'मुकद्दर के सिकंदर' विनोद खन्ना का अंतिम संस्कार, अमिताभ, गुलजार के साथ फैंस ने दी विदाई
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'मुकद्दर के सिकंदर' विनोद खन्ना का अंतिम संस्कार, अमिताभ, गुलजार के साथ फैंस ने दी विदाई

बॉलीवुड के नामी अभिनेता विनोद खन्ना का गुरुवार को वर्ली श्मशान पर उनका अंतिम संस्कार किया गया.उनके सबसे छोटे बेटे साक्षी खन्ना ने उन्हें मुखाग्नि दी. गौरतलब है कि 70 साल के विनोद खन्ना का आज निधन हो गया था.इस मौके पर अमिताभ बच्चन,गुलजार, कबीर बेदी, रंजीत, सुभाष घई, अभिषेक बच्चन, समेत तमाम बॉलीवुड की हस्तियां और नामचीन लोग ने नम आंखों से इस महान अभिनेता को अंतिम विदाई दी.

विनोद खन्ना का हुआ अंतिम संस्कार, फिल्मी सितारों और लोगों ने नम आंखों से दी अंतिम विदाई

मुंबई: बॉलीवुड के नामी अभिनेता विनोद खन्ना का गुरुवार को वर्ली श्मशान पर उनका अंतिम संस्कार किया गया.उनके सबसे छोटे बेटे साक्षी खन्ना ने उन्हें मुखाग्नि दी. गौरतलब है कि 70 साल के विनोद खन्ना का आज निधन हो गया था. इस मौके पर अमिताभ बच्चन,गुलजार, कबीर बेदी, रंजीत, सुभाष घई, अभिषेक बच्चन, समेत तमाम बॉलीवुड की हस्तियां और नामचीन लोग ने नम आंखों से इस महान अभिनेता को अंतिम विदाई दी. fallbackfallbackfallback

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विनोद खन्ना को 2010 से था कैंसर 

विनोद खन्ना का पिछले ढाई महीने से विनोद का गिरगांव के एचएन रिलायंस फाउंडेशन एंड रिसर्च सेंटर में इलाज चल रहा था. वे पंजाब के गुरदासपुर से बीजेपी सांसद थे. विनोद कुछ वक्त से कैंसर से पीड़ित थे. उन्होंने गुरदासपुर में कुछ महीने पहले कहा था कि उन्हें 2010 से कैंसर है. इसी वजह से वे पब्लिक लाइफ से दूर हैं.

उनके परिवार में पहली पत्नी गीतांजलि और बेटे राहुल-अक्षय हैं. दूसरी पत्नी से कविता, बेटा साक्षी और बेटी श्रद्धा है.

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विनोद खन्ना को डिहाइड्रेशन की शिकायत की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बाद ये भी पता चला कि वे कैंसर से जूझ रहे हैं. उनकी अस्पताल की एक फोटो काफी वायरल हो रही थी, जिसमें वे इतने कमजोर लग रहे थे कि पहचान में भी नहीं आ रहे.

अक्षय व राहुल, विनोद खन्ना की पूर्व पत्नी गीतांजलि से उनके बेटे हैं.

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विनोद खन्ना को अप्रैल के पहले सप्ताह में सर एच.एन. रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अस्पताल ने गुरुवार को जारी एक बयान में कहा कि खन्ना ने पूर्वाह्न् 11.20 अंतिम सांस ली. उन्हें 'ब्लैडर कार्सनोम' (मूत्राशय कैंसर) था और यह अंतिम अवस्था में था.

गुरदासपुर निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के लोकसभा सांसद रहे

खन्ना पंजाब में गुरदासपुर निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोकसभा सांसद थे. वह इस सीट से चौथी बार सांसद थे. खन्ना वर्ष 1998 में पहली बार गुरदासपुर से निर्वाचित हुए थे. इसके बाद 1999 और 2004 के आम चुनावों में भी वह इस सीट से निर्वाचित हुए.

लेकिन 2009 में वह कांग्रेस उम्मीदवार प्रताप सिंह बाजवा से हार गए. हालांकि वर्ष 2014 में वह एक बार फिर इस सीट से जीत गए.

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उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री और फिर विदेश राज्य मंत्री बनाया गया. उन पर हालांकि अपने संसदीय क्षेत्र से लगातार अनुपस्थित रहने का आरोप लगा, पर वह अपने क्षेत्र में लगातार लोकप्रिय रहे.

लोकप्रिय अभिनेता ने कई सफल फिल्में दीं

वर्ष 1969 में छोटी भूमिकाओं से अभिनय करियर की शुरुआत करने वाले अभिनेता ने इसके बाद कई सफल फिल्में दीं. बॉलीवुड में उन्होंने 'मेरे अपने', 'इंसाफ', 'परवरिश', 'मुकद्दर का सिकंदर', 'कुर्बानी', 'दयावान', 'मेरा गांव मेरा देश', 'चांदनी, द बर्निग ट्रेन' तथा 'अमर, अकबर, एंथनी' जैसी फिल्मों में काम किया था.

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पेशावर (अब पाकिस्तान में) में एक व्यापारिक परिवार में जन्मे खन्ना ने मुंबई में सेंट मैरी स्कूल और दिल्ली में सेंट जेवियर्स हाई स्कूल तथा दिल्ली पब्लिक स्कूल में पढ़ाई की.

इसके बाद उन्होंने नासिक के बार्नेस स्कूल में अपनी पढाई पूरी की. उन्होंने मुंबई के सिद्धेहम कॉलेज से बीकॉम में किया. खन्ना ने अपने करियर की शुरुआत छोटी भूमिकाओं से की और नायक के रूप में सफल होने से पहले कई नकारात्मक भूमिकाएं निभाईं.

1982 में संन्यास ले लिया और भगवान रजनीश के अनुनायी बन गए

करियर की ऊंचाइयों पर पहुंचने के बाद खन्ना ने अचानक 1982 में संन्यास ले लिया और भगवान रजनीश के अनुनायी बन गए तथा पांच वर्ष तक पुणे में रहे. उन्होंने 1987 में बॉलीवुड में वापसी की और इसके बाद वह राजनीति में शामिल हुए.

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विनोद खन्ना ने 140 से ज्यादा फिल्मों में योगदान दिया. ‘मेरे अपने’, ‘मेरा गांव मेरा देश’, ‘इम्तिहान’, ‘इनकार’, ‘अमर अकबर एंथनी’, ‘लहू के दो रंग’, ‘कुर्बानी जैसी सुपरहिट फिल्में उनकी हमेशा याद दिलाएंगी.

 

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