लोकसभा चुनाव 2019 के लिए यूपी BJP का प्लान, हर बूथ पर होंगे 5 'स्मार्ट' कार्यकर्ता
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लोकसभा चुनाव 2019 के लिए यूपी BJP का प्लान, हर बूथ पर होंगे 5 'स्मार्ट' कार्यकर्ता

हर बूथ पर स्मार्टफोन लिए 5 कार्यकर्ताओं को उनकी ताकत का एहसास दिलाने के लिए बीजेपी इन कार्यकर्ताओं का एक सम्मेलन तक करने जा रही है.

उत्तर प्रदेश बीजेपी ने लोकसभा चुनावों के लिए बूथ स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है (फाइल फोटो)

लखनऊ (उत्कर्ष चतुर्वेदी) : अगले साल होने जा रहे लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश बीजेपी तकनीक को बूथ स्तर तक इस्तेमाल करने की योजना बना रही है. पार्टी यहां हर बूथ पर 5 ऐसे कार्यकर्ता तैनात करेगी जिनके पास स्मार्टफोन होंगे. इसके साथ ही कार्यकर्ताओं के फोन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 'नमो ऐप' भी डाउनलोड होगा. बीजेपी का मानना है कि बूथ स्तर तक इस योजना के जरिए बूथ कार्यकर्ताओं और आम लोगों को सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके ऐप के जरिए जोड़ा जा सकेगा. इसके अलावा स्मार्ट फोन के प्रयोग से लोगों को केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं की जानकारी भी दी जा सकेगी.

बीजेपी यूपी के आईटी सेल के प्रभारी संजय राय ने बताया कि उनकी कोशिश है कि हर बूथ पर 5 स्मार्ट कार्यकर्ता होने चाहिए. ये कार्यकर्ता स्मार्टफोन से लैस होंगे ताकि, लोगों को तकनीक के जरिए केंद्र और राज्य सरकार के किए काम दिखाए जा सकें. इसके अलावा पीएम मोदी का 'नमो ऐप' एक ऐसी तकनीक है जो कि लोगों को सीधे प्रधानमंत्री से जोड़ता है. बीजेपी का प्लान है कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को 'नमो ऐप' से तकनीकी तौर पर जुड़ने में दिक्कत नहीं हो, ऐसे में कार्यकर्ता लोगों को उन्हें इस ऐप से जोड़ने का काम करेंगे. इसके साथ ही हर जिले और मंडल में 'नमो ऐप' के प्रभारी भी बनाए जाएंगे.

बीजेपी के इस प्लान पर विपक्षी समाजवादी पार्टी का कहना है कि तकनीक के बहाने एक बार लोगों को गुमराह करने की ये बीजेपी कोशिश है. पार्टी के प्रवक्ता सुनील सिंह साजन ने बीजेपी की रणनीति पर उन्हें ही घेरते हुए कहा कि कि बीजेपी ने अपना पिछला काम तो किया नहीं, अब क्या दिखाएंगे. बूथ स्तर पर स्मार्टफोन लिए कार्यकर्ता अब हर पार्टी के पास हैं. हम भी लोगों को इसके जरिए बीजेपी की सच्चाई बताएंगे.

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वहीं यूपी कांग्रेस के प्रवक्ता जीशान हैदर ने कहा कि बीजेपी सोशल मीडिया में झूठ औऱ जुमले की राजनीति से सत्ता तक पहुंची थी. बाकि पार्टीयों ने उस पर ध्यान नहीं दिया था. लेकिन पिछले 5 सालों में सभी राजनीतिक दलों ने तकनीक का प्रयोग किया है. सभी दल सोशल मीडिया के जरिए लोगों को जोड़ रहे हैं. इस बार बीजेपी का सोशल मीडिया के जरिए झूठ और जुमला नहीं चलने देंगे.

हालांकि ये जरूर है कि सभी पार्टियां इस बार तकनीक के प्रयोग में बराबर दिखाई दे रही हैं. लेकिन पार्टी मुख्यालयों में वॉर रूम से बाहर निकलकर बूथ तक तकनीक को पहुंचाने की बीजेपी की रणनीति कुछ अलग दिखाई देती है. हर बूथ पर स्मार्ट फोन लिए 5 कार्यकर्ताओं को उनकी ताकत का एहसास दिलाने के लिए बीजेपी इन कार्यकर्ताओं का एक सम्मेलन तक करने जा रही है. राज्य स्तर के इस सम्मेलन के जरिए कार्यकर्ताओं को ये बताया जाएगा कि वे अकेले नहीं बल्कि एक बड़ी टीम है जो कि मिशन 2019 के लिए कमर कस चुकी है. बीजेपी का ये प्लान क्या पिछले चुनावों जैसी सफलता पार्टी को दिला पाता है और 65 फीसदी के लगभग युवा वोटरों को रिझाने में कामयाब होता है या फिर इसी तकनीक के जरिए विपक्षी दल बीजेपी को घेरने में सफल हो पाते हैं ये आने वाले समय में साफ हो पाएगा.

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