संसद का शीतकालीन सत्र : लोकसभा सोमवार तक के लिए स्थगित, राज्यसभा में हंगामा
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संसद का शीतकालीन सत्र : लोकसभा सोमवार तक के लिए स्थगित, राज्यसभा में हंगामा

 विपक्षी पार्टियां सरकार को राफेल, अर्थव्यवस्था पर जीएसटी(वस्तु एवं सेवा कर) व नोटबंदी के बुरे प्रभाव, किसानों की दुर्दशा व धार्मिक असिहष्णुता पर घेरने की तैयारी में हैं

विपक्ष के हंगामें के कारण राज्यसभा की कार्रवाई को दो बार स्थगित करना पड़ा

नई दिल्ली: आज से शुरू हो संसद के शीतकालीन सत्र को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उम्‍मीद जताते हुए कहा कि 'विश्‍वास है कि संसद के समय का सही उपयोग होगा. देश को आगे बढ़ाने में शीत सत्र का सकारात्‍मक उपयोग हो'. पीएम ने कहा, क्‍लाइमेंट चेंज की वजह से ठंड उतनी नहीं, लेकिन हमारा शीत सत्र शुरू हो गया है. 2017 से शुरू हुआ सत्र 2018 तक चलेगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि दूरगामी प्रभाव वाले बिल संसद में आएंगे. सत्र की शुरुआत में पीएम मोदी ने नए मंत्रियों का परिचय सदन से कराया.

  1. राफेल, जीएसटी व नोटबंदी जैसे मुद्दे उठाएगा विपक्ष
  2. शीतकालीन सत्र प्राय: नवंबर के अंतिम सप्ताह में शुरू होता है.
  3. इस वर्ष शीत सत्र 15 दिसंबर से पांच जनवरी तक चलेगा.

संसद के शीतकालीन सत्र के हंगामेदार रहने की संभावना है. विपक्षी पार्टियां सरकार को राफेल, अर्थव्यवस्था पर जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) व नोटबंदी के बुरे प्रभाव, किसानों की दुर्दशा व धार्मिक असिहष्णुता पर घेरने की तैयारी में हैं. सरकार द्वारा सत्र में 25 लंबित और 14 नए बिलों को लाने की उम्‍मीद है, जिसमें मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक मामले में गुजारा-भत्‍ता के अधिकार देने का बिल भी शामिल है.

हालांकि लोकसभा को दिवंगत सांसदों को श्रद्धांजलि देने के बाद सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया, लेकिन उच्च सदन में कार्रवाई जारी रही. राज्यसभा में कुछ मुद्दों पर हंगामा होने पर दोपहर में सदन को दो बार कुछ समय के लिए स्थिगत करना पड़ा. शरद यादव और अली अनवर की राज्यसभा की सदस्यता खत्म किए जाने पर सदन में काफी हंगामा हुआ. वपक्षी तानाशाही नहीं चलेगी जैसे नारे लगाते हुए उपसभापति की कुर्सी के पास तक पहुंच गए. विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर पीएम मोदी की टिप्पणी पर ऐतराज जताया. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री पर जो आरोप लगाए हैं वे कोई साधारण आरोप नहीं हैं. 

एक माह तक चलने वाला शीतकालीन सत्र प्राय: नवंबर के अंतिम सप्ताह में शुरू होता है और क्रिसमस से पहले समाप्त हो जाता है. इस वर्ष शीत सत्र 15 दिसंबर से पांच जनवरी तक चलेगा. क्रिसमस की वजह से 25 व 26 दिसंबर को छुट्टी रहेगी. कांग्रेस की अगुवाई में 17 अन्य विपक्षी पार्टियां एक साथ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार को घेरने की कोशिश करेंगी.

यह भी पढ़ें- संसद में सरकार को घेरने की रणनीति पर चर्चा के लिए 14 दिसंबर को बैठक करेंगे विपक्षी दल

तृणमूल कांग्रेस के नेता सौगत रॉय ने कहा, "इस बार जीएसटी व नोटबंदी का अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव, धार्मिक असहिष्णुता, राजस्थान में पश्चिम बंगाल के मजदूर का मारा जाना जैसे बड़े मुद्दे संसद में उठाए जाएंगे." उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टियां इस मुद्दों पर सामंजस्य बिठाएंगी. विपक्षी पार्टियों में माकपा, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल और द्रमुक समेत अन्य पार्टियों ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वे संसद में सरकार को घेरने के लिए साथ में सामंजस्य बिठा कर सरकार पर हमला करेंगे.

कांग्रेस नेता के. सी. वेणुगोपाल ने कहा कि संसद में जीएसटी, नोटबंदी, राफेल मुद्दा, आधार को पैन व अन्य दस्तावेजों से जोड़ने का मुद्दा उठाया जाएगा. सरकार ने सत्र में एजेंडा पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई है. लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन गुरुवार शाम रात्रिभोज पर सभी नेताओं से मुलाकात करेंगी. थिंक टैंक पीआरएस विधायिका रिसर्च की ओर से जारी सूची के अनुसार, इस सत्र के दौरान कम से कम 14 नए विधेयक पेश किए जाएंगे.

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