Zee मीडिया एक्‍सक्‍लूसिव: अमिताभ बच्चन के भाई ने 'पनामा ईयर्स' में उनके कारोबार को मैनेज किया
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Zee मीडिया एक्‍सक्‍लूसिव: अमिताभ बच्चन के भाई ने 'पनामा ईयर्स' में उनके कारोबार को मैनेज किया

भले ही बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन ने पनामा दस्तावेज लीक मामले में अपना नाम कथित तौर पर दो कर पनाहगाहों में अपतटीय इकाइयों से संबंधित होने के तौर पर आने के बाद उन कंपनियों से कोई संबंध होने से इनकार किया और उनके नाम का ‘दुरुपयोग’होने की बात कही हो लेकिन यह खुलासा हुआ है कि उस दौरान (पनामा में बीते समय का मामला) उल्लेखित कंपनियों में उनके वित्तीय हित शामिल थे और उक्‍त व्यवसाय उनके छोटे भाई अजिताभ बच्चन की ओर चलाए जा रहे थे। इस खुलासे के बाद अब यह सवाल उठने लगा है कि क्‍या अमिताभ पनामा पेपर्स लीक के बाद सच बोल रहे हैं?

Zee मीडिया एक्‍सक्‍लूसिव: अमिताभ बच्चन के भाई ने 'पनामा ईयर्स' में उनके कारोबार को मैनेज किया

नई दिल्‍ली : भले ही बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन ने पनामा दस्तावेज लीक मामले में अपना नाम कथित तौर पर दो कर पनाहगाहों में अपतटीय इकाइयों से संबंधित होने के तौर पर आने के बाद उन कंपनियों से कोई संबंध होने से इनकार किया और उनके नाम का ‘दुरुपयोग’होने की बात कही हो लेकिन यह खुलासा हुआ है कि उस दौरान (पनामा में बीते समय का मामला) उल्लेखित कंपनियों में उनके वित्तीय हित शामिल थे और उक्‍त व्यवसाय उनके छोटे भाई अजिताभ बच्चन की ओर चलाए जा रहे थे। इस खुलासे के बाद अब यह सवाल उठने लगा है कि क्‍या अमिताभ पनामा पेपर्स लीक के बाद सच बोल रहे हैं?

ज़ी मीडिया की पड़ताल में खुलासा हुआ है कि एक बड़े राजनीतिक परिवार के पैसे भी इस खाते के माध्यम से भेजे गए थे और बच्चन ने जाहिर तौर पर लंदन स्थित वकील सरोश जईवल्‍ला की सेवाओं का इस्तेमाल किया। दिलचस्प बात यह है कि सरोश जईवल्‍ला की वेबसाइट www.zaiwalla.co.uk पर जईवल्‍ला की ओर से खुद इस बात का उल्लेख है कि उन्‍होंने बच्चन और गांधी परिवार जैसे प्रतिष्ठित क्‍लाइंट्स (कामकाज) को संभाला।  
 
हालांकि, ज़ी मीडिया मामले की पड़ताल कर रही है और सभी लिंक्‍स को सुनिश्चित करने की कोशिश में जुटी है। दूसरी ओर, पनामा पेपर्स लीक मामले में सरगर्मी बढ़ती जा रही है। वहीं, बॉलीवुड अभिनेता ने कल निम्नलिखित ट्वीट किया:-

गौर हो कि एक अग्रणी अंग्रेजी अखबार ने बीते दिनों एक खबर प्रकाशित की थी जो कि पनामा स्थित विधि कंपनी मोसैक फोनसेका के लीक दस्तावेजों पर आधारित थी, जिसकी पहुंच उन 500 भारतीय नागरिकों एवं कंपनियों तक है जिन्हें अपटीय कर पनाहगाहों में रखा गया है। इस खबर के बारे में उल्लेख करते हुए 73 वर्षीय बच्चन ने कहा था कि इस रिपोर्ट में जिन कंपनियों का उल्लेख किया गया है, उनमें से मैं किसी को भी नहीं जानता। इसमें उल्लेखित कंपनियों में से किसी का भी मैं कभी निदेशक नहीं रहा हूं। ऐसा संभव है कि मेरे नाम का दुरुपयोग किया गया है।

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