास का कहना है की केंद्र की भाजपा सरकार बहुमत में है. सरकार अपने आप राम मंदिर का निर्माण करेगी. जनता ने केंद्र और प्रदेश की सरकार को राम मंदिर निर्माण के लिए ही चुना है. राम मंदिर निर्माण का दायित्व सरकार पर है.