पत्रकार जगेन्द्र हत्याकांड : बेटे का यू-टर्न, आरोपी मंत्री को बताया निर्दोष
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पत्रकार जगेन्द्र हत्याकांड : बेटे का यू-टर्न, आरोपी मंत्री को बताया निर्दोष

उत्तर प्रदेश के सियासी और समाजी गलियारों में गुबार उठाने वाले पत्रकार जगेन्द्र कथित हत्याकांड मामले में शनिवार को उसके बेटे ने अपने रुख में नाटकीय बदलाव करते हुए आरोपी राज्यमंत्री राममूर्ति वर्मा को निर्दोष करार दिया और मामले की सीबीआई जांच के सिलसिले में उच्चतम न्यायालय में दायर याचिका को वापस ले लिया।

पत्रकार जगेन्द्र हत्याकांड : बेटे का यू-टर्न, आरोपी मंत्री को बताया निर्दोष

शाहजहांपुर : उत्तर प्रदेश के सियासी और समाजी गलियारों में गुबार उठाने वाले पत्रकार जगेन्द्र कथित हत्याकांड मामले में शनिवार को उसके बेटे ने अपने रुख में नाटकीय बदलाव करते हुए आरोपी राज्यमंत्री राममूर्ति वर्मा को निर्दोष करार दिया और मामले की सीबीआई जांच के सिलसिले में उच्चतम न्यायालय में दायर याचिका को वापस ले लिया।

जगेन्द्र के बेटे राहुल ने प्रकरण के आरोपी पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्यमंत्री राममूर्ति वर्मा को निर्दोष करार दिया और कहा कि उसके पिता ने पुलिस द्वारा गिरफ्तारी से होने वाली बदनामी से बचने के लिये खुद को आग लगायी थी, लेकिन वह ज्यादा हो गयी और जगेन्द्र बुरी तरह झुलस गये जिससे बाद में उसकी मौत हो गयी।

राहुल ने कहा कि उनके पिता जगेन्द्र कुछ राजनेताओं की साजिश के शिकार हो गये थे, इसलिये उन्होंने राज्यमंत्री वर्मा के खिलाफ लिखना शुरू कर दिया था। वर्मा पूरी तरह निर्दोष हैं और उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया जा रहा है। उसने कहा कि मामले की सीबीआई जांच के आदेश देने के आग्रह के सम्बन्ध में उसने उच्चतम न्यायालय में जो याचिका दायर की थी, वह अब वापस ले ली गयी है।

इस बीच, राज्यमंत्री वर्मा पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने कहा कि उसने आरोप जगेन्द्र के बहकावे में आकर लगाये थे। गत एक जून को शाहजहांपुर में सदर बाजार इलाके की आवास विकास कालोनी स्थित अपने घर पर पुलिस की छापेमारी के दौरान पत्रकार जगेन्द्र संदिग्ध परिस्थितियों में झुलस गये थे और आठ जून को उनकी मौत हो गई थी।

पत्रकार के परिजन की शिकायत पर पुलिस ने प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्यमंत्री राममूर्ति वर्मा और तत्कालीन थाना प्रभारी समेत कई लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। उच्चतम न्यायालय ने गत 22 जून को पत्रकार की कथित तौर पर जलाकर हत्या किए जाने के मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर दायर याचिका पर केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया था।

पत्रकार के पिता और बेटे ने 22 जून को ही मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात की थी। इस दौरान अखिलेश ने न्याय का भरोसा दिलाने के साथ-साथ पीड़ित परिवार को 30 लाख रुपये की मदद तथा पत्रकार के दोनों बच्चों को सरकारी नौकरी दिलाने की घोषणा की थी।

इस बीच, जगेन्द्र मामले को जोरशोर से उठाने वाले वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने मृत पत्रकार के पुत्र के रुख में अचानक आये बदलाव के पीछे दबाव की आशंका जाहिर करते हुए प्रधान न्यायाधीश को पत्र लिखकर जगेन्द्र के बेटों तथा मामले के सभी गवाहों की सुरक्षा करने तथा सही बात सामने लाने के लिये राज्य सरकार को उपयुक्त माहौल बनाने के निर्देश देने का अनुरोध किया है।

ठाकुर ने कहा, ‘जगेन्द्र के बेटों ने उनके सामने कहा था कि उनके पिता को राज्यमंत्री राममूर्ति वर्मा के कारण मारा गया है। जिस तरह मृत पत्रकार के परिजन अपने बयान बदल रहे हैं, उससे लगता है कि वर्मा अपनी ताकत और सत्ता का दुरुपयोग करके गवाहों पर अनुचित दबाव बना रहे हैं।’

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