कर्नाटक में जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने सरकार बनाने का दावा पेश किया है. वह सोमवार को शपथ ग्रहण करेंगे.
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नई दिल्ली: कर्नाटक में जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने सरकार बनाने का दावा पेश किया है. वह सोमवार को शपथ ग्रहण करेंगे. कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के पास 115 (कांग्रेस-78 व जेडीएस-37) सीटें हैं. वहीं बहुजन समाज पार्टी, कर्नाटक जनता पार्टी और निर्दलीय ने एक-एक सीट पर जीत दर्ज की है. बीएसपी ने जेडीएस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा है. इससे पहले दिनभर चले घटनाक्रम में बीएस येदियुरप्पा ने शक्ति परीक्षण से पहले ही इस्तीफा दे दिया. उन्होंने कहा कि वह जनता के बीच जाएंगे. उन्होंने जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन को षडयंत्र करार दिया. कुमारस्वामी पहले भी येदियुरप्पा को झटका दे चुके हैं. इससे पहले भी उन्होंने कांग्रेस के सपोर्ट से सरकार बनाई थी.
बीजेपी को हराने की स्ट्रेटजी
जेडीएस ने इस बार चुनाव में पूरी ताकत झोंक दी थी. कुमारस्वामी ने अपने समर्थकों से यहां तक कहा था कि अगर आप लोग मुझे जिंदा देखना चाहते हैं तो मेरी पार्टी को चुनाव जिताइए. हालांकि जेडीएस का प्रदर्शन चुनाव में उतना अच्छा नहीं रहा लेकिन बीजेपी को बहुमत न मिल पाने में उसकी रणनीति रंग लाई.
जेडीएस ने कांग्रेस के वोट काटे
12 मई को मतदान से पहले चुनाव प्रचार में जेडीएस ने कांग्रेस और बीजेपी दोनों को निशाना बनाया. वह किसी भी प्रकार के गठबंधन से दूर रही. हां, बसपा से कुछ सीटों पर जरूर तालमेल किया था. उनकी कांग्रेस खासकर सिद्धारमैया को हराने की रणनीति ने काम किया और सत्ता में रही कांग्रेस को बाहर होना पड़ा. उसकी सीटें भी 100 से घटकर 78 पर आ गईं. जब परिणाम सामने आए तो वह जेडीएस के नतमस्तक हो गई और उसे सबसे छोटा दल होने के बावजूद सरकार बनाने का मौका मिला.
2019 का सियासी समीकरण
जेडीएस कांग्रेस और बीजेपी से चुनाव पूर्व तालमेल न कर वोटरों के बीच यह धारणा बनाने में कामयाब रही कि वह इस चुनाव के साथ 2019 के लिए भी तैयारी कर रही है. बीते तीन दिन से कर्नाटक में जारी सियासी दंगल को भी उसने आखिरकार शिकस्त दे दी. इससे अगले साल आम चुनाव में उसे मदद मिलेगी. बीजेपी को उम्मीद थी कि अगर कर्नाटक में उसकी सरकार बन जाती है तो 2019 में दक्षिण भारत से उसे मदद मिलेगी लेकिन जेडीएस ने ऐन मौके पर उसको छका दिया.