Zee जानकारी : जानिए! कश्मीरी पंडितों के दर्द और पलायन के अहम तथ्य
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Zee जानकारी : जानिए! कश्मीरी पंडितों के दर्द और पलायन के अहम तथ्य

11 जून 1999 को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने अपने एक फैसले में कश्मीर पंडितों पर हुए अत्याचारों को Genocide की श्रेणी में बताया था। हमारा सवाल ये है कि कश्मीरी पंडितों को उनकी ही ज़मीन, उनके ही घर से डरा-धमका कर भगा देना, उन्हें धर्म के आधार पर प्रताड़ित करना, उनकी हत्याएं करना, संपत्ति को हड़प लेना, चुन-चुन कर कश्मीर पंडितों के परिवारों पर हमले करना और आखिर में कश्मीरी पंडितों को भागकर देश के दूसरे हिस्सों में आने के लिए मजबूर कर देना क्या ये देश में सहनशीलता की निशानी है? देश में असहिष्णुता के माहौल का बहाना बनाकर बेशक अवॉर्ड लौटाने की होड़ मची है, लेकिन कश्मीरी पंडितों के दर्द पर कोई बुद्धिजीवी एक आंसू तक नहीं बहाना चाहता।  

Zee जानकारी : जानिए! कश्मीरी पंडितों के दर्द और पलायन के अहम तथ्य

नई दिल्ली : 11 जून 1999 को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने अपने एक फैसले में कश्मीर पंडितों पर हुए अत्याचारों को Genocide की श्रेणी में बताया था। हमारा सवाल ये है कि कश्मीरी पंडितों को उनकी ही ज़मीन, उनके ही घर से डरा-धमका कर भगा देना, उन्हें धर्म के आधार पर प्रताड़ित करना, उनकी हत्याएं करना, संपत्ति को हड़प लेना, चुन-चुन कर कश्मीर पंडितों के परिवारों पर हमले करना और आखिर में कश्मीरी पंडितों को भागकर देश के दूसरे हिस्सों में आने के लिए मजबूर कर देना क्या ये देश में सहनशीलता की निशानी है? देश में असहिष्णुता के माहौल का बहाना बनाकर बेशक अवॉर्ड लौटाने की होड़ मची है, लेकिन कश्मीरी पंडितों के दर्द पर कोई बुद्धिजीवी एक आंसू तक नहीं बहाना चाहता।  

- कश्मीरी पंडित कश्मीर के इलाके के एकमात्र मूल हिंदू निवासी हैं।
- वर्ष 1947 तक कश्मीर के अंदर कश्मीरी पंडितों की आबादी करीब 15% थी।
- ये आबादी दंगों और अत्याचार की वजह से वर्ष 1981 तक घटकर 5% रह गई।
- वर्ष 1985 के बाद से कश्मीरी पंडितों पर ज़ुल्म और अत्याचार बड़े पैमाने पर हुआ।
- कश्मीर पंडितों को कट्टरपंथियों और आतंकवादियों से लगातार धमकियां मिलने लगी। 
- 19 जनवरी 1990 को कट्टरपंथियों ने ऐलान कर दिया कि कश्मीरी पंडित काफिर हैं।
- कहा गया कि वे कश्मीर छोड़ दें या फिर इस्लाम कबूलें, वरना जान से मार देंगे। 
- फरवरी और मार्च 1990 के दो महीने में करीब 1.60 लाख कश्मीरी पंडितों को कश्मीर छोड़ना पड़ा।
- करीब 4 लाख कश्मीरी पंडितों को उनके घरों से भागने के लिए मजबूर किया गया।
- कश्मीरी पंडितों की 95 फीसदी आबादी को अत्याचारों के ज़रिए उस कश्मीर से भगा दिया गया, जहां के वो मूल निवासी हैं।
- 1947 में देश के बंटवारे के बाद हुआ सबसे बड़ा पलायन था जिस पर किसी बुद्धिजीवी ने एक आंसू नहीं बहाया।
- कश्मीर में 808 परिवारों के सिर्फ़ 3 हज़ार 445 कश्मीरी पंडित ही बचे हैं।

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