राम जेठमलानी के बीजेपी से निष्‍कासन पर फैसला आज
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राम जेठमलानी के बीजेपी से निष्‍कासन पर फैसला आज

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने प्रख्यात अधिवक्ता एवं राज्यसभा सांसद राम जेठमलानी को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से रविवार को निलंबित कर दिया। अब जेठमलानी के पार्टी से निष्‍कासन पर सोमवार को फैसला लिया जाएगा।

ज़ी न्‍यूज ब्‍यूरो/एजेंसी
नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने प्रख्यात अधिवक्ता एवं राज्यसभा सांसद राम जेठमलानी को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से रविवार को निलंबित कर दिया। अब जेठमलानी के पार्टी से निष्‍कासन पर सोमवार को फैसला लिया जाएगा।
पार्टी के प्रवक्‍ता और वरिष्‍ठ भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा है कि पार्टी के संसदीय बोर्ड की बैठक सोमवार शाम 4.30 बजे होगी, जिसमें राम जेठमलानी के पार्टी से निष्‍कासन पर फैसला लिया जाएगा।
माना जा रहा है कि भाजपा प्रमुख नितिन गडकरी का इस्तीफा मांगने एवं सीबीआई प्रमुख की नियुक्ति पर पार्टी के निर्णय के खिलाफ बोलने के लिए उन पर यह कार्रवाई की गई है। पार्टी के प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन ने संवाददाताओं से कहा कि पार्टी अध्यक्ष ने राम जेठमलानी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। उनके निलम्बन की प्रक्रिया के लिए मामले को पार्टी के संसदीय बोर्ड को सौंप दिया गया है। निलंबन की घोषणा से कुछ समय पूर्व जेठमलानी ने संवाददाताओं से कहा कि मेरे खिलाफ कार्रवाई होती है तो मैं उसका स्वागत करता हूं, लेकिन किसी में मुझे निलम्बित करने का दम नहीं है।
उल्लेखनीय है कि राम जेठमलानी ने शनिवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) प्रमुख की नियुक्ति का विरोध करने पर अपनी पार्टी के रवैये की आलोचना की थी। इससे पार्टी को शर्मिदगी उठानी पड़ी। भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी को लिखे पत्र में जेठमलानी ने कहा था कि मैं यह पढ़कर आश्चर्यचकित हो गया कि भाजपा ने रंजीत सिन्हा की सीबीआई प्रमुख के तौर पर नियुक्ति को जल्दबाजी का फैसला करार देकर प्रधानमंत्री एवं कांग्रेस पार्टी की आलोचना की है।
जेठमलानी ने बीते दिनों कहा था कि मुझे खेद है कि यह आलोचना तथ्यों की पूरी तरह अनदेखी करने एवं सीबीआई निदेशक पद के लिए सबसे ज्यादा लालायित प्रतिद्वंद्दी के उकसाने के कारण हुआ है जिसे कल नियुक्ति हो जाने के कारण कैट से अपनी याचिका को वापस लेना पड़ा था। जेठमलानी ने कहा कि सिन्हा की नियुक्ति से राष्ट्रीय आपदा आने से बच गई। उल्लेखनीय है कि भाजपा नेता अरुण जेटली एवं सुषमा स्वराज ने सिन्हा की नियुक्त पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की आलोचना की थी। भाजपा नेताओं ने नियुक्ति रद्द कर लोकपाल पर संसद की प्रवर समिति की अनुशंसा के आधार पर करने की मांग की थी।

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