Zee जानकारी : 31 एथलीट्स की जान का दुश्मन बना नॉर्थ कोरिया का सनकी तानाशाह
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Zee जानकारी : 31 एथलीट्स की जान का दुश्मन बना नॉर्थ कोरिया का सनकी तानाशाह

रियो ओलंपिक में भारत के 2 पदकों के मुक़ाबले, नॉर्थ कोरिया के एथलीट्स ने 2 गोल्ड, 3 सिल्वर और 2 ब्रॉन्ज़ मेडल्स को मिलाकर कुल 7 मेडल्स जीते और Medal Tally में नॉर्थ कोरिया को 37वां स्थान मिला। 2 करोड़ 49 लाख की आबादी वाले नॉर्थ कोरिया के लिए ये एक बड़ी उपलब्धि है लेकिन अब यही 7 Medals, Rio Olympics में भाग लेने गए नॉर्थ कोरिया के 31 एथलीट्स की जान के दुश्मन बन गए हैं और इसकी वजह है, वहां का सनकी तानाशाह 'किम जॉन्ग उन'।

Zee जानकारी : 31 एथलीट्स की जान का दुश्मन बना नॉर्थ कोरिया का सनकी तानाशाह

नई दिल्ली : रियो ओलंपिक में भारत के 2 पदकों के मुक़ाबले, नॉर्थ कोरिया के एथलीट्स ने 2 गोल्ड, 3 सिल्वर और 2 ब्रॉन्ज़ मेडल्स को मिलाकर कुल 7 मेडल्स जीते और Medal Tally में नॉर्थ कोरिया को 37वां स्थान मिला। 2 करोड़ 49 लाख की आबादी वाले नॉर्थ कोरिया के लिए ये एक बड़ी उपलब्धि है लेकिन अब यही 7 Medals, Rio Olympics में भाग लेने गए नॉर्थ कोरिया के 31 एथलीट्स की जान के दुश्मन बन गए हैं और इसकी वजह है, वहां का सनकी तानाशाह 'किम जॉन्ग उन'।

दरअसल, ओलंपिक गेम्स शुरू होने से पहले, 'किम जॉन्ग उन' ने अपने सभी 31 एथलीट्स को धमकी दी थी कि उन्हें 5 गोल्ड मेडल्स सहित कम से कम 17 मेडल्स जीतकर अपने देश वापस लौटना है लेकिन ऐसा नहीं हुआ और अब नॉर्थ कोरिया से जो जानकारी आ रही है, उसके मुताबिक, ओलंपिक गेम्स में ख़राब प्रदर्शन करने वाले सभी एथलीट्स को कड़ी सज़ा दी जा सकती है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, नॉर्थ कोरिया के सभी एथलीट्स को वहां के सनकी तानाशाह 'किम जोंग उन' के सामने पेश होना पड़ेगा और ख़राब प्रदर्शन को लेकर उसके सवालों का जवाब देना होगा। जिन एथलीट्स ने मेडल्स जीते हैं, उनके लिए राहत की बात ये है, कि उन्हें अच्छी सुविधाओं वाले घर, राशन, कार और महंगे गिफ्ट्स दिए जाएंगे।

लेकिन जिन्होंने ओलंपिक गेम्स में ख़राब प्रदर्शन किया है, उन्हें ख़राब क्वालिटी के घर में भेज दिया जाएगा, उन्हें दिए जाने वाले राशन में कटौती कर दी जाएगी और यहां तक कि ऐसे एथलीट्स को सज़ा के तौर पर कोयला खदानों में काम करने के लिए भी भेज दिया जाएगा। 'किम जॉन्ग उन' अपने एथलीट्स से इसलिए भी नाराज़ हैं, क्योंकि नॉर्थ कोरिया के सबसे बड़े दुश्मन यानी साउथ कोरिया को रियो ओलंपिक में 9 गोल्ड मेडल्स सहित कुल 21 मेडल मिले हैं।

यहां एक तस्वीर का ज़िक्र करना भी ज़रूरी है जो रियो ओलंपिक के दौरान पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन गई थी। आजकल सेल्फी लेने का चलन युवाओं में खासा लोकप्रिय है लेकिन ज़रा सोचिए, तब क्या होगा, जब आपकी एक सेल्फी आपको मौत की सज़ा दिला दे। अगर आप नॉर्थ कोरिया से ताल्लुक रखते हैं तो वहां ऐसा हो सकता है।

