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नई दिल्ली : स्वंतत्र भारत में अजमल आमिर कसाब पहला विदेशी नागरिक है जिसे फांसी दी गई। सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ वकील के.टी.एस. तुलसी ने कहा,‘स्वतंत्र भारत में अब तक केवल 55 लोगों को फांसी दी गई है। जहां तक मुझे ध्यान आ रहा है इनमें से एक भी विदेशी नहीं है।’
क्या विदेशियों को फांसी की सजा देने में कोई विशेष कानून का प्रावधान है?
तुलसी ने कहा, ‘इस तरह का कोई विशेष कानून नहीं है। कसाब ने भारत में अपराध किया। उसने अवैध तरीके से भारत में प्रवेश किया और जघन्य अपराध को अंजाम दिया। अब इससे ज्यादा क्या हो सकता है कि पाकिस्तान ने खुद को उससे अलग कर लिया। उसके परिवार से भी कोई शव लेने आगे नहीं आया।’
कसाब को पुणे की यरवडा जेल में बुधवार सुबह फांसी दे दी गई। फांसी की पूरी प्रक्रिया गुप्त था। देश को इसकी जानकारी बुधवार देर सुबह ही मिल सकी। तब तक कसाब को जेल परिसर में ही दफना दिया गया था। इसका कारण यह था कि पुणे के कब्रिस्तानों ने उसे दफनाने से इंकार कर दिया था। (एजेंसी)