ZEE जानकारीः हफ्ते में 39 घंटे या उससे कम काम करना सेहत के लिए अच्छा माना जाता है
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ZEE जानकारीः हफ्ते में 39 घंटे या उससे कम काम करना सेहत के लिए अच्छा माना जाता है

भारत में इस कंपनी के लिए काम करने वाले लोगों के लिए एक आधिकारिक सूचना जारी की गई है. जिसमें कहा गया है, कि कंपनी का कोई भी कर्मचारी शाम 6 बजे से लेकर सुबह 8 बजे के बीच ना तो ऑफिस का फोन उठाएगा.

ZEE जानकारीः हफ्ते में 39 घंटे या उससे कम काम करना सेहत के लिए अच्छा माना जाता है

क्या आपके Boss ने कभी आपसे ये कहा है, कि शाम 6 बजे के बाद, ना तो आपको ऑफिस का फोन उठाना है और ना ही किसी Official E-Mail या Message का जवाब देना है. ये सुनकर आपको ऐसा लगा होगा है कि हमने आपकी दुखती रग पर हाथ रख दिया है . क्योंकि, आपमें से ज़्यादातर लोगों को हमेशा यही शिकायत रहती होगी, कि 'काम का बोझ बहुत ज़्यादा है'....'ऑफिस में देर तक रुकना पड़ता है'. ऑफिस से घर लौटने के बाद भी Boss का फोन Attend करना पड़ता है. बहुत सारे लोग ये भी कहते हैं कि 'मेरे ऑफ़िस जाने का टाइम तो Fix है, लेकिन लौटने का नहीं'...ऐसे सभी लोगों को आज एक बड़ी Multi-National E-commerce company,((के Country Head, अमित अग्रवाल)) के एक फैसले के बारे में पता होना चाहिए.

भारत में इस कंपनी के लिए काम करने वाले लोगों के लिए एक आधिकारिक सूचना जारी की गई है. जिसमें कहा गया है, कि कंपनी का कोई भी कर्मचारी शाम 6 बजे से लेकर सुबह 8 बजे के बीच ना तो ऑफिस का फोन उठाएगा. ना ही किसी Message का जवाब देगा. और ना ही कोई E-Mail भेजेगा. मोटे तौर पर ये कहा गया है, कि शाम 6 बजे से सुबह 8 बजे के दौरान ऑफिस का कोई भी काम नहीं किया जाएगा. बहुत सारे लोगों को ऐसा लगेगा, कि इस कंपनी ने अपने कर्मचारियों के लिए अच्छा कदम उठाया है. लेकिन सच्चाई ये है, कि इस कंपनी को ऐसा करने के लिए मजबूर होना पड़ा है. और इसमें उसका अपना हित छिपा हुआ है. इस कंपनी पर ऐसे आरोप लगते रहे हैं, कि अमेरिका में ये अपने कर्मचारियों से 14 घंटे तक काम करवाती है. अमेरिका के Senator, Bernie Sanders ये आरोप लगा चुके हैं, कि अमेरिका में कई ऐसी कंपनियां हैं, जिनके कर्मचारी अपनी सीट से उठकर Washroom तक भी नहीं जा पाते. 

Australian National University के रिसर्च के मुताबिक, हफ्ते में 39 घंटे या उससे कम काम करना सेहत के लिए अच्छा माना जाता है. लेकिन, अगर किसी व्यक्ति को लम्बे समय तक एक हफ्ते में 39 घंटे से ज़्यादा काम करवाया जाए, तो ना सिर्फ उसकी सेहत खराब होती है. बल्कि उसकी फैसले लेने की क्षमता पर बुरा प्रभाव पड़ता है. ऐसी स्थिति में कर्मचारी को तो नुकसान होता ही है. उसके द्वारा लिए गए फैसलों की वजह से कंपनी को भी नुकसान पहुंचता है. अमेरिका में 94 प्रतिशत से ज़्यादा प्रोफेशनल्स ऐसे हैं, जो एक हफ्ते में 50 घंटे या उससे ज़्यादा काम करते हैं. और ऐसा नहीं है, कि ज़्यादा घंटों तक काम करने की वजह से इंसान ज़्यादा Productive बन जाता है. बल्कि सच ये है, कि ज़्यादा काम करने से इंसान की Productivity कम हो जाती है.

