गिलानी को चंद सेकेंड की सजा, नहीं छोड़ेंगे कुर्सी
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गिलानी को चंद सेकेंड की सजा, नहीं छोड़ेंगे कुर्सी

पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी को न्यायालय की अवमानना का दोषी ठहराते हुए उन्हें करीब 30 सेकेंड की प्रतीकात्मक सजा सुनाई।

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी को न्यायालय की अवमानना का दोषी ठहराते हुए उन्हें करीब 30 सेकेंड की प्रतीकात्मक सजा सुनाई। न्यायालय ने कहा कि गिलानी ने आदेश पर अमल न कर अदालत की गरिमा को ठेस पहुंचाई है।

 

न्यायालय द्वारा दोषी ठहराए जाने पर विपक्षी दलों ने गिलानी से पद छोड़ने की मांग की है, लेकिन जियो टीवी के अनुसार, कोर्ट के इस फैसले के बाद पाक कैबिनेट ने फैसला किया कि प्रधानमंत्री गिलानी इस्‍तीफा नहीं देंगे। पाकिस्तान के मंत्रिमंडल ने बैठक में तय किया कि प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी को नैतिक आधार पर इस्तीफा देने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि उन्हें आपराधिक आरोप के तहत दोषी नहीं ठहराया गया।

 

सुप्रीम कोर्ट ने कुछ दिनों पहले गिलानी को आदेश दिया था कि वह राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले को दोबारा खोलने के लिए स्विटजरलैंड के अधिकारियों को पत्र लिखें लेकिन गिलानी ने ऐसा करने से इंकार कर दिया था। मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गिलानी को अदालत की अवमानना का दोषी पाया और सुनवाई के दौरान उन पर यह टिप्पणी की। न्यायालय ने गिलानी को करीब 30 सेकेंड की एक प्रतीकात्मक सजा सुनाई।

 

समाचार चैनल 'जिओ न्यूज' के मुताबिक न्यायालय ने कहा कि गिलानी द्वारा की गई न्यायालय की अवमानना न्याय के प्रशासन के लिए काफी हद तक हानिकारक है और न्यायालय के आदेश पर अमल न कर न्यायालय एवं न्यायपालिका की खिल्ली उड़ाई गई है। न्यायमूर्ति नसीर-उल-मलिक की अध्यक्षता वाली सात न्यायाधीशों की पीठ ने गिलानी को पाकिस्तानी संविधान की धारा 63 (1) (जी) के उल्लंघन का दोषी ठहराया। मलिक ने कहा, 'गिलानी ने जान-बूझकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन किया और वह अवमानना के दोषी हैं।' इसके बाद, न्यायालय परिसर से बाहर निकलते समय गिलानी ने मुस्कराते हुए हाथ हिलाकर अपने समर्थकों का अभिवादन किया।

 

ज्ञात हो कि गिलानी को 16 जनवरी को न्यायालय की अवमानना मामले में नोटिस भेजा गया था और उन्हें 13 फरवरी को दोषी ठहराया गया था। गत मंगलवार को गिलानी के खिलाफ निर्णय सुरक्षित रख लिया गया था। गिलानी को न्यायालय की अवमानना का दोषी ठहराए जाने और उन्हें करीब 30 सेकेंड की प्रतीकात्मक सजा मिलने पर विपक्षी दलों ने गिलानी से इस्तीफे की मांग की है। विपक्षी दल एक तरफ जहां गिलानी से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं तो दूसरी तरफ सरकार के एक मंत्री ने कहा कि न्यायालय के आदेश के खिलाफ याचिका दायर की जाएगी।  (एजेंसी)

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