ZEE जानकारीः अयोध्या की राजकुमारी ने कोरिया में बड़े राजवंश की रखी थी नींव!
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ZEE जानकारीः अयोध्या की राजकुमारी ने कोरिया में बड़े राजवंश की रखी थी नींव!

अयोध्या में दीवाली का त्यौहार इस बार ऐतिहासिक है क्योंकि दक्षिण कोरिया की First Lady... Kim Jung-sook, दीपोत्सव के इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगी.

ZEE जानकारीः अयोध्या की राजकुमारी ने कोरिया में बड़े राजवंश की रखी थी नींव!

आज धनतेरस के साथ ही पांच दिन का दीप पर्व शुरू हो गया है. यानी दीवाली के पर्व की शुरुआत आज से हो गई है. दीवाली, भगवान राम की अयोध्या वापसी का त्यौहार है. पूरी दुनिया में अयोध्या की प्रतिष्ठा और मान-सम्मान है, क्योंकि अयोध्या, भगवान राम की जन्मभूमि है. 

अगर आप ध्यान से देखेंगे और ऐतिहासिक किताबों को पढ़ेंगे तो आपको एहसास होगा कि दक्षिण एशिया पर भारत की संस्कृति और अयोध्या की गहरी छाप पड़ी है . मलेशिया, थाईलैंड, म्यांमार और इंडोनेशिया, इन सभी जगहों पर आज भी भगवान राम बहुत लोकप्रिय हैं . इन देशों में आज भी रामलीला का मंचन किया जाता है . लोग पूरी दुनिया से अयोध्या के दर्शन करने के लिए आते हैं . लेकिन दुख की बात ये है अयोध्या अपने DNA यानी राम जन्मभूमि की वजह से आज भी विवादों में घिरी हुई है. अयोध्या में राम जन्म भूमि आज भी अपने वैभव और सम्मान की तलाश कर रही है क्योंकि वहां भगवान राम की प्रतिमा एक Tent में मौजूद है . 

इस बार उत्तर प्रदेश की सरकार, अयोध्या में भगवान राम की वापसी का उत्सव मनाएगी . उत्तर प्रदेश की सरकार ने अपील की है कि इस बार दीवाली पर हर व्यक्ति, कम से कम एक दीपक, भगवान राम के लिए अवश्य जलाएं. अयोध्या में दीवाली का त्यौहार इस बार ऐतिहासिक है क्योंकि दक्षिण कोरिया की First Lady... Kim Jung-sook, कल दीपोत्सव के इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगी .दक्षिण कोरिया के लोगों का अयोध्या से एक भावनात्मक लगाव है . क्योंकि दक्षिण कोरिया के बहुत सारे लोग खुद को अयोध्या की राजकुमारी सूरीरत्ना का वशंज मानते हैं . 

हज़ारों वर्ष पहले त्रेता युग में अयोध्या के राजा राम की कहानी तो सभी जानते हैं . लेकिन आज हम आपको अयोध्या की उस राजकुमारी की कहानी सुनाएंगे जिसने 2 हज़ार वर्ष पहले, कोरिया में एक बहुत बड़े राजवंश की नींव रखी थी. दक्षिण कोरिया की संस्कृति में अयोध्या वाले DNA का एक महत्वपूर्ण स्थान है. इसके बारे में आपको पता होना चाहिए.

दक्षिण कोरिया की First Lady कल अयोध्या की राजकुमारी सूरी-रत्ना के स्मारक पर भी जाएंगी . बहुत कम लोगों को इस बारे में जानकारी होगी कि दक्षिण कोरिया के 10 प्रतिशत यानी करीब 60 लाख लोग खुद को अयोध्या की एक राजकुमारी सूरी-रत्ना का वंशज मानते हैं . अयोध्या की राजकुमारी सूरीरत्ना, दक्षिण कोरिया में एक राजमाता की तरह पूजनीय हैं . पूरी दुनिया में राजमाता का पद बहुत बड़ा माना जाता है . राजमाता के सामने बड़े बड़े सम्राट भी सिर झुकाते हैं . आपके मन में ये बात आ रही होगी कि आखिर दक्षिण कोरिया में राजमाता जैसा सम्मान पाने वाली राजकुमारी सूरी-रत्ना कौन हैं ? आपको ये समझाने के लिए आज हमने काफी गहरा Research किया है . 

