1 साल से भटक रही थी रेप पीड़िता, DM से लेकर CM तक लगाई गुहार, नहीं मिला न्याय तो लगा ली फांसी
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1 साल से भटक रही थी रेप पीड़िता, DM से लेकर CM तक लगाई गुहार, नहीं मिला न्याय तो लगा ली फांसी

दुष्कर्म से पीड़ित एक महिला ने पुलिस की कार्य प्रणाली से निराश होकर आत्महत्या कर ली.

परिजन के मुताबिक महिला का पति कामकाज के सिलसिले में हरियाणा में रहता था.(प्रतीकात्मक तस्वीर)

गोण्डा (उप्र): जिले में कथित तौर पर दुष्कर्म से पीड़ित एक महिला ने पुलिस की कार्य प्रणाली से निराश होकर आत्महत्या कर ली. घटना के बाद दो पुलिस निरीक्षकों को निलंबित कर दिया गया है. पुलिस सूत्रों ने बुधवार को बताया कि कर्नलगंज थाना क्षेत्र की रहने वाली 35 वर्षीय महिला ने गत सोमवार रात अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. उन्होंने बताया कि महिला के परिजन का आरोप है कि उससे पिछले साल सामूहिक दुष्कर्म की घटना हुई थीं.  मगर पुलिस की लापरवाही से तंग आकर उसने आत्महत्या कर ली. परिजन के मुताबिक महिला का पति कामकाज के सिलसिले में हरियाणा में रहता था.

उसके गांव के ही रहने वाले दो सगे भाइयों श्याम कुमार और शंकर दयाल ने खुद को तांत्रिक विद्या का जानकार बताते हुए महिला को उसके पति का हरियाणा में ही एक अन्य महिला के साथ अवैध संबंध होने की जानकारी दी थी .  साथ ही पति को उस महिला के मोहपाश से मुक्त कराने का उपाय भी बताया था.

आरोप है कि इसी का झांसा देकर श्याम और शंकर ने उसके साथ सात फरवरी 2018 को दुष्कर्म किया. वारदात का वीडियो वायरल करने की धमकी देते हुए उन्होंने पीड़िता के साथ बाद में कई बार बलात्कार किया. बाद में महिला ने सात अगस्त को स्थानीय थाने में दोनों आरोपियों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म तथा जान से मारने की धमकी के आरोप में प्रकरण दर्ज कराया था.

परिजन का कहना है कि मामले की विवेचना करने वाले कर्नलगंज थाने के निरीक्षक (अपराध) अजीत प्रताप सिंह ने मामले की ठीक से जांच किये बगैर अंतिम रिपोर्ट न्यायालय दाखिल कर दी. महिला के अनुरोध पर तत्कालीन पुलिस अधीक्षक लल्लन सिंह ने अपराध शाखा के निरीक्षक परमानंद तिवारी से इसकी दोबारा विवेचना करायी.

उन्होंने भी साक्ष्यों का अभाव बताकर मुकदमे में अंतिम रिपोर्ट लगा दी.  इस बीच न्याय ना मिलने से आहत पीड़िता ने पिछले साल 15 सितम्बर को लखनऊ में विधानभवन के सामने धरना दिया था. साथ ही मुख्यमंत्री आवास के सामने आत्मदाह का प्रयास भी किया था. मौके पर मौजूद पुलिस कर्मियों ने उसे रोकते हुए और न्याय दिलाने का आश्वासन देकर गोण्डा भेज दिया था.

परिजन के मुताबिक पुलिस की लापरवाहीपूर्ण कार्रवाई से क्षुब्ध होकर महिला ने सोमवार रात अपने घर की छत में लगे हुक के सहारे फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. पुलिस अधीक्षक आर.पी. सिंह ने बताया कि इस मामले में विवेचक अजीत प्रताप सिंह और परमानंद तिवारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.

साथ ही विवेचना में लापरवाही के कारण प्रभारी निरीक्षक वेद प्रकाश श्रीवास्तव को भी लाइन हाजिर कर दिया है. पुलिस ने शव का पंचनामा करवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. 

इनपुट भाषा से भी 

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