श्रीनगर में तैनात सीआरपीएफ के हेड कांस्टेबल ने इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि "वीरता और करुणा एक ही सिक्के के दो पहलू हैं"
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नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में तैनात सुरक्षाबलों और स्थानीय पत्थरबाजों के बीच टकराव की स्थिति आम हो गई है. ये कश्मीरी पत्थरबाज हमेशा से आरोप लगाते रहे हैं कि सुरक्षाबल कश्मीरी वाशिंदों को अपनी हैवानियत का शिकार बनाते हैं. हाल में ही, घाटी से सामने आया एक वीडियो कश्मीरी पत्थरबाजों के दावों को पोल देगा. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि किस तरह सीआरपीएफ का एक जवान भूख से बिलख रहे दिव्यांग बच्चे को अपने हिस्से का खाना खिलाता है और अपने खुद के बच्चे की तरफ उसकी देखभाल करता है.
जी हां, यह वीडियो श्रीनगर के नवा कदल इलाके का है. इस इलाके में कानून-व्यवस्था कायम करने के लिए सीआरपीएफ के जवानों की तैनाती की गई है. इन्हीं जवानों में एक जवान 49वीं बटालियन के हेड कांस्टेबल इकबाल सिंह भी है. बात कुछ दिन पहले की है. दोपहर के समय हेड कांस्टेबल इकबाल सिंह ने खाना खाने के लिए अपना टिफिन खोला ही था, तभी उनकी निगाह एक मासूब बच्चे पर पड़ी. यह बच्चा बड़ी आस से हेड कांस्टेबल इकबाल सिंह की तरफ देख रहा था. हेड कांस्टेबल इकबाल सिंह ने इशारों में बच्चे से पूछा, खाना खाओगे. दूसरी तरफ से बच्चे ने सिर हिलाकर 'हां' में अपनी सहमति दी.
कांस्टेबल इकबाल सिंह ने इशारे से बच्चे को अपनी तरफ आने के लिए कहा. लेकिन बच्चा चाहकर भी उनकी तरफ नहीं बढ़ पा रहा है. बच्चे की हालात देखकर हेड कांस्टेबल इकबाल सिंह को अंदाजा हुआ कि बच्चा दिव्यांग है. हेड कांस्टेबल इकबाल सिंह खुद अपना टिकट लेकर बच्चे के पास पहुंचे और उसे अपने हाथों से टिफिन में मौजूद खाना खिलाना शुरू कर दिया. बच्चा बड़े चाव और अपनेपन से खाना खाता रहा. खाना खत्म होने के बाद हेड कांस्टेबल इकबाल सिंह ने बच्चे से पूछा, 'पानी पियोगे'. बच्चे ने फिर सिर हिलाकर हां में जवाब दिया. इकबाल सिंह तत्काल अपने मोर्चे की तरफ दौड़े और वहां से पानी लाकर बच्चे को पिलाया. श्रीनगर की इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि "वीरता और करुणा एक ही सिक्के के दो पहलू हैं"
मानवीयता के लिए हेड कांस्टेबल होंगे डीजी डिस्क से सम्मानित
सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, हेड कांस्टेबल इकबाल सिंह के इस मानवीय पहलू को ध्यान में रखते हुए सीआरपीएफ के महानिदेशक राजीव राय भट्नागर ने डीजी डिस्क से सम्मानित करने की घोषणा की है. डीजी डिस्क किसी भी अर्धसैनिकबल द्वारा दिए जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है. उन्होंने बताया कि हेड कांस्टेबल इकबाल सिंह सीआरपीएफ की उस कॉन्वाय का भी हिस्सा थे, जिस पर 14 फरवरी को आतंकियों ने हमला किया था. इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे. इस हमले के बाद जवानों की जिंदगी बचाने में हेड कॉन्सटेबल इकबाल सिंह ने अपूतभूर्व भूमिका अदा की थी.