Zee जानकारी : जानिए! 60 पन्ने के सुसाइड नोट में कलिखो पुल ने क्या लिखा था
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Zee जानकारी : जानिए! 60 पन्ने के सुसाइड नोट में कलिखो पुल ने क्या लिखा था

Zee जानकारी : जानिए! 60 पन्ने के सुसाइड नोट में कलिखो पुल ने क्या लिखा था

आज हम एक ऐसे सुसाइड लेटर का विश्लेषण करेंगे जो किसी आम आदमी का नहीं बल्कि एक ऐसे व्यक्ति का है जो एक राज्य का मुख्यमंत्री था। हम अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कलिखो पुल के सुसाइड लेटर की बात कर रहे हैं। 60 पन्नों का ये सुसाइड लेटर कोई आम सुसाइड नोट नहीं है। आप इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ एक व्यक्ति की निजी चार्जशीट भी कह सकते हैं। ये वो लेटर है जिसमें अरुणाचल प्रदेश के कई नेताओं, सुप्रीम कोर्ट के दो Sitting Judges, कांग्रेस के कई बड़े नेताओं के अलावा अरुणाचल प्रदेश के सरकारी अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। आज हम इन आरोपों का विश्लेषण करेंगे। लेकिन उससे पहले आपको कलिखो पुल के बारे में कुछ बातें बता देते हैं। 

कलिखो पुल ने पिछले वर्ष 9 अगस्त को आत्महत्या कर ली थी। कलिखो पुल 19 फरवरी 2016 को अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। मुख्यमंत्री बनने से पहले उन्होंने कांग्रेस की नबाम तुकी सरकार के खिलाफ बगावत कर दी थी। और अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाया गया था। इसके बाद बीजेपी के समर्थन से कांग्रेस के बागी विधायकों ने सरकार बनाई.. और कलिखो पुल को मुख्यमंत्री चुना गया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2016 में अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बहाल करने का फैसला सुना दिया। जिसके बाद कलिखो पुल को मुख्यमंत्री पद से हटना पड़ा। और इसके बाद अगले ही महीने यानी अगस्त 2016 में कलिखो पुल ने आत्महत्या कर ली।

मीडिया में ये ख़बर जिस तरह आई थी, उसी तरह गायब भी हो गई। लेकिन अब कलिखो पुल का 60 पन्नों का एक सुसाइड Letter सामने आया है। इस लेटर में उन्होंने पूरे सिस्टम पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। जिनके बारे में हम आपको विस्तार से बताएंगे। लेकिन उससे पहले आपके लिए इस पूरे मामले का ताज़ा Status जानना ज़रूरी है। कलिखो पुल के सुसाइड Letter को लेकर उनकी पत्नी डांग-विमसाई पुल ने सुप्रीम कोर्ट को एक चिट्ठी लिखी और सुसाइड Letter में लगाए गए आरोपों की CBI जांच की मांग की। 

सुप्रीम कोर्ट ने कलिखो पुल की पत्नी की चिठ्ठी को एक याचिका में तब्दील कर दिया और आज से इस पर सुनवाई भी शुरू कर दी। लेकिन गुरुवार को कलिखो पुल की पत्नी ने अपनी चिठ्ठी वापस ले ली। कलिखो पुल की पत्नी का कहना था कि उन्होंने इस मामले की जांच के प्रशासनिक आदेश जारी करवाने की मांग की थी.. जबकि अदालत ने प्रशासनिक आदेश जारी न करके... उस पर कोर्ट में सुनवाई शुरू कर दी। 

कलिखो पुल की पत्नी के वकील ने ये भी कहा कि सुसाइड Letter के अंदर सुप्रीम कोर्ट के दो वरिष्ठ जजों पर आरोप लगाए गये हैं। लेकिन इसके बावजूद इस मामले को सुनवाई के लिए सीनियर जजों की बेंच के बजाए.. सुप्रीम कोर्ट के जूनियर जजों की बेंच के सामने भेज दिया गया है जो कि ठीक नहीं है। हमने बहुत संक्षेप में आपको ये समझा दिया कि इस पूरे मामले में अब तक सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ? और इस मामले का Backgrounder क्या है.. अब हम कलिखो पुल के सुसाइड Letter को Decode करेंगे।

कलिखो पुल का 60 पन्नों का सुसाइड Letter हिंदी में लिखा गया है। एक राज्य के मुख्यमंत्री को सिस्टम में मौजूद सारे Loop-Holes यानी कमियों का पता होता है। उसे पता होता है कि सिस्टम में भ्रष्टाचार कैसे फलता फूलता है और नेता, मंत्री, अधिकारी कैसे भ्रष्टाचार करते हैं ? और यहां तक कि न्यायपालिका में भी भ्रष्टाचार होता है। अपने सुसाइड Letter में कलिखो पुल ने देश के इसी भ्रष्ट सिस्टम को बेनकाब करने का दावा किया है। इस सुसाइड Letter का शीर्षक है मेरे विचार... शुरुआत में कलिखो पुल ने अपनी जीवन यात्रा के बारे में बताया है। 