रियो ओलंपिक में ट्रेनिंग सेशन के दौरान, नॉर्थ कोरिया की जिमनास्ट 'हॉन्ग उन-जॉन्ग' और साउथ कोरिया की जिमनास्ट 'ली यून ज़ू' ने मुस्कुराते हुए एक सेल्फी ली थी लेकिन ये सेल्फी नॉर्थ कोरिया की जिमनास्ट के लिए मौत का संदेश लेकर आई है।

इसकी वजह है वहां के तानाशाह 'किम जोंग उन' का सनकी मिज़ाज। नॉर्थ कोरिया वो देश है जो साउथ कोरिया और अमेरिका जैसे देशों को अपना दुश्मन मानता है और अगर नॉर्थ कोरिया के नागरिक, दुश्मन देशों के नागरिकों के साथ दोस्ती वाली सेल्फी लेते हैं तो उन्हें कड़ी सज़ा दी जाती है। यही वजह है कि स्वेदश लौटने के साथ ही, नॉर्थ कोरिया की जिमनास्ट 'हॉन्ग उन जॉन्ग' के बुरे वक़्त का काउंटडाउन शुरू हो गया है। आने वाले कुछ दिनों में इस जिमनास्ट को कड़ी सज़ा मिल सकती है और उसे सज़ा-ए-मौत भी दी जा सकती है।

भारत में बुजुर्गों की दशा

-2011 की जनगणना के अनुसार भारत में साढ़े 10 करोड़ से ज्यादा बुजुर्ग हैं।
-इनमें से  5.5 करोड़ बुजुर्ग रोज़ भूखे पेट सोने को मजबूर हैं।
-भारत में GDP का 0.03% बुजुर्ग पेंशन पर खर्च होता है। 
-और एक सर्वे के मुताबिक 8 में से 1 बुजुर्ग को लगता है उनकी अनदेखी हो रही है।
-भारत में 62% बुज़ुर्ग सम्मानजनक जिंदगी के लिए वृद्धाश्रम में रहते हैं।
-लेकिन इनमें से 85% बुज़ुर्गों को वृद्धाश्रम में रहना अच्छा नहीं लगता है।
-73% बुज़ुर्गों को वृद्धाश्रम के माहौल से दिक्कत होती है।
-जबकि 24% बुजुर्ग खुद को उपेक्षा का शिकार मानते हैं।

भारत की ही तरह हमारे पड़ोसी देश चीन में भी बुज़ुर्ग आबादी उपेक्षा की शिकार है, लेकिन अब चीन के शहर शंघाई में बुज़ुर्ग माता पिता की अनदेखी करने वाली संतानों को सबक सिखाने के लिए एक कड़ा कानून बनाया गया है।

-शंघाई में बुज़ुर्गों के हितों की रक्षा करने वाला ये नया कानून 1 मई 2016 से लागू हो गया है।
-इस कानून के मुताबिक अगर बच्चे अपने बुजुर्ग माता पिता से मिलने के लिए नियमित तौर पर उनके पास नहीं जाते तो बुज़ुर्ग माता पिता बच्चों पर केस कर सकते हैं।
-और अगर फिर भी बच्चों का बर्ताव बूढ़े मां बाप के प्रति नहीं बदलता तो इसे संतान की क्रेडिट रिपोर्ट में जोड़ दिया जाएगा।
-यानी बूढ़े मां बाप का ख्याल ना रखने वाले बच्चों को लोन लेने, वित्तीय सुविधाएं हासिल करने और भविष्य की कई योजनाओं को पूरा करने में परेशानी हो सकती है।
-क्योंकि क्रेडिट रिपोर्ट खराब होने पर बैंक आसानी से कर्ज़ नहीं देंगे।
-बुजुर्गों की देखरेख कर रहे नर्सिंग होम नियमित तौर पर बच्चों को याद दिलाएंगे कि नर्सिंग होम में जाकर मां बाप से मिलने का वक्त हो गया है।
-शंघाई में बुजुर्गों को आसानी से कानूनी सेवाएं दिलवाने की दिशा में भी तेज़ी से काम किया जा रहा है।

चीन की सरकार के मुताबिक 2030 में चीन, दुनिया का सबसे बुजुर्ग देश होगा जबकि 2050 तक चीन की 30 फीसदी जनसंख्या 60 वर्ष से ऊपर की होगी और यही वजह है कि चीन ने अपनी बुढ़ापे वाली चिंता से निपटने की तैयारी शुरू कर दी है।

चीन के मुकाबले भारत एक युवा देश है, लेकिन भारत को ये नहीं भूलना चाहिए कि एक दिन भारत की युवा आबादी भी बूढ़ी होगी इसलिए अभी से ही हमें ऐसा समाज बनाने की जरूरत है जहां बुजुर्गों को सम्मान मिल सके और उन्हे अकेलेपन का एहसास ना हो।

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