नई दिल्ली : भारत ने मंगलवार को कहा कि वह मालदीव में तेजी से बदलते घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहा है लेकिन इसे देश का आंतरिक मामला करार देते हुए उसने कहा कि फिलहाल बाहर से किसी सहायता की कोई आवश्यकता नहीं है और भारतीय समुदाय वहां सुरक्षित है।
वहां राष्ट्रपति ने अपने खिलाफ प्रदर्शनों के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता ने यहां कहा, हमने उपराष्ट्रपति मोहम्मद वहीद के पक्ष में राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद के इस्तीफा देने के फैसले पर गौर किया है। यह मालदीव का आंतरिक मामला है जिसका समाधान मालदीव की जनता करेगी। हम उम्मीद करते हैं कि सभी मुद्दों का शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से समाधान निकाला जाएगा।
उन्होंने कहा कि भारत का पारंपरिक तौर पर मालदीव के साथ मैत्रीपूर्ण और सहयोगात्मक संबंध रहा है। उन्होंने कहा, हम मालदीव में शांति और प्रगति को प्रोत्साहन देने और देश की जनता की खरियत और खुशहाली के अपने प्रयास में मालदीव की सरकार को पूर्ण समर्थन और सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा, हम मालदीव के हालात पर करीबी नजर रखे हुए हैं और इस बात को समझते हैं कि वहां पर भारतीय समुदाय सुरक्षित है। वहां पर करीब 30 हजार भारतीय रहते हैं।
एक वरिष्ठ न्यायाधीश को गिरफ्तार करने के आदेश के खिलाफ हफ्तों विरोध प्रदर्शन के बाद नशीद ने अपने पद से इस्तीफा देने और उपराष्ट्रपति मोहम्मद वहीद हसन को सत्ता सौंपने की घोषणा की है। उस वरिष्ठ न्यायाधीश ने एक सरकार के आलोचक को रिहा करने का आदेश दिया था। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि वहीद के नेतृत्व में राष्ट्रीय सरकार के लिए स्थिरता के लिए व्यापक गुंजाइश होगी।
उन्होंने बताया, हम उम्मीद करते हैं कि बुरा दौर खत्म हो गया है। यह सकारात्मक है कि मालदीव में चल रही अशांति का सौहार्दपूर्ण समाधान निकला है। (एजेंसी)