दक्षिण कोरिया की सरकार ये दावा करती है कि आज से करीब 2 हज़ार वर्ष पहले अयोध्या की एक राजकुमारी सूरी-रत्ना का विवाह, कोरिया के राजा किम सूरो से हुआ था . Chinese भाषा में दर्ज 13वीं शताब्दी के एक दस्तावेज़ 'सामगुक युसा' में कहा गया है कि ईश्वर ने अयोध्या की राजकुमारी के पिता को सपने में आकर ये निर्देश दिया था कि वो अपनी बेटी को कोरिया के राजा किम सू-रो से विवाह करने के लिए किम-ह्ये शहर भेजें . दक्षिण कोरिया के इतिहासकारों का दावा है कि तब अयोध्या के राजा ने ऐसा ही किया. दक्षिण कोरिया के किम-ह्ये शहर में आज भी राजकुमारी सूरी-रत्ना की समाधि है . दक्षिण कोरिया का दावा है कि वहां पर लगा पत्थर अयोध्या से लाया गया था . कोरिया के कई हिस्सों पर लंबे समय तक राजकुमारी सूरी-रत्ना के वंश ने राज किया था . 

दक्षिण कोरिया में इसे करक वंश के नाम से जाना जाता है . माना जाता है कि उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के Kim, Surname के लोग करक वंश से हैं . दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति Kim Dae-jung और पूर्व प्रधानमंत्री Kim Jong-pil भी खुद को करक वंश से संबंधित बताते रहे हैं. दक्षिण कोरिया और अयोध्या के बीच करीब 4 हज़ार 300 किलोमीटर की दूरी है . अगर आज किसी को अयोध्या से दक्षिण कोरिया जाना हो तो पहले नेपाल में हिमालय के पर्वतों को पार करना होगा और इसके बाद बहुत विशाल क्षेत्रफल वाले देश चीन को भी पार करना होगा . 

दक्षिण कोरिया के लोग ये दावा करते हैं कि अयोध्या की राजकुमारी सूरी-रत्ना, समुद्री मार्ग से दक्षिण कोरिया पहुंची थीं . ये हिंद महासागर से गुज़रने वाला वही रास्ता है जिसका इस्तेमाल आज भी पूरी दुनिया के व्यापारी करते हैं . इस रास्ते से दक्षिण कोरिया और अयोध्या के बीच की दूरी और भी ज़्यादा बढ़ जाती है . 
ये कहानी कितनी प्रामाणिक है . इस बारे में कुछ भी कहना बहुत मुश्किल है . लेकिन दक्षिण कोरिया के लोगों की भावनाएं अयोध्या से जुड़ी हुई हैं . और इस बात से कोई भी इनकार नहीं कर सकता . 

सन 2000 में भारत और दक्षिण कोरिया के बीच एक समझौता हुआ जिसके तहत ये फैसला किया गया कि भारत के अयोध्या और दक्षिण कोरिया के किम-ह्ये शहर को Sister Cities की तरह विकसित किया जाएगा . इसके बाद वर्ष 2001 में 100 से ज़्यादा इतिहासकारों और सरकारी प्रतिनिधियों ने अयोध्या में सरयू नदी के किनारे Queen Hwang-ओक memorial का शिलान्यास किया था . खुद को अयोध्या की राजकुमारी सूरी-रत्ना का वंशज मानने वाले दक्षिण कोरिया के लोग यहां दर्शन के लिए आते हैं . 

दक्षिण कोरिया की First Lady... Kim Jung-sook ने आज दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है . दक्षिण कोरिया और भारत के बीच के रिश्ते इस मुलाकात के बाद और मजबूत हुए हैं . कल दक्षिण कोरिया की First Lady अयोध्या में दीप उत्सव के कार्यक्रम में हिस्सा लेंगी . इसके लिए पूरी अयोध्या को ख़ासतौर पर सजाया गया है . 

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