ZEE EXCLUSIVE: आतंकी का बड़ा कबूलनामा, एक्सपोज हुआ पाकिस्तान
Advertisement

ZEE EXCLUSIVE: आतंकी का बड़ा कबूलनामा, एक्सपोज हुआ पाकिस्तान

भारतीय सुरक्षा बलों ने लश्कर ए तैयबा के एक आतंक को जिंदा पकड़ा है. भारत के लिहाज से यह बड़ी कामयाबी मानी जा रही है, क्योंकि इस आतंकी ने कई बड़े खुलासे किए हैं.

कश्मीर के हंदवाड़ा में पकड़े गए आतंकी अबु हमास ने पूछताछ में कई खुलासे किए हैं.

नई दिल्ली: भारतीय सुरक्षा बलों ने लश्कर ए तैयबा के एक आतंक को जिंदा पकड़ा है. भारत के लिहाज से यह बड़ी कामयाबी मानी जा रही है, क्योंकि इस आतंकी ने कई बड़े खुलासे किए हैं. इस खुलासे का  EXCLUSIVE वीडियो ZEE न्यूज के पास है. NIA से पूछताछ में आतंकी मोहम्मद आमिर ऊर्फ अबु हमास ने बताया कि वह पाकिस्तान का है और उसने किस तरह से ट्रेनिंग ली.  अबु हमास ने बताया कि साल 2015 में उसने पाकिस्तान में उसने 21 दिनों तक आतंक की ट्रेनिंग ली. इस दौरान उसने कई तरह के हथियारों को चलाना सीखा था. उसने बताया कि ट्रेनिंग लेने के बाद उसने दोबारा कबाड़ी की दुकान खोली थी, लेकिन वह चल नहीं पाई. इसके बाद मैं मुजफराबाद पहुंचा, तो वहां पर एक जगह थी, मैं ऊपर पहाड़ी के ऊपर गया तो वहां पर उनका एक मर्कस था, जिसका नाम था बैतुल मुजाहिद्दीन. अबु हमास ने आगे कहा, 'रात को 8 या 9 बजे करीब हमें एक आदमी लेकर अक्सा पहुंचा, जो उनका ट्रेनिंग सेंटर था. 

  1. कश्मीर के हंदवाड़ा से पकड़े गए आतंकी ने किया खुलासा
  2. पाकिस्तान के कराची का रहने वाला है आतंकी अबु हमास
  3. हाफिज सईद ने आतंकी बनाकर उसे भारत भेजा था

हाफिज ने दिलाई थी ट्रेनिंग
हमास ने बताया कि लश्कर चीफ हाफिज सईद ने उसे पीओके में ट्रेनिंग दिलाई थी. उसने बताया कि ट्रेनिंग की शुरुआत में उससे AK-47 के 200 राउंड फायर करवाए गए थे. ट्रेनिंग के बाद कराची के इस आतंकी को कश्मीर भेजा गया था. इस आतंकी को सुरक्षा बलों ने कश्मीर के हंदवाड़ा से गिरफ्तार किया है. उसने बताया कि लश्कर पाकिस्तान में उन लड़कों आतंकी बनाता है जो आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं.

आठवीं तक पढ़ाई कर चुके अबु हमास ने बताया कि उसके पिता पुलिस में थे, लेकिन कैंसर और मधुमेह के चलते उनका एक पैर काटना पड़ा था, जिसके चलते घर के आर्थिक हालात ठीक नहीं थे. इसके बाद अबु हमास जमात उद दावा के आतंकी हेडली के करीम अमीर के संपर्क में आया. अबु हमास के पिता ने उसे करीम अमीर के पास धार्मिक शिक्षा के लिए भेजा था. यहां उसे 15 दिनों तक धार्मिक ट्रेनिंग दी गई, जिसका नाम था 'दौरा ए शोबा'. उसे यह ट्रेनिंग अब्दुल्ला नाम के टीचन ने सिखाई थी.

ISI के लोग आंतकियों को देते हैं ट्रेनिंग
इस ट्रेनिंग के दौरान उसका ब्रेनवॉश किया गया था, उसे जिहाद के लिए प्रेरित किया गया था. इसके बाद वह घर लौट आया था, फिर कुछ दिन बाद उसे बुलाया गया, जिसमें उसे 21 दिन की ट्रेनिंग दी गई, जिसे 'दौरा ए आम' कहा जाता है. इस दौरान उसे हथियार चलना सिखाया गया था. फिर मुजफराबाद में उसे 'दौरा एक खास' की ट्रेनिंग दी गई. यह ट्रेनिंग ISI के लोग देते हैं. 

इसी ट्रेनिंग के दौरान उसे सरवाइवल के तरीके सिखाए गए थे. यहां उसे आतंकी हाफिज सईद और जकीर उर रहमान लखवी के उकसाने वाले भाषण सुनाए जाते थे. ट्रेनिंग के बाद उसे भारत की सीमा पर उसे 'आठ मकाम' पर लाकर रखा गया था. यह इलाका हंदवाड़ा में है. यहीं उसे पाक सेना की फायरिंग की आड़ में भारत भेजा गया था. ये लंबे समय तक हंदवाड़ा में छुपा रहा. 24 नवंबर को सुरक्षा बलों ने उसे पकड़ा था.

इस आतंकी के कबूलनामे से एक बार फिर से साबित हो गया है कि आतंकी पाकिस्तान में ट्रेनिंग लेकर भारत भेजे जाते हैं. पाकिस्तान का 'जेयूडी' एनजीओ गरीब तबके के युवाओं को रोजगार के नाम पर फांसकर आतंकी बनाते हैं.

Trending news