ASI ने अयोध्या रिपोर्ट पर बरती लापरवाही !

एसआई ने अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद स्थल की अपनी विस्तृत रिपोर्ट सार्वजनिक करने के केंद्रीय सूचना आयोग, सीआईसी के निर्देशों का पालन नहीं किया है।

नई दिल्ली : लगता है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, एएसआई ने अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद स्थल की अपनी विस्तृत रिपोर्ट सार्वजनिक करने के केंद्रीय सूचना आयोग, सीआईसी  के निर्देशों का पालन नहीं किया है।

 

मुख्य सूचना आयुक्त सत्यानंद मिश्रा ने एएसआई को निर्देश दिया था कि वह या तो विवादित स्थल पर अपनी रिपोर्ट सार्वजनिक करे या अगर खुलासे पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अपने आदेश के जरिए रोक लगाई है, तो निर्देश की प्रति कार्यकर्ता सुभाष अग्रवाल को मुहैया कराए। मिश्रा ने 29 फरवरी के फैसले में एएसआई को निर्देशों के पालन के लिए 10 कार्य दिवस दिए थे। लेकिन लगभग 45 दिन बाद भी अग्रवाल को कोई जवाब नहीं मिला जिस पर उन्होंने पारदर्शिता समिति के समक्ष निर्देशों का पालन नहीं किए जाने की शिकायत दर्ज कराई है।

 

अग्रवाल ने अपनी शिकायत में कहा है कि फैसले की प्रति बहुत पहले मिल जाने के बावजूद एएसआई ने उनके आरटीआई आवेदन में पूछे गए सवालों का जवाब नहीं दिया है । एएसआई ने अयोध्या मामले की सुनवाई करने वाले इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर विवादित स्थल का सर्वेक्षण किया था।

 

अग्रवाल ने अपने आरटीआई आवेदन के जरिए एएसआई द्वारा पेश की गई रिपोर्ट की प्रति मांगी थी । एएसआई ने यह कहकर रिपोर्ट उपलब्ध कराने से इंकार कर दिया कि रिपोर्ट खास तौर पर उच्च न्यायालय के लिए है।

मामला जब पारदर्शिता समिति के समक्ष पहुंचा तो एएसआई अपने रुख पर कायम रही। अग्रवाल ने तर्क दिया कि यदि उच्च न्यायालय ने रिपोर्ट सार्वजनिक किए जाने पर रोक लगाई है तो उन्हें आदेश मुहैया कराया जाना चाहिए ।

 

मिश्रा ने कहा था, ‘हमारा मानना है कि यह बहुत ही उचित आग्रह है और मुख्य जन सूचना अधिकारी को उच्च न्यायालय के आदेश में से उपयुक्त सार की प्रति मुहैया करानी चाहिए जिसमें एएसआई को रिपोर्ट सिर्फ उच्च न्यायालय में रखने और किसी अन्य को इसका खुलासा नहीं करने का निर्देश दिया गया था..अगर उच्च न्यायालय ने ऐसा कोई निर्देश नहीं दिया है तो आवेदक को उक्त रिपोर्ट की प्रति मुहैया कराई जानी चाहिए। (एजेंसी)

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