दिल्ली गैंगरेप घटनाक्रम : जानिए कब क्या हुआ

देश की राजधानी में पिछले वर्ष 16 दिसंबर को चलती बस में हुई सामूहिक दुष्कर्म की क्रूरतम घटना के दोषियों को शुक्रवार को फांसी की सजा सुना दी गई। कब क्या हुआ, इस पर एक नजर (16 दिसंबर, 2012) दक्षिणी दिल्ली में एक चलती बस के अंदर एक नाबालिग सहित छह लोगों ने 23 वर्षीय फीजियोथेरेपी प्रशिक्षु छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया।

नई दिल्ली : देश की राजधानी में पिछले वर्ष 16 दिसंबर को चलती बस में हुई सामूहिक दुष्कर्म की क्रूरतम घटना के दोषियों को शुक्रवार को फांसी की सजा सुना दी गई। कब क्या हुआ, इस पर एक नजर (16 दिसंबर, 2012) दक्षिणी दिल्ली में एक चलती बस के अंदर एक नाबालिग सहित छह लोगों ने 23 वर्षीय फीजियोथेरेपी प्रशिक्षु छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया।
17 दिसंबर : बस चालक राम सिंह और दो अन्य को गिरफ्तार किया गया।
18 दिसंबर : इस घटना पर दिल्ली सहित देशभर में प्रदर्शन। मध्य दिल्ली में आक्रोशित भीड़ और पुलिस के बीच झड़प, चौथा आरोपी गिरफ्तार।
19 दिसंबर : दो आरोपियों को दिल्ली की एक अदालत में पेश किया गया। आरोपी विनय ने अदालत से कहा, "मुझे फांसी दे दी जाए।"
21 दिसंबर : पांचवां आरोपी जो वारदात के समय 17 वर्ष, छह महीने का था, उसे उत्तर प्रदेश स्थित अपने कस्बे के लिए एक बस में चढ़ते समय पूर्वी दिल्ली के आनंद विहार से गिरफ्तार किया गया। इसी दिन छठे आरोपी अक्षय ठाकुर को बिहार से गिरफ्तार कर लाया गया।
22 दिसंबर : पीड़िता ने उप मंडलीय दंडाधिकारी के समक्ष बयान दर्ज कराया।
23 दिसंबर : दिल्ली उच्च न्यायालय ने त्वरित अदालत का गठन किया।
24 दिसंबर : सरकार ने मामले की त्वरित सुनवाई और दुष्कर्म के मामलों में और कड़ी सजा के प्रावधान के लिए कानून में संशोधन के लिए सुझाव देने वाली एक समिति के गठन की घोषणा की।
27 दिसंबर : पीड़िता की हालत बिगड़ी, बेहतर इलाज के लिए सफदर जंग अस्पताल से विमान द्वारा उसे सिंगापुर ले जाया गया।
29 दिसंबर : पीड़िता ने सिंगापुर के एलिजाबेथ अस्पताल में दम तोड़ दिया।
30 दिसंबर : पीड़िता के शव को विशेष विमान से रात में दिल्ली लाया गया और तड़के ही अंत्येष्टि कर दी गई।
3 जनवरी, 2013 : इस मामले के सभी छह आरोपियों के खिलाफ दुष्कर्म, हत्या, अपहरण, सबूत मिटाने और हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया।
7 जनवरी : अदालत ने बंद कमरे में मामले की सुनवाई का आदेश दिया।
28 जनवरी : किशोर न्याय बोर्ड ने आरोपियों में से एक को नाबालिग करार दिया।
2 फरवरी : त्वरित अदालत में सुनवाई शुरू हुई। पांच लोगों के खिलाफ हत्या, सामूहिक दुष्कर्म और अन्य अपराधों के आरोप तय किए गए।
3 फरवरी : अपराध कानून (संशोधन) अध्यादेश, 2013 जारी। कानून को और कठोर बनाने के लिए संबंधित विधेयक 19 मार्च को लोकसभा में और 21 मार्च को राज्यसभा में पारित।
5 फरवरी : मामले की सुनवाई शुरू, अदालत ने आरोपियों के बयान दर्ज किए।
11 मार्च : तिहाड़ जेल में आरोपी राम सिंह फंदे से लटकता पाया गया।
17 मई : पीड़िता की मां अभियोजन पक्ष की गवाह के रूप में अदालत के समक्ष हाजिर हुई और बोली, "मेरी बेटी को न्याय दो।"
14 जून : सुधार गृह में बंद नाबालिग आरोपी छह माह बाद 18 वर्ष का हो गया। उसकी उम्र का निर्धारण स्कूल के प्रमाणपत्र के आधार पर किया गया।
11 जुलाई : किशोर न्याय बोर्ड ने नाबालिग आरोपी पर फैसला 25 जुलाई तक के लिए सुरक्षित रखा।
25 जुलाई : किशोर न्याय बोर्ड ने फैसला 5 अगस्त तक के लिए टाल दिया।
22 अगस्त : सर्वोच्च न्यायालय ने किशोर न्याय बोर्ड को फैसला सुनाने की अनुमति दी।
31 अगस्त : किशोर न्याय बोर्ड ने नाबालिग आरोपी को तीन साल विशेष सुधार गृह में रखने की सजा सुनाई।
3 सितंबर : त्वरित अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया।
10 सितंबर : सभी साक्ष्यों के आधार पर चारों आरोपी मुकेश, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर को अदालत ने दोषी करार दिया। अदालत ने कहा कि सजा 11 सितंबर को सुनाई जाएगी।
11 सितंबर : अदालत ने चारों आरोपियों को सजा सुनाने की तारीख 13 सितंबर तय कर दी।
13 सितंबर : त्वरित अदालत ने दोपहर ढाई बजे चारों आरोपियों को मृत्युदंड सुनाया। (एजेंसी)

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