Zee जानकारी : ईरान के समाज की अनूठी पहल 'वॉल ऑफ काइंडनेस'
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Zee जानकारी : ईरान के समाज की अनूठी पहल 'वॉल ऑफ काइंडनेस'

हमारे देश में एक कहावत है कि नेकी कर, दरिया में डाल लेकिन ईरान में आजकल लोग नेकी को दीवार पर टांग रहे हैं। ये एक बहुत ही प्रेरणादायी ख़बर है जो हमारे पास ईरान से आई है। ईरान में पिछले कुछ समय से लोगों ने ऐसी दीवारें तैयार की हैं जिनमें वो बेघरों, गरीबों और ज़रूरतमंदों के लिए कपड़े टांग कर चले जाते हैं और फिर जिन लोगों को इन कपड़ों की ज़रूरत होती हैं वो इन दीवारों से कपड़े उठा कर ले जाते हैं। ये चलन देखते ही देखते ईरान के कई बड़े शहरों और कस्बों में फैल गया है। इन दीवारों को वॉल ऑफ काइंडनेस कहा जाता है और अब लोगों ने सिर्फ़ कपड़े ही नहीं, किताबें और खाने-पीने का सामान भी इन पर रखना शुरू कर दिया। ईरान में इस वक्त कड़ाके की ठंड का मौसम है और इस पहल से उन लोगों की मदद हो रही है जो किसी के सामने हाथ नहीं फैलाना चाहते। पूरी दुनिया में ईरान के समाज की इस अनूठी पहल की चर्चा हो रही है। इसलिए हमने ईरान की वॉल ऑफ काइंडनेस का डीएनए टेस्ट किया है।

Zee जानकारी : ईरान के समाज की अनूठी पहल 'वॉल ऑफ काइंडनेस'

नई दिल्ली : हमारे देश में एक कहावत है कि नेकी कर, दरिया में डाल लेकिन ईरान में आजकल लोग नेकी को दीवार पर टांग रहे हैं। ये एक बहुत ही प्रेरणादायी ख़बर है जो हमारे पास ईरान से आई है। ईरान में पिछले कुछ समय से लोगों ने ऐसी दीवारें तैयार की हैं जिनमें वो बेघरों, गरीबों और ज़रूरतमंदों के लिए कपड़े टांग कर चले जाते हैं और फिर जिन लोगों को इन कपड़ों की ज़रूरत होती हैं वो इन दीवारों से कपड़े उठा कर ले जाते हैं। ये चलन देखते ही देखते ईरान के कई बड़े शहरों और कस्बों में फैल गया है। इन दीवारों को वॉल ऑफ काइंडनेस कहा जाता है और अब लोगों ने सिर्फ़ कपड़े ही नहीं, किताबें और खाने-पीने का सामान भी इन पर रखना शुरू कर दिया। ईरान में इस वक्त कड़ाके की ठंड का मौसम है और इस पहल से उन लोगों की मदद हो रही है जो किसी के सामने हाथ नहीं फैलाना चाहते। पूरी दुनिया में ईरान के समाज की इस अनूठी पहल की चर्चा हो रही है। इसलिए हमने ईरान की वॉल ऑफ काइंडनेस का डीएनए टेस्ट किया है।

ईरान में आजकल ऐसी दीवारों की बड़ी चर्चा है जिन्हें वॉल ऑफ काइंडनेस कहा जा रहा है। यानी नेकी और दया की दीवारें ये दीवारें बाज़ारों में या घरों के बाहर, राह चलते किसी ऐसी जगह पर बनाई गईं, जहां लोग ख़ुद से आकर इन पर अपने गैर ज़रूरी कपड़ों को टांग देते हैं और फिर ये कपड़े किसी ज़रूरतमंद के काम आ जाते हैं।

ये पहल ईरान के लोगों ने अपने ही समाज के उन लोगों के लिए शुरू की जिनके पास कड़ाके की ठंड के इस मौसम में गर्म कपड़े तक नहीं होते हैं। बताया जाता है कि सबसे पहले ईरान के उत्तर पूर्वी शहर मशाद से इसकी शुरुआत हुई जहां किसी व्यक्ति ने दीवार पर कुछ हुक और हैंगर के साथ गर्म कपड़े टांग दिए और दीवार पर लिख दिया कि अगर आपको इन कपड़ों की ज़रूरत नहीं है तो इन्हें छोड़ दें और अगर ज़रूरत है तो इन्हें ले लें। इसका इतना प्रभाव पड़ा कि देखते ही देखते ईरान के दूसरे शहरों और कस्बों में लोग ख़ुद सामने आ गए और वॉल ऑफ काइंडनेस में ज़रूरतमंदों के लिए गर्म कपड़े टांगने लगे।

ईरान के सभी बड़े शहरों में ऐसी दीवार बनाई गईं जिन्हें बाकायदा पेंट से सजाया गया और इन पर लोगों ने ख़ुद आकर अपने गैरज़रूरी गर्म कपड़े टांगे। ईरान में लाखों लोगों के पास अपना घर नहीं है। राजधानी तेहरान में ही करीब 15 हज़ार लोग बेघर हैं। ईरान में दिसंबर और जनवरी के महीने में कड़ाके की ठंड पड़ती है जिसमें तापमान कई बार शून्य से नीचे भी चला जाता है। ऐसे में नेकी की ये दीवारें उन लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं जो बेघर हैं जो गरीब हैं जिनके पास कपड़े तक नहीं हैं।

ईरान में वॉल ऑफ काइंडनेस की इन दीवारों पर सिर्फ़ कपड़े ही नहीं रोज़मर्रा के इस्तेमाल में आने वाली कई दूसरी चीज़ें भी लोग दान देने लगे। यहां तक कि लोग ज़रूरतमंदों के लिए किताबें और फ्रिज लगाकर खाने पीने का सामान भी रखने लगे। ये उन लोगों के लिए बहुत मददगार हो गया जो किसी के सामने हाथ फैलाने नहीं चाहते और तमाम कष्टों के बावजूद किसी से कुछ मांगने में हिचकते हैं। ये ईरान के समाज की एक अनूठी पहल है जो पूरी दुनिया को संदेश दे रहा है कि समाज चाहे तो क्या नहीं कर सकता है। इन दीवारों के ज़रिए ज़रूरतमंदों की मदद भी हो रही है और उन्हें ये भी नहीं लग रहा है कि वो किसी के सामने हाथ फैला रहे हैं। असल में जीना इसी का नाम है।

 

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