`अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से समझौता नहीं`
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`अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से समझौता नहीं`

सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने आज कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता ऐसी चीज नहीं है जिससे समझौता किया जा सके। उन्होंने कहा कि इस स्वतंत्रता तथा विवकेपूर्ण नियंत्रण के बीच एक ‘स्वर्णिम रेखा’ खोजने की जरूरत है।

नई दिल्ली : सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने आज कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता ऐसी चीज नहीं है जिससे समझौता किया जा सके। उन्होंने कहा कि इस स्वतंत्रता तथा विवकेपूर्ण नियंत्रण के बीच एक ‘स्वर्णिम रेखा’ खोजने की जरूरत है।
तिवारी ने कहा, ‘मुझे लगता है कि अगर अंतत: कोई यह कहता है कि किसी भी प्रकार से अगर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से समझौता किया जा सकता है तो यह पूरी तरह हास्यास्पद होगा।’ उन्होंने कहा, ‘विवाद विवेकपूर्ण नियंत्रण को लेकर नहीं है। विवाद एक स्वर्णिम रेखा तय करने के बारे में है। विवाद यह तय करने को लेकर है कि किस हद तक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता होनी चाहिए और कहां से विवेकपूर्ण नियंत्रण की सीमा शुरू होनी चाहिए। और अंतत: इस नियंत्रण के मामले की निगरानी कौन करेगा।’ मनीष तिवारी भारतीय प्रेस परिषद् की ओर से राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। (एजेंसी)

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