सुनंदा पुष्कर, कांग्रेस के सांसद शशि थरूर की पत्नी थीं और उनका शव आज से 4 साल पहले 17 जनवरी 2014 को दिल्ली के एक Five Star Hotel में पाया गया था. और तब से उनकी मौत एक Mystery बनी हुई है.
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अब हम मौत के एक हाईप्रोफाइल केस पर एक बड़ा खुलासा करेंगे. ये एक ऐसा केस है जो 4 वर्षों के बाद भी सुलझ नहीं पाया है. ये केस है सुनंदा पुष्कर की मौत का. सुनंदा पुष्कर, कांग्रेस के सांसद शशि थरूर की पत्नी थीं और उनका शव आज से 4 साल पहले 17 जनवरी 2014 को दिल्ली के एक Five Star Hotel में पाया गया था. और तब से उनकी मौत एक Mystery बनी हुई है. सिस्टम के लापरवाह रवैये की वजह से अब तक ये साबित नहीं हो पाया है कि सुनंदा पुष्कर ने आत्महत्या की थी या फिर उनकी हत्या हुई थी. हालांकि उनकी मौत के 1 साल बाद दिल्ली पुलिस ने हत्या का केस दर्ज किया था. लेकिन उनकी मौत का सच कभी सामने नहीं आया. और अब ये खुलासा हुआ है कि सुनंदा पुष्कर की मौत की जांच करने वाले अधिकारियों को शुरू से ही ये पता था कि ये आत्महत्या का मामला नहीं है.
एक Secret पुलिस रिपोर्ट से इस बात का खुलासा हुआ है. और इस रिपोर्ट की एक कॉपी आज ज़ी न्यूज़ के पास है. ((सुनंदा पुष्कर का शव 17 जनवरी 2014 को दिल्ली के एक फाइव स्टार होटल में मिला था. )) इस केस में घटनास्थल का निरीक्षण करने वाले तत्कालीन SDM आलोक शर्मा का मानना था कि ये आत्महत्या का केस नहीं है. उस वक्त के DCP.. BS जायसवाल की रिपोर्ट में यही लिखा हुआ है. इस मामले में SDM आलोक शर्मा ने सरोजिनी नगर थाने के SHO को ये आदेश दिया था कि वो इस मामले को एक हत्या मानकर, इसकी जांच करे.
तब ये फैसला सुनंदा पुष्कर की Autopsy Report के आधार पर किया गया था, जिसमें ये लिखा था कि मौत का कारण Poisoning है. रिपोर्ट में ये भी लिखा है कि सुनंदा पुष्कर के शरीर पर चोटों के 15 निशान थे. और ये सभी चोटें 12 घंटे लेकर 4 दिनों तक की हो सकती हैं. चोटों के निशान देखने से ऐसा लगता है कि जैसे सुनंदा पुष्कर के साथ किसी की हाथापाई हुई हो. इन 15 चोटों में से एक चोट इंजेक्शन दिए जाने का निशान है. जबकि एक और चोट दांत से काटे जाने की वजह से लगी है.
ये रिपोर्ट दिल्ली पुलिस की दक्षिण दिल्ली रेंज के तत्कालीन Joint Commissioner विवेक गोगिया को सौंपी गई थी. और उन्हें इस केस को Personally देखने को कहा गया था. और फिर बाद में ये रिपोर्ट केन्द्रीय गृह मंत्रालय में जमा करवाई गई. लेकिन हैरानी की बात ये है कि मृत्यु का कारण मिल जाने के बाद भी पुलिस ने अपनी कार्रवाई ठीक से नहीं की. ये मामला एक हफ्ते के बाद ही क्राइम ब्रांच को Transfer कर दिया गया. और ये तय किया गया कि हत्या की FIR दायर की जाएगी, लेकिन बाद में ऐसा नहीं हुआ. इस वक्त मेरे हाथ में वो Secret Report है. इस रिपोर्ट में ऐसी बहुत सी बातें लिखी गई हैं, जिससे ये पता चलता है कि सुनंदा पुष्कर की मौत, एक आत्महत्या नहीं थी.