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मुंबई : बीते नवंबर महीने में एक भी भारतीय कंपनी प्राथमिक बाजार में नहीं आई जो बाजार के निराशाजनक रहने का प्रतीक है। आलोच्य महीने में कोई भी कंपनी सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) या राइट्स इश्यू नहीं लाई। इससे पहले अक्तूबर में भी प्राथमिक बाजार में कोई निर्गम नहीं आया था।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की नवीनतम पूंजी बाजार समीक्षा के अनुसार, अक्टूबर की तरह नवंबर महीने में भी प्राथमिक बाजार में कोई सार्वजनिक या अधिकार निर्गम नहीं आया। विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका में मंदी तथा यूरो क्षेत्र के देशों में सरकारी ऋण संकट के कारण निजी इक्विटी तथा विदेशी संस्थागत निवेशक नया निवेश नहीं कर रहे हैं जिसके चलते प्राथमिक बाजार मंदा है।
इससे पहले अगस्त व सितंबर में कुछ कंपनियों के आईपीओ आदि निर्गम आए थे लेकिन उनके शेयर इस समय आवंटन मूल्य से भी कम के भाव पर चल रहे हैं। जिसके चलते कंपनियों ने सतर्क रख अपना लिया है।
इसके अनुसार, वित्त वर्ष 2011-12 में अब तक 47 सार्वजनिक शेयर निर्गमों के जरिए कुल मिलाकर 16,437.6 करोड़ रुपये की राशि जुटाई गई है जबकि 2010-11 की समान अवधि में 60 निर्गमों के जरिए 48,923.3 करोड़ रुपये की राशि जुटाई गई थी।
उल्लेखनीय है कि नवंबर में शेयर बाजारों में काफी उतार चढाव देखने को मिला और बांबे शेयर बाजार (बीएसई) का सेंसेक्स 8 प्रतिशत टूट गया। (एजेंसी)