भोपाल : राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा आज भी अपने उस कथित विवादास्पद बयान पर कायम हैं, जिसमें उन्होंने कहा था, लड़के, लड़कियों को ‘सेक्सी’ कहकर छींटाकशी करते हैं, लेकिन सेक्सी का अर्थ होता है ‘सुंदर और आकषर्क’, हमें इसे नकारात्मक अंदाज में नहीं देखना चाहिए।
यहां एक कार्यक्रम के लिए आई ममता से आज जब संवाददाताओं ने एक महिला संगठन की ओर से जयपुर में आयोजित समारोह में महिलाओं एवं लड़कियों के लिए सेक्सी शब्द का अर्थ बदलने को लेकर पूछा, तो उन्होने जोर देकर कहा, मैं अब भी अपने बयान पर कायम हूं, मैने कुछ गलत नहीं कहा, वक्त के साथ शब्द, अपने अर्थ बदल लेते हैं।
उन्होंने कहा कि आजकल टेलीविजन के माध्यम से जितनी अश्लीलता परोसी जा रही है, उसके बारे में कोई कुछ नहीं कहता, आज कोई भी अपने परिवार के साथ बैठकर टेलीविजन नहीं देख सकता। महिलाओं को लेकर मीडिया में इतनी अभद्रता प्रकाशित एवं प्रदर्शित की जाती है। उस पर कोई आवाज नहीं उठती।
उनके कथित विवादास्पद बयान को लेकर जब संवाददाताओं ने सवालों की झड़ी लगा दी, तो राष्ट्रीय महिला आयोग अध्यक्ष ने उठने में ही भलाई समझी और एक तरह से उन्होंने पत्रकार वार्ता समाप्त कर दी।
यह पूछने पर कि मीडिया में दिखाए जाने वाले कार्यक्रमों से परेशान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा अपनी पार्टी का टेलीविजन चैनल खोलने संबंधी इरादे से क्या वह सहमत हैं, ममता ने कहा कि वह इसका समर्थन नहीं करती हैं।
मध्यप्रदेश में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों को लेकर एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) के ‘जन सुनवाई’ कार्यक्रम में शिरकत करने यहां आई राष्ट्रीय महिला आयोग अध्यक्ष ने कहा कि उत्तरप्रदेश के बाद मध्यप्रदेश ही एक ऐसा राज्य है, जहां महिलाओं पर सर्वाधिक अत्याचार हो रहे हैं। इस बारे में राज्य सरकार की अनदेखी दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने इस ‘जन सुनवाई’ में आमंत्रण के बावजूद राज्य महिला आयोग की पदाधिकारियों की अनुपस्थिति पर कहा कि उन्हें इस कार्यक्रम में आना चाहिए था। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में पूरे प्रदेश से आई 400 से 500 महिलाओं ने अपने प्रति हुए विभिन्न अपराधों की शिकायतें की हैं, जिन पर आयोग संज्ञान ले रहा है और इस बारे में मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक को कार्रवाई के लिए लिखा जाएगा तथा उनसे कार्यवाही प्रतिवेदन भी मांगा जाएगा। (एजेंसी)