अन्ना हजारे का ऐलान, अगले साल 23 मार्च से शुरू होगा 'जनलोकपाल आंदोलन'
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अन्ना हजारे का ऐलान, अगले साल 23 मार्च से शुरू होगा 'जनलोकपाल आंदोलन'

महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के रालेगण सिद्धि गांव में अपने समर्थकों की एक बैठक को संबोधित करते हुए हजारे ने कहा, 'जनलोकपाल, किसानों की समस्या और चुनाव में सुधारों के लिए यह एक सत्याग्रह होगा'.

सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे का फाइल फोटो...

मुंबई : सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे जनलोकपाल और किसानों के मुद्दों को लेकर अगले साल दिल्ली में 23 मार्च से आंदोलन शुरू करेंगे. लोकपाल आंदोलन का चेहरा रहे हजारे ने कहा कि उन्होंने आंदोलन शुरू करने के लिए 23 मार्च की तारीख चुनी है, क्योंकि उस दिन 'शहीद दिवस' मनाया जाता है.

  1. अन्‍ना ने आंदोलन शुरू करने के लिए 23 मार्च की तारीख चुनी.
  2. जनलोकपाल, किसानों की समस्या और चुनाव में सुधारों के लिए यह एक सत्याग्रह होगा- अन्‍ना
  3. पिछले 22 वर्षों में कम से कम 12 लाख किसानों ने आत्महत्या की- अन्‍ना

महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के रालेगण सिद्धि गांव में अपने समर्थकों की एक बैठक को संबोधित करते हुए हजारे ने कहा, 'जनलोकपाल, किसानों की समस्या और चुनाव में सुधारों के लिए यह एक सत्याग्रह होगा'. गांधीवादी हजारे ने कहा कि वह इन मुद्दों को लेकर प्रधानमंत्री को खत लिखते रहे हैं, लेकिन उन्हें अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है.

उन्होंने कहा, 'पिछले 22 वर्षों में कम से कम 12 लाख किसानों ने आत्महत्या की है. मैं जानना चाहता हूं कि इस कालखंड में कितने उद्योगपतियों ने आत्महत्या की'. भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए हजारे जनलोकपाल का गठन करने की मांग करते रहे हैं. उन्होंने कहा कि, ''लोकसभा में फिलहाल विपक्ष का कोई नेता नहीं है इसलिए समिति का गठन नहीं हो सकता है. ऐसे में लोकपाल की नियुक्ति भी नहीं हो सकती है'.

उन्होंने इसके लिए साल 2011 में 12 दिन का अनशन किया था. उनकी मांगो को संप्रग (यूपीए) सरकार ने सैद्धांतिक तौर पर स्वीकार कर लिया था.

इसके बाद हजारे ने फिर से अनशन किया था, इस दौरान उन्हें पूरे देश से समर्थन भी मिला. इसके बाद संप्रग सरकार ने लोकपाल विधेयक पारित किया. हजारे के एक सहयोगी ने बताया कि मोदी सरकार ने लोकपाल की नियुक्त नहीं की है. उन्होंने कहा, 'सरकार की तरफ से इसके लिए जो कारण दिए गए हैं, वह तकनीकी है'. उन्होंने कहा कि लोकपाल कानून के तहत एक समिति जिसमें प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, लोकसभा में विपक्ष के नेता और प्रधान न्यायाधीश अथवा उनके द्वारा नामित कोई व्यक्ति हो, उसका गठन किया जाना चाहिए. वही समिति लोकपाल को चुने.

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