ZEE Jankari : गुरुग्राम से ही रखी जाएगी 'हिंद महासागर के साथ साथ पूरी दुनिया' पर ऐसे नज़र
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ZEE Jankari : गुरुग्राम से ही रखी जाएगी 'हिंद महासागर के साथ साथ पूरी दुनिया' पर ऐसे नज़र

इससे समुद्री लुटेरों, अवैध हथियारों की सप्लाई, नशीले पदार्थों की तस्करी, समुद्र के रास्ते से होने वाला आतंकवाद और मानव तस्करी को रोकने में मदद मिलेगी.

ZEE Jankari : गुरुग्राम से ही रखी जाएगी 'हिंद महासागर के साथ साथ पूरी दुनिया' पर ऐसे नज़र

हमारी अगली ख़बर आपको थोड़ा 'अचंभित' कर सकती है. ख़बर ये है, कि देश की राजधानी दिल्ली से सिर्फ 40 किलोमीटर दूर हरियाणा के गुरुग्राम से 'हिंद महासागर सहित पूरी दुनिया' पर नज़र रखी जाएगी. ये सुनकर आपको हैरानी हुई होगी. कई लोग ये भी सोच रहे होंगे, कि ऐसा कैसे संभव है?

लेकिन ये चमत्कार हुआ है और इस चमत्कार को नमस्कार करने के लिए आपको हमारे साथ, भारतीय नौसेना की 'तीसरी आंख' कहे जाने वाले Headquarter में चलना होगा. जिसका नाम है, Information Fusion Centre... इसे देश को समर्पित किया जा चुका है. इसकी मदद से समुद्र में होने वाली हर हरकत पर नज़र रखी जाएगी. कौन सा जहाज कहां से आया है? कहां जा रहा है? उसमें कौन सवार है? ये सारी जानकारियां इसी Centre पर इकट्ठा होंगी. और हिंद महासागर सहित दुनिया के किसी भी समुद्री हिस्से में होने वाली संदिग्ध हरकत का पता लगाना आसान हो जाएगा.

उदाहरण के तौर पर इससे समुद्री लुटेरों, अवैध हथियारों की सप्लाई, नशीले पदार्थों की तस्करी, समुद्र के रास्ते से होने वाला आतंकवाद और मानव तस्करी को रोकने में मदद मिलेगी. इसके अलावा प्राकृतिक आपदा के वक्त Live Data मिलने से तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की जा सकेगी. साधारण भाषा में कहें, तो इस Centre की मदद से भारतीय नौसेना को समुद्र में हो रही एक-एक हलचल के बारे में Real Time जानकारियां मिला करेगी. दूसरे देशों की नौसेनाएं भी इस Data Centre में अपना योगदान देंगी, क्योंकि, भारतीय नौसेना ने दुनिया के 40 से ज़्यादा देशों के Stations को भी इसमें शामिल किया है. यानी अपने नाम की ही तरह, Information Fusion Centre में हर छोटी और बड़ी सूचना का मिश्रण होगा

भारत, तीन दिशाओं से समुद्र से घिरा हुआ है, जिसे Indian Ocean Region कहते हैं. समुद्र से होने वाले व्यापार के लिहाज़ से ये सबसे व्यस्त जलमार्ग है. दुनिया में होने वाला 75 फीसदी से ज़्यादा समुद्री व्यापार इसी रास्ते से होता है. प्रतिदिन दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में Supply होने वाला 50 प्रतिशत से ज़्यादा तेल Indian Ocean Region से होकर ही गुज़रता है. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का 36 देशों और तीन Multinational Agencies के साथ White Shipping Agreement है, जिसके तहत किसी भी देश के जहाज़ को अगर भारतीय सीमा से होते हुए समुद्र के रास्ते निकलना है, तो उसकी जानकारी भारतीय नौसेना को देनी होगी. वो भी 24 घंटे पहले.

सुरक्षा की दृष्टि से भी हिंद महासागर काफी संवेदनशील है. मुंबई में हुए आतंकवादी हमले के बाद ही तय हो गया था, कि बिना समुद्र की निगरानी के सुरक्षित रह पाना नामुमकिन है. इसी के बाद मार्च 2012 में Information Management And Analysis Centre यानी IMAC की नींव रखी गई, जिसने चार साल पहले काम करना शुरु कर दिया था. और Information Fusion Centre के Operational हो जाने के बाद, भारतीय नौसेना की ताकत काफी बढ़ गई है. इसका मतलब ये हुआ, कि देश की 7 हज़ार 500 किलोमीटर लंबी समुद्री सीमा की निगरानी पहले के मुक़ाबले ज़्यादा आसान हो गई है और भारतीय नौसेना के अधिकारी गुरुग्राम में कुर्सी पर बैठे-बैठे समुद्र में हो रही एक-एक हरकत का विश्लेषण भी करेंगे और देश के दुश्मनों को सबक भी सिखाएंगे.

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