राम जेठमलानी बीजेपी से सस्पेंड, पार्टी को दी थी चुनौती
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राम जेठमलानी बीजेपी से सस्पेंड, पार्टी को दी थी चुनौती

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राम जेठमलानी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए आज उन्हें पार्टी से तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। भाजपा ने जेठमलानी के खिलाफ यह कार्रवाई सीबीआई प्रमुख की नियुक्ति मुद्दे को लेकर उनपर कार्रवाई के लिए पार्टी को चुनौती देने के बाद की।

नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राम जेठमलानी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए आज उन्हें पार्टी से तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। भाजपा ने जेठमलानी के खिलाफ यह कार्रवाई सीबीआई प्रमुख की नियुक्ति मुद्दे को लेकर उनपर कार्रवाई के लिए पार्टी को चुनौती देने के बाद की।
भाजपा ने कहा कि यह घोर अनुशासनहीनता है। विद्रोही रुख अपनाने वाले जानेमाने वकील एवं राज्यसभा सदस्य जेठमलानी ने हाल में पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी से उनके पूर्ति समूह में कथित संदिग्ध वित्तपोषण के आरोपों को लेकर त्यागपत्र देने की मांग की थी। उन्होंने कहा था, किसी में भी मेरे खिलाफ कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं है। रंजीत सिन्हा को सीबीआई का नया निदेशक नियुक्त करने की आलोचना करने के लिए भाजपा पर हमले बोलने के चलते जेठमलानी को पार्टी की ओर से कार्रवाई का सामना करना पड़ा।
भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि जेठमलानी ने लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज, राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली की ओर से प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखे गए उस पत्र का विरोध किया था जिसमें उन्होंने सीबीआई निदेशक की नियुक्ति स्थगित रखने को कहा था। जारी
हुसैन ने कहा, जेठमलानी की टिप्पणी कांग्रेस की मदद करने के लिए थी। उन्होंने कहा कि वह ‘घोर अनुशासनहीनता’ वाला कृत्य था। उन्होंने कहा कि स्वराज-जेटली के प्रधानमंत्री को लिखे पत्र का विरोध करने और मुम्बई में आज उनके उस बयान को बहुत गंभीरता से लिया गया कि उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती।
उन्होंने कहा, भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने उनकी टिप्पणी और आज के उनके बयान को बहुत गंभीरता से लिया, और उन्हें तत्काल प्रभाव से पार्टी से निलंबित करने का फैसला किया।
चूंकि जेठमलानी राज्यसभा सदस्य हैं इसलिए निलंबन प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए भाजपा की संसदीय बोर्ड की कल शाम साढ़े चार बजे बैठक होगी। मुम्बई में जेठमलानी ने कहा कि पार्टी में कई उनके विचार से सहमत हैं लेकिन ‘कुछ में ही इसकी क्षमता’ है कि वे अपने विचार सार्वजनिक रूप से व्यक्त कर सकें।
बहरहाल जेठमलानी ने स्पष्ट किया कि सिन्हा की नियुक्ति मामले पर उनके विचार उनके स्वयं के हैं और भाजपा के नहीं हैं जहां ‘मैं एक छोटा व्यक्ति हूं।’ उन्होंने मुम्बई के एक पत्रकार की पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम के इतर कहा, यदि मेरे खिलाफ कोई कार्रवाई की जाती है तो मैं उसका स्वागत करूंगा लेकिन मैं नहीं मानता कि किसी में भी मेरे खिलाफ कार्रवाई करने का साहस है। जेठमलानी ने नया सीबीआई निदेशक की नियुक्ति की आलोचना की थी और कहा था कि सरकार के निर्णय ने ‘राष्ट्रीय आपदा टाली’ है।
यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी में इस तरह का रुख रखने वाले और लोग हैं तो जेठमलानी ने कहा, मैं आश्वस्त हूं कि और लोग हैं। मैं 100 फीसदी आश्वस्त हूं कि काफी और लोग हैं लेकिन उनमें सार्वजनिक और खुले तौर पर सच बोलने का साहस नहीं है।’’ राजधानी दिल्ली में कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा कि जेठमलानी का निलंबन ‘‘भाजपा का आंतरिक मामला है। पटना साहिब से भाजपा के सांसद शत्रुघ्न सिन्हा भी भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी का इस्तीफा मांगने में जेठमलानी और यशवन्त सिन्हा के साथ हो गए हैं। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे को गंभीरता से देखा जाना चाहिए।
सिन्हा ने कल पटना में एक सवाल का जवाब देते हुए संवाददाताओं से कहा था, उनके (जेठमलानी और यशवन्त सिन्हा) द्वारा उठाए गए मुद्दे को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। (एजेंसी)

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