कर्नाटक: हॉर्स ट्रेडिंग रोकने के लिए कांग्रेस-जेडीएस ने कसी कमर, चलेगा बैठकों का दौर
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कर्नाटक: हॉर्स ट्रेडिंग रोकने के लिए कांग्रेस-जेडीएस ने कसी कमर, चलेगा बैठकों का दौर

चुनाव आयोग द्वारा घोषित परिणाम के अनुसार जिन 222 विधानसभा सीटों पर चुनाव कराए गए थे उसमें से भाजपा ने 104 सीटों पर जीत हासिल की है.

बेंगलुरु में राज्यपाल भवन के बाहर मीडिया से बात करते सिद्धारमैया और जेडीएस के नेता कुमारस्वामी. (Reuters/15 May, 2018)

बेंगलुरु: कर्नाटक में सरकार बनाने को लेकर कांग्रेस के विधायकों की बैठक अब से कुछ ही देर में बेंगलुरु में होगी. इस बैठक में जहां कांग्रेस के विधायक दल के नेता का चुनाव होगा, तो दूसरी ओर भाजपा को सत्ता से दूर रखने की रणनीति पर चर्चा होने की पुरजोर गुंजाइश है. कांग्रेस को इस बात का भी डर सता रहा है कि सरकार बनाने के लिए चुनाव में जीतकर आए उनके विधायक को पार्टी से तोड़ा जा सकता है, ऐसे में पार्टी की पूरी कोशिश इस बात को लेकर भी है कि उनके एमएलए खरीद-फरोख्त (हॉर्स ट्रेडिंग) के शिकार न हो जाएं. कांग्रेस से अलग जेडीएस के विधायकों की बैठक भी 10:30 बजे के करीब बेंगलुरु में होने की संभावना जताई जा रही है. भाजपा विधायक ईश्वरप्पा ने कहा है कि कर्नाटक की जनता ने अमित शाह और पीएम नरेंद्र मोदी को समर्थन दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस और जेडीएस के कुछ विधायक हमारे संपर्क में हैं.  

  1. कांग्रेस और जेडीएस को खरीद-फरोख्त (हॉर्स ट्रेडिंग) का डर सता रहा है.
  2. भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, लेकिन बहुमत से नौ सीटें दूर रह गई.
  3. कांग्रेस ने तीसरे नंबर की पार्टी जद (एस) को अपना समर्थन दे दिया है.

कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, लेकिन बहुमत से नौ सीटें दूर रह गई. उधर कांग्रेस ने भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए नाटकीय रूप से चुनाव बाद गठबंधन के तहत तीसरे नंबर की पार्टी जद (एस) को अपना समर्थन दे दिया है. त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति सामने आने के बाद सबसे बड़े दल भाजपा और चुनाव पश्चात बने कांग्रेस-जद (एस) के गठबंधन के सरकार बनाने का दावा पेश करने के बाद राज्य में भावी सरकार को लेकर संशय और गहरा गया है.

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सारी नजरें अब राज्यपाल वजुभाई वाला पर टिक गई हैं. उन्हें फैसला करना है कि वह सरकार बनाने के लिये सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी भाजपा को आमंत्रित करें या कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन को बुलाएं. इस गठबंधन को अब तक घोषित परिणामों और रुझानों के हिसाब से 224 सदस्यीय विधानसभा में स्पष्ट बहुमत हासिल है.

भाजपा 104 तो कांग्रेस 78 सीटों पर विजयी 
राज्य की 224 में से 222 विधानसभा सीटों पर 12 मई को मतदान हुआ था. आर आर नगर सीट पर कथित चुनावी कदाचार की वजह से चुनाव टाल दिया गया, जबकि जयनगर सीट पर भाजपा प्रत्याशी के निधन के कारण चुनाव स्थगित किया गया. चुनाव आयोग द्वारा घोषित परिणाम के अनुसार जिन 222 विधानसभा सीटों पर चुनाव कराए गए थे उसमें से भाजपा ने 104 सीटों पर जीत हासिल की है. भाजपा को 2013 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले 64 सीटों का फायदा हुआ है.

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वहीं, कांग्रेस ने 78 सीटों पर जीत दर्ज की है. उसे पिछले चुनाव की तुलना में 44 सीटों का नुकसान हुआ है. हालांकि, उसे हासिल मतों का प्रतिशत भगवा पार्टी से लगभग दो फीसदी अधिक है. जद (एस) ने 37 सीटों पर जीत हासिल की है. उसे तीन सीटों का नुकसान हुआ है, जबकि उसकी सहयोगी बसपा ने एक सीट अपनी झोली में डाली है. केपीजेपी को एक सीट मिली है, जबकि एक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी के सिर पर जीत का सेहरा बंधा है. राज्य विधानसभा चुनाव में 72.13 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. चुनाव आयोग के अनुसार कांग्रेस को 38 फीसदी मत मिले, जबकि भाजपा को 36.2 फीसदी मत प्राप्त हुए हैं. पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा की जद (एस) को 18.4 फीसदी वोट मिले हैं.

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