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नई दिल्ली : मुठभेड के दौरान शहीद हुए केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान का नक्सलियों द्वारा पेट फाडकर उसमें बम रखकर सिलने की घटना के बीच गुरुवार को सरकार ने माना कि माओवादी नये तरीके अपना रहे हैं, जिनसे निपटने की तैयारी की जा रही है।
झारखंड के लातेहर में सीआरपीएफ टीम और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड के बारे में किए गए सवाल पर केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिन्दे ने यहां संवाददाताओं से कहा कि नक्सली तो नए तरीके अपनाते हैं, नई रणनीति अपनाते हैं। मैंने निर्देश दे दिया है, पूरा बंदोबस्त किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दो तीन दिन पहले घटना हुई थी। जहां ये घटना हुई, वह जंगली और पहाड़ी इलाका है। कुछ लोग मृतकों के शव देखने गए थे। उनमें से एक के शरीर पर विस्फोटक लिपटा था, जिसके फटने से तीन लोग मारे गए।
शिंदे ने बताया कि सीआरपीएफ के एक जवान के पेट में आईईडी रखकर पेट को सिल दिया गया था, जिसका पता लगने पर उसे निष्क्रिय किया गया। उन्होंने बताया कि इस मुठभेड में सीआरपीएफ के दस जवान शहीद हुए। तीन आम लोग और आठ नक्सली मारे गए। एक अन्य सवाल के जवाब में गृह मंत्री ने कहा कि सरकार की नीति यह नहीं है कि गोली का जवाब गोली से दिया जाए। हम लगातार नक्सलियों से अपील करते आए हैं कि वे हिंसा त्याग दें। हम सामाजिक और आर्थिक मदद के लिए अभी भी तैयार हैं। नक्सल हिंसा प्रभावित इलाकों में शांति कायम होनी चाहिए। यह पूछे जाने पर कि क्या लातेहर मुठभेड के बाद सीआरपीएफ के जवानों का मनोबल गिरा है। शिंदे ने कहा कि सीआरपीएफ के जवानों का मनोबल गिरा नहीं बल्कि और मजबूत हुआ है। मृतक के शरीर को फाड़कर उसमें विस्फोटक रखने की घटना पहली बार हुई है। आगे इस बारे में भी एहतियात बरती जाएगी। उन्होंने कहा कि लातेहर मुठभेड कठिन संघर्ष लगता था क्योंकि माओवादी उस इलाके से भलीभांति परिचित थे। शिंदे ने कहा कि जब तक इस इलाके से माओवादियों का सफाया नहीं हो जाता, सुरक्षाबलों की कार्रवाई जारी रहेगी। (एजेंसी)