ज़ी जानकारी: क्या मोबाइल कंपनियां Privacy और Data सुरक्षा की गारंटी देती हैं
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ज़ी जानकारी: क्या मोबाइल कंपनियां Privacy और Data सुरक्षा की गारंटी देती हैं

ज़ी जानकारी: क्या मोबाइल कंपनियां Privacy और Data सुरक्षा की गारंटी देती हैं

केंद्र सरकार ने भारत में फोन बेचने तमाम Companies से पूछा है कि उन्होंने Smartphone Users की Privacy और Data Safety के लिए क्या कदम उठाए हैं? सरकार ने ये सवाल भी पूछा है कि क्या ये सभी Companies आम लोगों की Privacy और Data की सुरक्षा की गारंटी देती हैं? सरकार की नज़र खास तौर पर Chinese कंपनियों पर है....क्योंकि भारत के मोबाइल फोन बाज़ार में चीन की कंपनियों का एक बहुत बड़ा हिस्सा है.

फिलहाल, केंद्र सरकार ने 21 कंपनियों को नोटिस भेजकर जानकारी मांगी है ध्यान देने वाली बात ये है, कि इनमें से ज़्यादातर कंपनियां चीन की हैं. और इनमें Apple और Samsung जैसी बड़ी कंपनियां भी शामिल हैं. इन सभी Smartphone Manufacturers को जवाब देने के लिए 28 अगस्त तक का वक्त दिया गया है. 

सरकार को फिलहाल इन सभी Companies के जवाब का इंतज़ार है.इसके बाद Ministry of Electronics and Information Technology...इन सभी Companies का Verification और Device Audit कर सकती है.और अगर कोई चीज़ गैर-कानूनी पाई जाती है...तो सरकार इस मामले में कड़ी कार्रवाई करेगी, ऐसे मामलों में IT Act 43 (A) के तहत..कंपनियों को चेतावनी देने और उन पर Penalty लगाने का प्रावधान है.

इस समस्या को और विस्तार से समझते हैं अगर आपके फोन से Data Leak हो रहा है तो उसमें आपकी Contact List बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है. ये Data अक्सर Tele Marketing Companies और विज्ञापन कंपनियों को बेचा जाता है. अगर आपके फोन को Hack कर लिया गया तो इस बात का भी डर है, कि आपकी Contact List की मदद से आपकी अन्य जानकारियां जुटा ली जाएं और आपको Blackmail किया जाए.

सभी Smartphones में Location Track करने की सुविधा होती है. ऐसे में आपकी एक-एक गतिविधि पर नज़र रखी जा सकती है जो आपकी सुरक्षा के लिहाज़ से बहुत ख़तरनाक है. अगर ये सूचनाएं अपराधियों के हाथ लग जाएं तो किडनैपिंग से लेकर जानलेवा हमले तक कुछ भी हो सकता है.

Whatsapp जैसे Messaging Apps आपकी तमाम जानकारियां इकट्ठा करते हैं. और हैकर्स इन सूचनाओं का फायदा उठा सकते हैं आपकी तस्वीरों और Videos का भी ग़लत इस्तेमाल किया जा सकता है.

भारत में ज़्यादातर लोगों को Identity Theft यानी पहचान की चोरी के बारे में जानकारी नहीं है. लेकिन 21वीं सदी के इस Online दौर में पहचान की चोरी बहुत आसान हो गई है.इसके तहत आपकी सभी जानकारियों का गलत इस्तेमाल हो जाता है और आपको इसके बारे में कभी पता ही नहीं चलता इसके अलावा Anti Virus Software बनाने वाली एक अंतर्राष्ट्रीय कंपनी के मुताबिक आपके Smartphones में 36 फीसदी से ज़्यादा Apps ऐसे होते हैं, जिनमें Virus होता है.

जबकि हर 6 में से 1 App में Malware होता है. और इन्हीं की मदद से आपके Smartphone में मौजूद, Contacts Banking Transaction Details और अन्य दूसरी जानकारियां Hackers तक पहुंच रही हैं. Russia की एक साइबर सिक्योरिटी कंपनी के मुताबिक Hacking के बारे में सोचने से पहले Hackers तीन बातों पर ध्यान देते हैं.

Hackers ये देखते हैं, कि ज़्यादातर लोग कौन-सा Operating System इस्तेमाल करते हैं. Operating System से संबंधित तकनीकी दस्तावेज़ आसानी उपलब्ध हैं या नहीं...और Operating System की सुरक्षा में किस तरह की कमियां हैं.

