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लखनऊ : इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने मंगलवार को निर्मल बाबा उर्फ निर्मलजीत सिंह नरूला को राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) लखनऊ के आदेश पर गोमतीनगर थाने में दर्ज प्राथमिकी (एफआईआर) के खिलाफ निर्मल बाबा ने सोमवार को लखनऊ खंडपीठ में रिट याचिका दायर की थी।
निर्मल बाबा की ओर से दायर रिट याचिका में कहा गया था कि वह एक प्रख्यात धार्मिक व्यक्ति हैं और इस मामले में पूर्णतया निर्दोष हैं। उन्होंने सीजेएम लखनऊ के आदेश को गलत बताते हुए इस एफआईआर को निरस्त करने और इस दौरान गिरफ्तारी रोकने की मांग की थी।
लखनऊ के गोमतीनगर थाने में यह एफआईआर भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी अमिताभ ठाकुर के बच्चों तान्या और आदित्य के प्रार्थनापत्र के आधार पर दर्ज की गई थी। दोनों बच्चों ने निर्मल बाबा पर धर्म के नाम पर ठगी करने का आरोप लगाया था।
निर्मल बाबा की रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए लखनऊ खंडपीठ के न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार सिंह और न्यायमूर्ति सईद उज्ज़मा सिद्दीकी की संयुक्त बेंच ने गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए निर्मल बाबा को जांच में पूरा सहयोग करने का निर्देश दिया। अदालत ने एफआईआर को निरस्त नहीं किया। (एजेंसी)