ZEE जानकारी : बिप्लब देब त्रिपुरा के नए मुख्यमंत्री होंगे
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ZEE जानकारी : बिप्लब देब त्रिपुरा के नए मुख्यमंत्री होंगे

 बिप्लब देब का शपथ ग्रहण समारोह 9 मार्च को होगा. 48 साल के बिप्लब देब त्रिपुरा के गोमती ज़िले के रहने वाले हैं. उनके पिता भी त्रिपुरा में जनसंघ के नेता थे. 

ZEE जानकारी : बिप्लब देब त्रिपुरा के नए मुख्यमंत्री होंगे

त्रिपुरा से सबसे बड़ा अपडेट ये है कि बीजेपी ने अपने मुख्यमंत्री का ऐलान कर दिया है. बिप्लब देब त्रिपुरा के नए मुख्यमंत्री होंगे. उनका शपथ ग्रहण समारोह 9 मार्च को होगा. 48 साल के बिप्लब देब त्रिपुरा के गोमती ज़िले के रहने वाले हैं. उनके पिता भी त्रिपुरा में जनसंघ के नेता थे. 1999 में ग्रेजुएशन के बाद आगे की पढ़ाई करने के लिए वो दिल्ली आ गए और दिल्ली में RSS से जुड़ गए. 2014 में जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वाराणसी से चुनाव लड़ रहे थे, तो बिप्लब देब उनके प्रचार अभियान में भी शामिल थे. केन्द्र में बीजेपी की सरकार बनने के बाद उन्हें बीजेपी की तरफ से त्रिपुरा भेजा गया.

त्रिपुरा जाने से पहले वो बीजेपी के सांसद गणेश सिंह के PA भी थे 2016 में उन्हें त्रिपुरा में बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. वो खुद इस बार बनमालीपुर सीट से विधायक चुने गए हैं. और अब वो त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. मुख्यमंत्री बनने के बाद उनकी सबसे पहले चुनौती त्रिपुरा की कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने की होगी. क्योंकि पिछले दो दिनों से त्रिपुरा के अलग अलग इलाकों में हिंसा हो रही है. बीजेपी के कार्यकर्ताओं पर आरोप है कि उन्होंने पूरे त्रिपुरा में CPM के 30 दफ्तरों में तोड़फोड़ की. हालांकि बीजेपी इन तमाम आरोपों से इंकार कर रही है. त्रिपुरा में बहुत सी जगहों से दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं के बीच हिंसा की ख़बरें भी आ रही हैं. और कई जगहों पर धारा 144 लगा दी गई है. 

त्रिपुरा में CPM की पराजय के बाद अब सिर्फ केरल ही एक मात्र राज्य है जहां पर वामपंथियों का लाल झंडा लहरा रहा है . कुछ लोग कह रहे हैं कि अब देश में वामपंथ सिर्फ तीन जगहों पर बचा है... पहली जगह है केरल... दूसरी जगह है दिल्ली में मौजूद एक विश्वविद्यालय और तीसरी जगह है एक न्यूज़ चैनल, जहां वामपंथ के अंश मौजूद है. यहां हम किसी का नाम नहीं लेंगे. लेकिन हमें यकीन है कि आप समझ गये होंगे.

आज आपने महसूस किया होगा कि कुछ News Channels पर त्रिपुरा में Lenin की मूर्ति के धव्स्त होने की खबर को बहुत उत्साह के साथ दिखाया जा रहा था और कुछ News Anchors खबर में अपने आक्रोश का भी तड़का लगा रहे थे. आपने कई News Anchors की आंखों और ज़ुबान से निकल रही वैचारिक चिंगारियों को देखा होगा. हमारा ये मानना है कि पत्रकारों को किसी भी घटना पर ठंडे दिमाग से विचार करना चाहिए. किसी भी विषय की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के बारे में जानकारी नहीं होने से, अक्सर गलतियां होती हैं जिससे बचना चाहिए . 

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