भूमि अधिग्रहण बिल पर भी संसद में आज भी हंगामे के आसार, नई रणनीति को लेकर बीजेपी ने की बैठक
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भूमि अधिग्रहण बिल पर भी संसद में आज भी हंगामे के आसार, नई रणनीति को लेकर बीजेपी ने की बैठक

विवादास्पद भूमि अधिग्रहण विधेयक के मुद्दे को लेकर बजट सत्र के दूसरे चरण के दूसरे दिन मंगलवार को भी लोकसभा में हंगामे के आसार हैं। सोमवार को कांग्रेस की अगुवाई में एकजुट विपक्ष ने भूमि अधिग्रहण अध्यादेश फिर से प्रख्यापित किए जाने का जबर्दस्त विरोध किया था। उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई। सूत्रों के अनुसार, बैठक में भूमि विधेयक को राज्‍यसभा में पारित करने को लेकर रणनीति पर चर्चा की गई।   

भूमि अधिग्रहण बिल पर भी संसद में आज भी हंगामे के आसार, नई रणनीति को लेकर बीजेपी ने की बैठक

नई दिल्‍ली : विवादास्पद भूमि अधिग्रहण विधेयक के मुद्दे को लेकर बजट सत्र के दूसरे चरण के दूसरे दिन मंगलवार को भी लोकसभा में हंगामे के आसार हैं। सोमवार को कांग्रेस की अगुवाई में एकजुट विपक्ष ने भूमि अधिग्रहण अध्यादेश फिर से प्रख्यापित किए जाने का जबर्दस्त विरोध किया था। उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई। सूत्रों के अनुसार, बैठक में भूमि विधेयक को राज्‍यसभा में पारित करने को लेकर रणनीति पर चर्चा की गई।   

केंद्रीय मंत्री वैंकेया नायडू ने आज राहुल गांधी का आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि अध्‍यादेशों पर तो कांग्रेस की सरकार अब तक चली है। बीते 50 साल में कांग्रेस 46 अध्‍यादेश लेकर आई। भूमि विधेयक पर बीजेपी ने अब कांग्रेस की तुलना शैतान से की है। भूमि अध्‍यादेश पर राहुल के भाषण की तुलना बीजेपी ने शैतान से की। वैंकेया ने कहा कि दस बार झूठ बोलने से यह सच में नहीं बदल जाता है। सौ चूहे खाकर बिल्‍ली अब हज को चली है। कांग्रेस ऐसे बोल रही है जैसे शैतान का प्रवचन।

कांग्रेस इस मुद्दे पर सरकार पर आरोप लगा रही है कि वह बिल बैक डोर से पास कराना चाहती है। कांग्रेस की मांग है कि सरकार इसे संसद की स्थायी समिति को भेज दे। लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा कि जब भी विधेयक नये स्वरुप में आता है हम चाहते हैं कि ऐसे विधेयकों को स्थायी समिति को भेजा जाए।

इससे पहले, सोमवार को सदन में जब संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव प्रताव रूडी ने प्रख्यापित भूमि अध्यादेश की प्रति सदन के पटल पर रखी तब कांग्रेस, वाममोर्चा, तृणमूल कांग्रेस, सपा, राजद और अन्य दलों के आक्रोशित सदस्य इसके विरोध में अध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारे लगाने लगे। इस अध्यादेश को राष्ट्रपति द्वारा तीन अप्रैल को प्रख्यापित किया गया है। विपक्षी सदस्य ‘विधेयक वापस लो’ के नारे लगा रहे थे और अध्यादेश को पुन: जारी किए जाने को लोकतंत्र की हत्या करार दे रहे थे। इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी तथा सपा नेता मुलायम सिंह यादव जैसे प्रमुख नेता सदन में मौजूद थे, जबकि ज्योतिरादित्य सिंधिया, केसी वेणुगोपाल, राजेश रंजन, धर्मेन्द्र यादव, गौरव गोगोई आदि आध्यक्ष के आसन के समीप आकर नारे लगा रहे थे।

अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदस्यों को शांत कराने का प्रयास करते हुए कहा कि अभी विधेयक पेश नहीं हुआ है तब इस तरह के विरोध का क्या मलतब है। जब विधेयक पेश होगा तो वे अपनी बात रख सकते हैं। इस दौरान अध्यक्ष ने महिला खिलाड़ी सायना नेहवाल और सानिया मिर्जा की क्रमश: बैडमिंटन और टेनिस के क्षेत्र में शानदान उपलब्धियों पर इन्हें सदन की ओर से बधाई दी। हंगामे के दौरान ही विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ‘यमन गणराज्य में हाल में हुए घटनाक्रमों और वहां से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए किये गए प्रयासों’ के बारे में बयान दिया। खड़गे ने कहा कि नहीं तो दूसरी बार अध्यादेश लाने की कोई जरूरत नहीं थी। यदि आपकी लोकतंत्र में आस्था है तो आपको दोनों सदनों के सदस्यों को विश्वास में लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि 2013 का विधेयक बना रहे, अन्य कोई सवाल नहीं है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने संसद के बजट सत्र में अपने पहले भाषण में कहा कि किसानों और श्रमिकों की समस्याओं पर सरकार संतोषजनक जवाब नहीं दे सकती।

ताजा अध्यादेश नरेंद्र मोदी सरकार का 11 वां अध्यादेश है जिसमें उन नौ संशोधनों को शामिल किया गया है जो गत महीने लोकसभा में पारित विधेयक का हिस्सा थे।

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