बीजेपी को 104, कांग्रेस को 78 और जेडीएस को 38 सीटें मिली है. सबसे बड़ा दल होने के नाते बीजेपी नेता येदियुरप्पा ने राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया था.
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बेंगलुरुः कर्नाटक विधानसभा चुनाव के परिणामों के बाद पैदा हुए राजनीतिक संकट पर राज्यपाल वजूभाई वाला ने निर्णय ले लिया है. बीजेपी नेता मुरलीधर राव ने मीडिया को बताया कि राजभवन से बीएस येदियुरप्पा को सरकार बनाने की चिट्ठी मिल गई है. उन्होंने बताया कि गुरुवार सुबह 9 बजे येदियुरप्पा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. राज्यपाल ने येदियुरप्पा को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन तक का समय दिया है. मुरलीधर राव ने कहा कि बीजेपी ने हमेशा लोकतंत्र का पालन किया है और हम बहुमत साबित करेंगे.
खबर है कि शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह शामिल नहीं होंगे. मुरलीधर राव ने मीडिया को बताया कि गुरुवार को होने वाले शपथ ग्रहण में अकेले येदियुरप्पा ही शपथ लेंगे. कोई और मंत्री उनके साथ शपथ नहीं लेगा. उन्होंने कहा कि सदन में बहुमत साबित करने के बाद येदियुरप्पा सरकार के मंत्रियों का शपथ ग्रहण होगा.
Karnataka Governor's letter inviting BJP's BS Yeddyurappa to form government. #KarnatakaElectionResults2018 pic.twitter.com/EafBULC7nr
— ANI (@ANI) May 16, 2018
बीजेपी को सरकार बनाने का न्योता दिए जाने की खबर मिलने के बाद से कांग्रेस खेमे में हड़कंप मच गया. कांग्रेस नेता पी चिदंबरम और कपिल सिब्बल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके राज्यपाल द्वारा उठाए गए इस कदम को गलत बताया और कहा कि बीजेपी लोकतंत्र की हत्या कर रही है.
ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस अब इस मामले में कानून के जानकारों की राय लेकर अगल कदम उठाने की तैयारी में है. बता दें कि कर्नाटक विधानसभा में बहुमत के लिए 112 सीटों की आवश्यकता है. लेकिन बीजेपी को 104, कांग्रेस को 78 और जेडीएस को 38 सीटें मिली है. सबसे बड़ा दल होने के नाते बीजेपी नेता येदियुरप्पा ने राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया था. वहीं कांग्रेस ने जेडीएस को समर्थन देते हुए बहुमत का दावा किया है. कांग्रेस जेडीएस के कुमारस्वामी को सीएम बनाने पर सहमत है और आज (बुधवार) कुमारस्वामी ने जेडीएस और कांग्रेस विधायकों के साथ राज्यपाल से मुलाकात की थी.
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आज (बुधवार को) कुमारस्वामी ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि उन्होंने राज्यपाल महोदय को 117 विधायकों के समर्थन का पत्र सौंपा है और सरकार बनाने का दावा पेश किया है. राज्यपाल ने भी उन्हें संविधान के मुताबिक निर्णय लेने का आश्वासन दिया है. जबकि येदियुरप्पा ने बुधवार को नतीजे आने के बाद ही राज्यपाल से मुलाकात की थी और सबसे बड़ा दल होने के नाते सरकार बनाने का दावा पेश किया था. राज्यपाल ने दोनों ही पक्षों से मुलाकात करने के बाद संवैधानिक दायरे में रहकर निर्णय लेने की बात कही थी.