आम तौर पर Android Operating System का इस्तेमाल करने वाले Smartphones अपने Users को कोई भी App Download करने और Install करने की ज़्यादा आज़ादी देते हैं. दुनिया में Android Users की संख्या भी सबसे ज़्यादा है इसलिए तमाम Hackers की नज़र इस Operating System के Users पर लगी रहती है.

Cyber Criminals ने ऐसे तरीके भी ढूंढ निकाले हैं, जिनकी मदद से वो आम लोगों को कोई सुविधा मुफ्त में देकर उन्हें फंसा लेते हैं ऐसे में Users वो Malware वाले App को Download कर लेते हैं.. और Hackers के जाल में फंस जाते हैं.

Cyber Army दुश्मन के सैनिक और राजनैतिक ठिकानों पर हमला नहीं करती. Hackers की ये सेना दुश्मन के Finance system, Banking system, Electrical Supply, Water Supply, और Telecommunications Network पर हमला करती है. ऐसे हमले का असर बहुत बुरा होता है और इससे पूरे देश में अचानक अफरा-तफरी का माहौल बन जाता है.

Cyber Army दुश्मन देश की प्राइवेट कंपनियों के साथ व्यापारिक संबंध बनाकर E-Mail और E-Commerce के ज़रिए Virus और खतरनाक Computer Codes भेजकर System को Hack कर लेती है.इतना ही नहीं ये Cyber Army Universities में कंप्यूटर्स की मदद से Virus और Codes भेजकर पूरी शिक्षा व्यवस्था को अपाहिज बना देती है और महत्वपूर्ण Research Papers और Reports पर कब्ज़ा कर लेती है.

चीन के Information Technology Warfare Operations यानि IW OPS को...चीन की सेना का एक विभाग सीधे नियंत्रित करता है.इसके तहत नेटवर्क Warfare Battallion, हैकर्स ग्रुप और Cyber Warfare Human Resource Department एक साथ मिलकर काम करते हैं. ऐसे दो विभागों के नाम हैं 3-PLA और 4-PLA ऐसा माना जाता है कि 3-PLA में एक लाख से ज़्यादा हैकर्स हैं.

चीन की साइबर आर्मी चेंगदू, वुहान और नानजिंग से अपने Operations चलाती है. चीन ने लगभग 18 साल पहले ही अपनी Cyber Army पर काम करना शुरू कर दिया था.चीन ने 2005 में अभ्यास करने के लिए ताइवान, भारत और कोरिया पर हमला किया था.इसके बाद 2007 में अप्रैल से सितंबर तक NORTH SWORD नामक अभ्यास में इसे और कारगर बनाया गया.. और उसी दौरान कहा गया था...कि चीन वर्ष 2017 तक इसमें महारत हासिल कर लेगा.

आपको याद दिला दें वर्ष 2014 में Indian Airforce ने अपने कर्मचारियों को शाओमी फोन का इस्तेमाल ना करने की हिदायत दी थी. क्योंकि उससे गुप्त जानकारियां Leak होने का ख़तरा था. अपने Smartphone में कुछ भी जल्दबाज़ी में Download ना करें.

कोई भी App Download करते समय ध्यान रखें कि आप सही Company की App Download कर रहे हैं. कई बार लोग Duplicate Apps Download कर लेते हैं और इसी का फ़ायदा Hackers को मिलता है. इस दौरान आपको ये पता ही नहीं चलता कि आपकी गतिविधियों को कोई तीसरा व्यक्ति Track कर रहा है.अपने फोन में किसी भी App को Install करने से पहले उसका Permission Page ज़रुर पढ़ें.

अगर कोई App आपकी Phonebook पढ़ने की इजाज़त मांगती है या फिर आपके Data को इस्तेमाल करने की Permission मांगती है,तो उसे Install ना करें. Phone Data का Backup लेना बेहद ज़रूरी है. क्योंकि अपने Data की सुरक्षा करना आपकी ज़िम्मेदारी है.Software कंपनियां.. बार बार App Updates जारी करती हैं. ताकि Bugs और सिक्योरिटी से जुड़ी कमियों को दूर किया जा सके.. इसलिए ऐसे Updates को तुरंत Install कर लें.

आजकल आपको कई जगह Free Wi-Fi Network की सुविधा मिलती है. लेकिन ऐसे Network का इस्तेमाल करने से पहले ये सुनिश्चित कर लीजिए.. कि वो सुरक्षित है या नहीं. Free Wi-Fi पर Web Browsing करते हुए Bank Account Number, Credit Card का Pin और Password, कभी शेयर ना करें.

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