योग को लेकर नीतीश और बीजेपी के बीच जुबानी जंग जारी
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योग को लेकर नीतीश और बीजेपी के बीच जुबानी जंग जारी

पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को नीतीश पर अमित शाह और बाबा रामदेव के खिलाफ की गयी टिप्पणी पर आरोप लगाया कि वह प्राचीन व्यायाम पद्धति योग को लेकर जागरूकता अभियान को सरकारी कार्यक्रम इस घोषित नहीं कर रहे हैं, क्योंकि भाजपा उसे आयोजित कर रही है।

पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को नीतीश पर अमित शाह और बाबा रामदेव के खिलाफ की गयी टिप्पणी पर आरोप लगाया कि वह प्राचीन व्यायाम पद्धति योग को लेकर जागरूकता अभियान को सरकारी कार्यक्रम इस घोषित नहीं कर रहे हैं, क्योंकि भाजपा उसे आयोजित कर रही है।

अपने आवास पर जनता दरबार के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए सुशील ने आगामी 21 जून को अंतराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर योग के प्रचार अभियान शुरू करने को लेकर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और योग गुरु बाबा रामदेव के खिलाफ अनावश्यक हमला कर रहे हैं। स्वयं योग के समर्थक और उसका अभ्‍यास करते हैं, उन्हें प्राचीन व्यायाम पद्धति के प्रचार के लिए अगले सप्ताह चलाए जाने वाले अभियान को सरकारी कार्यक्रम घोषित करना चाहिए।

सुशील ने स्पष्ट किया कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष आगामी 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर प्रदेश की राजधानी पटना में आयोजित योग शिविरों में से एक में भाग लेंगे न कि योग अभ्‍यास करेंगे जैसा की मुख्यमंत्री द्वारा उसे राजनीतिक तूल दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव शारीरिक स्वस्थता के लिए देश और दुनिया में प्राचीन व्यायाम पद्धति योग को जिस प्रकार से बढावा दे रहे है वह उल्लेखनीय है और इसके लिए बधायी के पात्र हैं।

उल्लेखनीय है कि नीतीश ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को प्रोत्साहित करने के वास्ते प्रचार अभियान शुरू करने को लेकर कल भाजपा पर यह कहते हुए एक बार फिर निशाना साधा था कि प्राचीन व्यायाम पद्धति प्रचारित करने की नहीं बल्कि एकांत में करने की चीज है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर कार्यक्रम आयोजित करने के लिए मुंगेर के प्रख्यात योग केंद्र को शामिल नहीं किए जाने पर सुशील कुमार मोदी ने कहा कि यह किसी पार्टी या सरकार का कार्यक्रम नहीं बल्कि जिन्हें भी इसमें रुचि है और इसके लाभ को समझते हैं वे अपनी सुविधा के अनुसार कार्यक्रम आयोजित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि योग के अभ्‍यासकर्ता होने के साथ उसके लाभ को जानने वाले मुख्यमंत्री को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर तनावमुक्त जीवन के लिए पुलिसकर्मियों और कैदियों के लिए योग शिविर लगवाना चाहिए।

सुशील ने अन्य दलों से भी अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए इस तरह का योग शिविर लगाने की अपील की और कहा कि अगर उनकी पार्टी आगामी सितंबर-अक्तूबर में संभावित बिहार विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता में आने पर प्राचीन व्यायाम पद्धति को स्कूली पाठ्यक्रम में ऐच्छिक विषय के रूप में शामिल करेगी।

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