हम ना तो किसी दल से समर्थन लेंगे और ना ही देंगे : उमर अब्दुल्ला
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हम ना तो किसी दल से समर्थन लेंगे और ना ही देंगे : उमर अब्दुल्ला

जम्मू और कश्मीर में बीेजेपी द्वारा समर्थन लेने से राज्य की महबूबा मुफ्ती सरकार गिर गई है. मुफ्ती ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा दे दिया है.

फाइल फोटो

जम्मू : जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ्ती की सरकार गिरने के बाद राज्य में सियासी हलचल गर्मा गई है. नेशनल कांफ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने दोपहर बाद राज्यपाल एनएन वोहरा से मुलाकात कर राज्य के हालात पर चर्चा की. राज्यपाल से मुलाकात के बाद उमर अब्दुल्ला ने मीडिया से कहा कि उन्होंने राज्य के सियासी हालात पर राज्यपाल से चर्चा की.

उमर अब्दुल्ला ने कहा कि राज्य में 2014 में विधानसभा चुनाव हुए थे. उनके पास उस समय भी सरकार बनाने का बहुमत नहीं था और अब 2018 में भी बहुमत नहीं है. उन्होंने कहा कि उन्होंने राज्यपाल को बताया कि सियासित में नई सरकार के लिए वह ना तो किसी दल को समर्थन देंगे और ना ही किसी दल से समर्थन लेंगे. उमर अब्दुल्ला ने कहा कि राज्यपाल के पास अब राज्यपाल शासन लगाने का ही रास्ता बचा है. उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने गर्वनर से कहा है कि ऐसी व्यवस्था की जाए कि राज्य में ज्यादा दिनों तक राज्यपाल शासन ना लगाना पड़े.

उमर अब्दुल्ला की नेशनल कांफ्रेंस पार्टी के पास 15 विधायक हैं.  उधर, 12 विधायकों वाली कांग्रेस ने भी राज्य में नई सरकार के गठन के लिए किसी भी दल को समर्थन नहीं देने की घोषणा की है.

बता दें कि जम्मू और कश्मीर में आज मंगलवार को उस समय राजनीतिक संकट खड़ा हो गया जब पीडीपी-बीजेपी गठबंधन वाली सरकार बीजेपी द्वारा समर्थन वापस लेने के बाद अल्पमत में आ गई. बीजेपी ने पीडीपी पर राज्य में आतंकी घटनाओं को रोकने में विफल होने का आरोप लगाते हुए समर्थन वापस ले लिया. बीजेपी द्वारा समर्थन वापस लेने के बाद दोपहर बाद मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने राज्यपाल एनएन वोहरा को अपना इस्तीफा भेज दिया. 

राज्य में महबूबा सरकार गिरने के बाद सूबे की सियासित में भूचाल आ गया है. जम्मू-कश्मीर से लेकर दिल्ली तक के सियासी गलियारे में नई सरकार के कयासों को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो गया है. 

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