ZEE Jankari: मिशेल के बाद माल्या, एक हप्ते में भारत के 2 बड़े कूटनीतिक धमाके का DNA टेस्ट
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ZEE Jankari: मिशेल के बाद माल्या, एक हप्ते में भारत के 2 बड़े कूटनीतिक धमाके का DNA टेस्ट

पिछले 26 वर्षों में ब्रिटेन से सिर्फ एक अपराधी को प्रत्यर्पित करके भारत लाया गया है. 

ZEE Jankari: मिशेल के बाद माल्या, एक हप्ते में भारत के 2 बड़े कूटनीतिक धमाके का DNA टेस्ट

किसी घोटाले या आपराधिक मामले में विदेश में बैठे अपराधी को भारत में लाना बहुत मुश्किल है. प्रत्यर्पण के मुद्दे पर भारत की सफलता दर अच्छी नहीं है. और भारत का सिस्टम अक्सर विदेश भाग जाने वाले अपराधियों के सामने नतमस्तक हो जाता है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण है आज से 34 वर्ष पहले हुआ भोपाल गैस कांड. गैर सरकारी आंकड़े के मुताबिक - भोपाल गैस त्रासदी से करीब 25000 लोगों की मौत हुई थी. लेकिन, गैस लीक की ज़िम्मेदार यूनियन कार्बाइड कंपनी का चेयरमैन Warren Anderson, भ्रष्ट राजनेताओं और अफसरों की मदद से. पहले भोपाल से निकला, और फिर भारत से भाग गया. तब भोपाल से दिल्ली के लिए एक सरकारी विमान तैयार रखने के लिए कहा गया था. इसी विमान में बैठकर Warren Anderson भोपाल से दिल्ली भागा था.

.तब एंडरसन को विमान में चढ़ाने के लिए भोपाल के एसपी और डीएम तक आए थे. एंडरसन नीली Ambassador कार में एयरपोर्ट पहुंचा था. उस समय मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री थे अर्जुन सिंह और देश के प्रधानमंत्री थे राजीव गांधी. सबसे दुख की बात ये रही कि भोपाल गैस कांड के मुख्य गुनहगार वॉरेन एंडरसन को हम कभी सज़ा नहीं दे पाए. ठीक इसी तरह बोफोर्स घोटाले में शामिल लोग भी बड़ी आसानी से बच निकले. उन्हीं में से एक नाम था, Ottavio Quattrocchi, जो गांधी परिवार का बेहद करीबी माना जाता था. उसपर आरोप लगे थे, कि उसने बोफोर्स घोटाले के लिए middleman की भूमिका निभाई. बोफोर्स दलाली मामले में राजनेताओं से लेकर सरकारी अधिकारी तक शामिल थे. आपको याद दिला दें कि बोफोर्स घोटाले के आरोप राजीव गांधी पर भी लगे थे.

लेकिन वर्ष 2011 में CBI की स्पेशल कोर्ट ने इटली के businessman, Quattrocchi को Discharge कर दिया. और इसके पीछे ये दलील दी, कि भारत सरकार ने उसके प्रत्यर्पण के लिए पहले ही 250 करोड़ रुपये से ज़्यादा खर्च कर दिए हैं. और अब इस पर ज़्यादा पैसे बर्बाद नहीं किए जा सकते. प्रत्यर्पण करके भारत लाए गए कुछ बड़े नामों में से एक नाम अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम का भी है. जिसे पुर्तगाल से प्रत्यर्पित करके भारत लाया गया था.

ब्रिटेन के साथ भारत ने वर्ष 1992 में प्रत्यर्पण संधि पर हस्ताक्षर किये थे. लेकिन वहां से किसी अपराधी को प्रत्यर्पित करके भारत लाना मुश्किल ही नहीं, लगभग नाममुकिन है. इसे समझने के लिए आप सिर्फ इतना जान लीजिए, कि पिछले 26 वर्षों में ब्रिटेन से सिर्फ एक अपराधी को प्रत्यर्पित करके भारत लाया गया है. वो भी वर्ष 2016 में. तब गुजरात दंगों में आरोपी SV Patel नामक एक व्यक्ति का प्रत्यर्पण हुआ था.

और अब दो साल के अंदर ये दूसरा ऐसा मौका है, जब ब्रिटेन से किसी भगौड़े को भारत प्रत्यर्पित करने का आदेश दिया गया है. हालांकि, विजय माल्या के भारत लौटने में फिलहाल कुछ वक्त लगेगा. लेकिन Tiger Hanif, Nadeem Saifi, Ravi Sankaran और Lalit Modi जैसे कुछ और नाम भी हैं, जिन्हें भारत लाया जाना बाकी है. 

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