इससे दिमाग के Cognitive Function पर असर पड़ता है. यहां पर Cognitive Function खराब होने का मतलब हुआ, कि आप किसी चीज़ पर ध्यान दे नहीं पाते, आपकी याद्दाश्त कमज़ोर पड़ जाती है, किसी सूचना या जानकारी का विश्लेषण करने की क्षमता कम हो जाती है, किसी चीज़ को समझने में ज़्यादा वक्त लगता है. और आप समझने के बाद भी उसे भूल जाते हैं. शायद यही वजह है, कि इस अमेरिकी कंपनी ने भारत में अपने कर्मचारियों के लिए काम और जीवन के संतुलन को बनाकर रखने की सलाह दी है.

काम के बोझ से थक जाने के बाद छुट्टी या Vacation पर जाना सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं, कि भारत पूरी दुनिया में, छुट्टियों के मामले में पांचवां सबसे वंचित देश है. यानी यहां के लोग सबसे कम छुट्टियां लेते हैं. एक सर्वे में ये पता चला है कि 40 प्रतिशत भारतीय अपने Work Schedule की वजह से घूमने के लिए छुट्टियां नहीं ले पाते .71 फीसदी भारतीय कर्मचारियों ने इस सर्वे में माना कि काम की वजह से उन्होंने अपनी छुट्टियां या तो रद्द करवा दीं, या फिर आगे के लिए टाल दीं.इसी सर्वे में 37 प्रतिशत भारतीयों ने स्वीकार किया, कि वो छुट्टी वाले दिन भी कम से कम एक बार अपना E-mail चेक करते हैं और उसका जवाब देते हैं.

भारत के 60 फीसदी लोगों को ऐसा लगता है, कि उन्हें छुट्टियां नहीं मिलतीं. एक रिपोर्ट के मुताबिक 34 फीसदी भारतीय कर्मचारी काम और ज़िंदगी के बीच संतुलन नहीं बना पाते और इसी वजह से परेशान रहते हैं. भारत में 55 प्रतिशत से ज़्यादा लोग हर हफ्ते 40 घंटे से ज़्यादा काम करते हैं. एक और सर्वे में देश के 74 प्रतिशत लोगों ने माना था, कि उनके बॉस उनसे इस बात की उम्मीद रखते हैं, कि वो Regular Office Hours के बाद भी काम के लिए उपलब्ध रहें.इसी सर्वे में 30 प्रतिशत लोगों ने ये माना कि अपने बॉस के डर से वो छुट्टी मांगने की हिम्मत नहीं जुटा पाए. जबकि 42 प्रतिशत लोग अपने काम के दबाव की वजह से छुट्टी नहीं ले पाए .

21 प्रतिशत लोगों ने इस डर से छुट्टी नहीं ली कि कहीं उनके पीछे Office में कोई उनकी जगह न ले लें जबकि 21 प्रतिशत लोगों ने सिर्फ़ बॉस को प्रभावित करने के लिए, अपनी छुट्टियों की बलि चढ़ा दी. The Lancet में छपी एक Study के मुताबिक, हफ्ते में 55 घंटे काम करने से दिल की बीमारी और Stroke का ख़तरा 33 प्रतिशत तक बढ़ जाता है. अगर आप बहुत ज़्यादा काम करते हैं, तो आप मोटापे के शिकार हो सकते हैं, आपको नींद ना आने की बीमारी हो सकती है. आपको Diabetes और डिप्रेशन भी हो सकता है.

इसलिए काम के घंटों को सीमित करना बहुत ज़रूरी है. कई घंटों तक, तय सीमा से ज़्यादा काम करने वाले कर्मचारियों की पीड़ा दिखाने के लिए हमारे पास एक Video है. ये Video इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है. हालांकि वीडियो देखते वक्त इस बात का ध्यान रखें, कि इसमें दिया गया संदेश उन लोगों पर लागू नहीं होता, जो ऑफिस में Working Hours के दौरान मौज मस्ती और कामचोरी करते हैं.अपने काम के साथ बेईमानी करने वाले लोग, कृपा करके ये वीडियो ना देखें.

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