Zee जानकारी : दहशतगर्दी का धुआं निकालने वाला पाकिस्तान पर्यावरण के प्रति गंभीर नहीं
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Zee जानकारी : दहशतगर्दी का धुआं निकालने वाला पाकिस्तान पर्यावरण के प्रति गंभीर नहीं

दुनिया के लिए आतंक की फैक्ट्री बन चुके पाकिस्तान से सिर्फ दहशतगर्दी का धुआं निकलता है और ये धुआं भारत समेत सारी दुनिया को बहुत बीमार कर रहा है। वैसे तो पाकिस्तान भारत के खिलाफ सैकड़ों पन्नों के दस्तावेज़ संयुक्त राष्ट्र संघ और अमेरिका जैसे देशों को सौंपता रहा है यानी भारत के खिलाफ नफरत का माहौल बनाने में पाकिस्तान का कोई जवाब नहीं है। भारत और पाकिस्तान पड़ोसी देश हैं और एक ही उपमहाद्वीप का हिस्सा हैं लिहाज़ा दोनों देशों की पर्यावरण से जुड़ी चिंताएं भी लगभग एक जैसी हैं लेकिन 127 करोड़ की जनसंख्या वाला भारत लगातार पर्यावरण के हित में कदम उठा रहा है, जबकि 18 करोड़ की आबादी वाले पाकिस्तान की आंखें इस विषय पर बंद हैं।

Zee जानकारी : दहशतगर्दी का धुआं निकालने वाला पाकिस्तान पर्यावरण के प्रति गंभीर नहीं

नई दिल्ली : दुनिया के लिए आतंक की फैक्ट्री बन चुके पाकिस्तान से सिर्फ दहशतगर्दी का धुआं निकलता है और ये धुआं भारत समेत सारी दुनिया को बहुत बीमार कर रहा है। वैसे तो पाकिस्तान भारत के खिलाफ सैकड़ों पन्नों के दस्तावेज़ संयुक्त राष्ट्र संघ और अमेरिका जैसे देशों को सौंपता रहा है यानी भारत के खिलाफ नफरत का माहौल बनाने में पाकिस्तान का कोई जवाब नहीं है। भारत और पाकिस्तान पड़ोसी देश हैं और एक ही उपमहाद्वीप का हिस्सा हैं लिहाज़ा दोनों देशों की पर्यावरण से जुड़ी चिंताएं भी लगभग एक जैसी हैं लेकिन 127 करोड़ की जनसंख्या वाला भारत लगातार पर्यावरण के हित में कदम उठा रहा है, जबकि 18 करोड़ की आबादी वाले पाकिस्तान की आंखें इस विषय पर बंद हैं।

भारत और पाकिस्तान के पर्यावरण से जुड़े कुछ आंकड़े  

-पाकिस्तान के 10% लोगों के पास पीने का साफ पानी नहीं है।
-भारत में 6.5% लोगों के पास पीने का साफ पानी नहीं है। 
-भारत की हवा में नुकसान पहुंचाने वाले पीएम 2.5 कणों की मात्रा 32 माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मिलीमीटर है जबकि पाकिस्तान की हवा भारत से ज़्यादा दूषित है।
-पाकिस्तान की हवा में पीएम 2.5 कणों की मात्रा 38 माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मिलीमीटर है।
-प्रदूषण फैलाने के लिए वाहनों को भी जिम्मेदार माना जाता है इस वक्त पाकिस्तान में प्रति एक हज़ार लोगों पर 13 वाहन हैं।
-जबकि भारत में प्रति एक हज़ार लोगों पर 18 वाहन हैं।

बड़ा देश होने की वजह से भारत पर प्रदूषण की मार थोड़ी ज्यादा है लेकिन इस दिशा में भारत की कोशिशें दुनिया के विकसित देशों से टक्कर ले रही हैं जबकि पाकिस्तान न तो आतंक से निपट पा रहा है और ना ही प्रदूषण को लेकर उसका रिकॉर्ड बेहतर हुआ है।

ज़ाहिर है इन आकंड़ों के साथ पाकिस्तान को प्रदूषण का फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं दिया जा सकता और कूटनीति की दुनिया में उसका चालान हो सकता है।

2014-15 के पाकिस्तान के आर्थिक सर्वे में ये बात सामने आई है कि पाकिस्तान को आतंक की 2005 से 2015 के बीच 100 बिलियन डॉलर्स यानी 6.4 लाख करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है। जबकि क्लाइमेट चेंज की वजह से पाकिस्तान 2010 से अब तक 6 बिलियन डॉलर्स यानी 40 हज़ार करोड़ रुपये का नुकसान उठा चुका है।

दिलचस्प आकंड़ा ये है कि 2013 और 2014 के बीच आतंकी हमलों की वजह से भी पाकिस्तान को करीब 40 हज़ार 600 करोड रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है। पाकिस्तान की गरीबी की बात करें तो पाकिस्तान की कुल 18 करोड़ आबादी में से 15 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे रहते हैं। 

जलवायु परिवर्तन और पाकिस्तान 

-पर्यावरण में बदलाव से पैदा होने वाले खतरों के मामले में पाकिस्तान 10वां सबसे ज्यादा प्रभावित देश है। 
-पाकिस्तान में जलवायु परिवर्तन के खतरों की बात करें तो हिमालय-कराकोरम रेंज में ग्लेशियर पिघलने से बाढ़ का खतरा है और तमाम इलाकों में सूखे से खेतों को लगातार नुकसान हो रहा है।
-पाकिस्तान में झीलों के सूखने से साफ पानी की उपलब्धता में कमी आ रही है।
-समुद्र का जलस्तर बढ़ने से अरब सागर से सटे इलाकों के डूबने का खतरा है।

 

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