टाटा समूह ने नई तोप बनाई

टाटा समूह ने स्वदेशी निजी रक्षा उद्योग को विकसित करने की ओर एक कदम बढ़ाते हुए एक नयी तोप विकसित की है और सेना से इसका परीक्षण करने के लिए गोला बारूद मुहैया कराने का अनुरोध किया है।

नई दिल्ली: टाटा समूह ने स्वदेशी निजी रक्षा उद्योग को विकसित करने की ओर एक कदम बढ़ाते हुए एक नयी तोप विकसित की है और सेना से इसका परीक्षण करने के लिए गोला बारूद मुहैया कराने का अनुरोध किया है।
टाटा पावर स्ट्रेटेजिक इलेक्ट्रानिक्स डिवीजन के प्रमुख राहुल चौधरी ने मंगलवार को कहा कि हमने तोप प्रणाली विकसित करने के लिए कई विदेशी सहयोगियों के साथ काम किया है। हमने सेना से तोप की अभियांत्रिकी और गोला बारूद मुहैया कराने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि कंपनी ने अभी तोप का एक नमूना तैयार किया है और उसमें इस्तेमाल 50 से 55 प्रतिशत कल पुर्जे स्वदेशी हैं। हम डेढ़ सौ या इससे अधिक तोप बनाने की स्थिति में हैं। हम तोप में इस्तेमाल स्वदेशी कल पुजरें के प्रतिशत को बढ़ाकर 70 से 75 प्रतिशत कर पाएंगे।
टाटा समूह की ओर से बनायी गई 155 मिलीमीटर 52 कैलिबर की तोप की मारक क्षमता 52 किलोमीटर रहने की संभावना है जो कि भारत की ओर से अभी तक विकसित तोपों में संभवत: सबसे अधिक होगी। जारी
कंपनी चाहती है कि रक्षा मंत्रालय भविष्य में ऐसी तोपों की खरीद होने पर उसे निविदा प्रक्रिया में हिस्सा लेने की इजाजत दे। गत 25 वर्ष से बोफोर्स तोप घोटाला के भूत के साये से परेशान सेना विदेशी कंपनियों से एक भी तोप की खरीद नहीं कर पायी हालांकि उसने इसके लिए कई बार प्रयास जरूर किये।
रक्षा मंत्रालय ने विभिन्न तरह की तोपों की खरीद के लिए कई निविदाएं जारी की थीं जिससे सेना पर 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक का बोझ पड़ेगा।
मंत्रालय ने इसके साथ ही चीन और पाकिस्तान से लगती पर्वतीय सीमा पर तैनाती के लिए 145 एम777 अत्यंत हल्की तोप खरीद के लिए अमेरिकी सरकार को अनुरोध पत्र भी भेजा था। (एजेंसी)

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