60 पन्नों के इस सुसाइड लेटर के पेज नंबर 9 पर कलिखो पुल ने आज की राजनीति पर एक गंभीर टिप्पणी की है। यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि कलिखो पुल की ये टिप्पणी अरुणाचल प्रदेश के बारे में हैं। कलिखो पुल ने लिखा है कि आज राज्य का हर एक नेता अपनी जेब भर रहा है, अपने स्वार्थ पूरे कर रहा है। जनहित से ज्यादा वो अपने, अपने परिवार और रिश्तेदारों के बारे में ज्यादा सोच रहे हैं। कलिखो पुल ने लिखा है कि उन्होंने ये महूसूस ही नहीं किया बल्कि देखा भी है। वो ये भी लिखते हैं कि राज्य में मंत्री विधायक आपसी सहयोग से केवल खुद ही आगे बढ़ते हैं और गरीब जनता को नज़रअंदाज़ कर देते हैं। और मुख्यमंत्री बड़े नेताओं, बड़े अधिकारियों और बड़े व्यापारियों को खुश करने में लगा रहता है। 

कलिखो पुल ने इस सुसाइड लेटर में अरुणाचल प्रदेश में हुए PDS घोटाले का भी ज़िक्र किया है। इसमें कई पूर्व मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों के नामों का ज़िक्र है। और कई अधिकारियों पर भी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए गये हैं। कलिखो पुल ने ये भी बताया है कि कैसे सड़क बनाने के नाम पर भ्रष्टाचार किया गया। 20 किलोमीटर की सड़क को 46 किलोमीटर का बताया गया और पैसों का गबन किया गया।

सुसाइड Letter में ये भी लिखा है कि जहां जनसंख्या ही नहीं थी, वहां चावल का कोटा बढ़ाया गया। जहां चावल, चीनी और गेहूं गया ही नहीं, वहां झूठा बिल बनाकर घोटाला किया गया।  कलिखो पुल ने इस Letter में अरुणाचल प्रदेश के भ्रष्ट मंत्रियों का पूरा रेट कार्ड ही छाप दिया है पेज नंबर 25 पर कलिखो पुल ने लिखा है कि राज्य में हर Transfer और Promotion के लिए रिश्वत ली जाती है। 
Executive Engineer, Assistant Engineer और Junior Engineer का Transfer और Promotion 3 लाख से 15 लाख रुपये की रिश्वत देकर होता है। 

हम आपको एक बार फिर से बता दें कि अपने सुसाइड Letter में ये आरोप अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कलिखो पुल ने लगाए हैं। ज़ी न्यूज़ इन आरोपों की पुष्टि नहीं करता है। क्योंकि ये अभी तक सिर्फ आरोप हैं। लेकिन अगर ये आरोप सच हैं, तो ये बहुत ही गंभीर मामला है, जिसकी पूरी जांच होनी चाहिए। इस सुसाइड Letter में कलिखो पुल ने कांग्रेस के कई नेताओं पर रिश्वत मांगने के गंभीर आरोप लगाए हैं। इनमें कई पूर्व केंद्रीय मंत्री शामिल हैं। कलिखो पुल ने इस Letter में लिखा है कि इतने बड़े कांग्रेस परिवार को जनता की सेवा करने वाले लोग नहीं, बल्कि भ्रष्ट और बदमाश लोग चाहिए। 

अब मैं आपको कलिखो पुल के वो विचार पढ़कर सुनाना चाहता हूं, जो उन्होंने कांग्रेस पार्टी के बारे में लिखे हैं। पेज नंबर 32 पर कलिखो पुल ने कांग्रेस पार्टी के लिए बहुत गंभीर बातें लिखी हैं। उन्होंने साफ साफ अपने Letter में कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं पर पैसे लेने का भी आरोप लगाया है। लेकिन इन आरोपों की कोई पुष्टि नहीं हुई है, इसलिए हम आपको वो नाम नहीं बता रहे हैं। 

यहां हम आपको याद दिला दें कि पिछले वर्ष अरुणाचल प्रदेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद कलिखो पुल को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी थी। यानी कलिखो पुल के मुताबिक अगर वो 86 करोड़ रुपये दे देते तो सुप्रीम कोर्ट का फैसला उनके पक्ष में आ सकता था.. लेकिन यहां एक बार फिर आपको ये याद रखना होगा.. कि ये कलिखो पुल के अपने विचार हैं.. और इन विचारों और आरोपों की पुष्टि अब तक नहीं हो पाई है।

कलिखो पुल ने एक और महत्वपूर्ण बात पेज नंबर 41 पर लिखी है। यहां पर कलिखो पुल ये बता रहे हैं कि कैसे देश की न्यायपालिका से उनका भरोसा उठ गया है। कलिखो पुल ने लिखा है कि ये सब कुछ उन्होंने अपनी अंतरआत्मा की आवाज़ को सुनकर लिखा है। ये हिस्सा भी मैं आपको पढ़कर सुनाना चाहता हूं। कलिखो पुल ने अपने सुसाइड Letter के पेज नंबर 51 और 52 में ये लिखा है कि कैसे नेता और मंत्री पैसा कमाने के लिए टेंडर निकालते हैं? और जनहित के कामों को लटकाते रहते हैं? 

कलिखो पुल ने पेज नंबर 44 पर जनता को एक संदेश भी दिया है.. उन्होंने जनता से अपील की है, कि सही आदमी को ही वोट दें। कलिखो पुल का ये सुसाइड Letter सनसनीखेज़ होने के साथ साथ भावुक भी है। DNA में आज हमने इस चिट्ठी का विश्लेषण इसीलिए किया, क्योंकि इसमें ऐसी बातें लिखी हुई हैं, जिन्हें नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। हमें लगता है कि अगर कलिखो पुल के इन आरोपों में ज़रा सी भी सच्चाई है तो ये भारत के इतिहास के सबसे बड़े खुलासों में से एक होगा। इसीलिए हमें लगता है कि इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। 

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