जवाहिरी से मिला था लादेन का सुराग : किताब

सील्स के पूर्व कमांडो चक फैरर की किताब ‘सील टॉरगेट जेरोनिमो’ में खुलासा हुआ है कि अलकायदा में दूसरे नंबर की हैसियत रखने वाला अल जवाहिरी से अमेरिका को लादेन का सुराग मिला था।

वाशिंगटन : अलकायदा में दूसरे नंबर की हैसियत रखने वाला अयमन अल जवाहिरी संगठन का मुखिया बनने को बेताब था और उसने ऐबटाबाद में छिपे ओसामा बिन लादेन के पास बार-बार अपने एक संदेशवाहक को भेजा जिससे सीआईए ने पूछताछ की।

 

यह खुलासा बाजार में आई एक किताब ‘सील टॉरगेट जेरोनिमो’ में किया गया है जिसमें कहा गया है कि आईएसआई अधिकारी समय-समय पर लादेन की जांच भी करते थे। यह किताब सील्स के पूर्व कमांडो चक फैरर ने लिखी है। 2 मई को ऐबटाबाद में अमेरिकी हमले में लादेन के मारे जाने के घटनाक्रम का सिलसिलेवार ब्यौरा देने वाली यह किताब लादेन को मारने वाली सील्स टीम के सदस्यों, अमेरिकी सेना और ओबामा प्रशासन के अधिकारियों के साक्षात्कार और उनसे की गई बातचीत पर आधारित है।

 

किताब में लिखा गया है कि जवाहिरी अकसर अबू अहमद अल कुवैती को लादेन के परिसर में भेजता था। सूचनाओं के आधार पर निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि ऐबटाबाद स्थित लादेन के परिसर की जानकारी अमेरिका को जवाहिरी की गतिविधियों से ही मिली थी। फैरर ने किताब में लिखा है कि वहां सुरक्षा संबंधी कई छोटी-बड़ी चूक हुईं। इनमें से कुछ तो ऐसी थीं कि उन पर हंसी आ सकती है। किताब के अनुसार, जवाहिरी ने तो यहां तक कोशिश की कि रूसी बिन लादेन को मार डालें लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

 

इसमें आगे लिखा गया है, ‘उसे (जवाहिरी को) उम्मीद थी कि बिन लादेन को एडीसन्स बीमारी हो जाएगी और वह मर जाएगा। लेकिन ऐसा भी नहीं हुआ। फिर जवाहिरी ने आखिरी दांव खेला। उसने एक संदेशवाहक को ओसामा के पास भेजना शुरू किया जिसका भेद अमेरिकी खुफिया अधिकारी पहले ही पता कर चुके थे। और फिर वही हुआ जो होना था। अमेरिकियों को उसका पता चल गया।’ न्यूयॉर्क के सेंट मार्टिन्स प्रेस से प्रकाशित कुल 225 पृष्ठों की इस किताब में कहा गया है कि जवाहिरी इस्लामी सरकार के अपने विचार को अमल में लाने के लिए 30 साल तक हिंसा के इस्तेमाल का इच्छुक रहा। लेकिन अब मुस्लिम तानाशाही को उखाड़ फेंक रहे हैं और शरीया कानून नहीं बल्कि लोकतंत्र का आह्वान कर रहे हैं।

 

फैरर ने आगे लिखा है, ‘जवाहिरी ने कोशिश की कि ओसामा पश्चिम के खिलाफ हमले तेज करे। बार-बार रसायनिक हथियारों की अमेरिका में तस्करी करने की योजना बनाई, लेकिन नाकामी मिली। 2009 के अंत तक उसने अलकायदा का पूरा नियंत्रण बिन लादेन से अपने हाथ में लेने का विचार किया।’

 

किताब के अनुसार, ‘अपने आका से वह कइ मायने में बढ़त रखता था। वह अत्यंत क्रूर था और अंग्रेजी पर उसकी पकड़ थी। अलकायदा के बारे में उसे अमेरिकी खबरें मिलती रहती थीं। वह खुद को मुहैया कराए गए सुरक्षित आवासों में आता-जाता रहता था। वह अबू अहमद अल कुवैती के विचित्र रंगों में पेंट किए गए ट्रक के जरिए अपने संदेश भेजता था। ट्रक और इसके बार-बार आने-जाने की हलचल ने अमेरिकी खुफिया अधिकारियों के कान खड़े कर दिए।’ (एजेंसी)

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