भारत-चीन सीमा मुद्दे के समाधान में वीटो है पाक के पास : नटवर
Advertisement

भारत-चीन सीमा मुद्दे के समाधान में वीटो है पाक के पास : नटवर

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगले माह चीन की प्रस्तावित यात्रा से पहले पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह ने मंगलवार को कहा कि चीन-भारत सीमा मुद्दे के ‘अंतिम समाधान’ के लिए वीटो पाकिस्तान के पास होगा।

भारत-चीन सीमा मुद्दे के समाधान में वीटो है पाक के पास : नटवर

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगले माह चीन की प्रस्तावित यात्रा से पहले पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह ने मंगलवार को कहा कि चीन-भारत सीमा मुद्दे के ‘अंतिम समाधान’ के लिए वीटो पाकिस्तान के पास होगा।

सिंह ने कहा, ‘चीन-भारत संबंध चीन-पाकिस्तान रिश्ते से बंधे हुए हैं। चीन-भारत सीमा समाधान का अंतिम निर्णय करने में पाकिस्तान के पास वीटो होगा। यह एक सत्यता है।’ उन्होंने यह बात यहां यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टीट्यूट आफ इंडिया में पूर्व राजदूत रंजीत सिंह काल्हा की पुस्तक ‘इंडिया चाइना बाउंड्री इश्यूज.क्वेस्ट फार सेटलमेंट’ पर चर्चा के दौरान कही। काल्हा ने 1985 से 1988 के दौरान भारतीय चीन सीमा उप समूह में भारतीय पक्ष का नेतृत्व किया था।

वर्तमान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की चीन यात्रा के बाद दिये गये बयान का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा, ‘उन्होंने (सुषमा ने) सीधेपन में यह कह दिया कि चीनी भारत को संरा सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनाये जाने के बारे में सहमत हो गया है। चीनी लोग जो कह रहे हैं उसका यह मतलब है कि वे चाहते हैं कि भारत संरा में एक सक्रिय भूमिका निभाये।’ पूर्व राजनयिक ने ध्यान दिलाया कि एशिया, लातिन अमेरिका एवं दक्षिणी अमेरिका के देशों में से चीन एकमात्र ऐसा देश है जो सुरक्षा परिषद में स्थायी प्रतिनिधित्व करता है और उसके पास वीटो का अधिकार है। वह भारत को कभी अंदर आने और उसकी इजाजत नहीं देगा जिसका वह लाभ उठा रहा है।

पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह ने कहा कि इसके अलावा यदि चीन स्थायी सीट के लिए भारत के दावे पर सहमत भी हो जाता हो वह एकमात्र देश नहीं होगा। सिंह ने कहा, ‘उसमें एक मुस्लिम देश, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, इंडोनेशिया का पैकेज होगा।’ उन्होंने यह भी कहा कि संरा सुरक्षा परिषद का सुधार बहुत कुछ चीन पर निर्भर करेगा।

उन्होंने कहा कि भारत चीन सीमा विवाद का समाधान बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने चीन के साथ निबटने के मामले में फैसले में त्रुटि की है। सिंह ने कहा कि चीनी लोग व्यावहारिक सिद्धांतों पर आधारित राजनीति करते हैं और हम नहीं। यह बुनियादी तथ्य है। राजीव गांधी एवं मनमोहन सिंह सरकार में मंत्री रह चुके सिंह ने कहा कि दुनिया इस बात को जानने को बेहद उत्सुक है कि भारतीय प्रधानमंत्री किस प्रकार के राजनीतिक नेता हैं।

उन्होंने कहा कि मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में कई बार चीन गये हैं तथा वह गुजरात सिंड्रोम से बाहर आ गये हैं। प्रधानमंत्री बनने से कुछ हफ्ते पहले मोदी से अपनी मुलाकात का उन्होंने स्मरण किया। सिंह ने मोदी से कहा कि वह अपने कई भाषणों में विदेश नीति का उल्लेख नहीं करते हैं।

उन्होंने कहा, ‘मैंने उनसे कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में आप विदेश नीति की रूपरेखा बनायेंगे। दुनिया बहुत जटिल स्थान है तथा भारत भी। गांधीनगर से हमें भारत का एक दृष्टिकोण देखने को मिलता है तो दिल्ली से दूसरा और शंघाई से एक अन्य नजरिया।’ सिंह ने कहा कि जो आप करते हैं, वह विदेश नीति होती है और आप उसे कैसे करते हैं, यह कूटनीति होती है।

उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रधानमंत्री जब विदेश का दौरा करते हैं तो विदेश मंत्री दिखायी नहीं पड़ती। सिंह ने कहा कि विदेश मंत्री के तौर पर यदि वह प्रधानमंत्री के साथ जायें तो वह अपने सभी सहयोगियों से मिल सकती हैं।

Trending news