क्राइम फाइल्स : इनामों के लुभावने ऑफरों से सावधान
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क्राइम फाइल्स : इनामों के लुभावने ऑफरों से सावधान

कभी करोड़ों की लॉटरी की ई-मेल तो कभी सोने के सिक्कों का SMS तो कभी घर पर चिट्टी के ज़रिए लाखों की दौलत की वसीयत। आपको भी अगर ऐसे ही इनामों के लुभावने ऑफर्स मिल रहे हैं तो सावधान हो जाइए।

ज़ी मीडिया ब्यूरो
नई दिल्ली : कभी करोड़ों की लॉटरी की ई-मेल तो कभी सोने के सिक्कों का SMS तो कभी घर पर चिट्टी के ज़रिए लाखों की दौलत की वसीयत। आपको भी अगर ऐसे ही इनामों के लुभावने ऑफर्स मिल रहे हैं तो सावधान हो जाइए क्योंकि ये इनाम दरअसल लोगों को लूटने के लिए हैं। क्राइम फाइल्स की टीम ने खुलासा किया है कि किस तरह से अंतरराष्ट्रीय गिरोह संदेशों के ज़रिए लोगों को अपने मायाजाल में फंसाते हैं और लालच देकर आपकी ज़िंदगी भर की कमाई लूट ले जाते हैं।
जब क्राइम फाइल्स की टीम ने लॉटरी ऑफर्स के चक्कर में नुकसान झेल चुके लोगों से मुलाक़ात की तो उनमें एक बात कॉमन लगी। इनमें से ज़्यादातर लोगों को पहले ब्रिटेन और नाइजीरिया के नंबरों से फोन कॉल आए और फिर उन्हें भारतीय नंबरों से कुछ लड़कियों ने फोन पर बातचीत कर पैसे जमा करने की बात कही। इन्होंने पैसे भी जिन खातों में डलवाए वो इंडियन ही थे। हमें जांच में पहला बड़ा क्लू मिला। क्राइम फाइल्स की टीम ने ऑनलाइन लॉटरी के लिए आने वाली ई-मेल्स के कई कोड्स की भी जांच करवाई तो पता चला कि ये एक नहीं अलग-अलग देशों से भेजी जा रही हैं। हमें उन लोगों के आईपी एड्रेस की जानकारी मिल चुकी थी जो देश में ऑनलाइन फ्रॉड का धंधा कर रहे हैं।
ऑनलाइन लॉटरी फ्रॉड करने वालों का खुलासा करने के लिए ज़ी मीडिया की टीम ने दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम ब्रांच और CBI की साइबर सेल का भी रुख किया। यहां सैंकड़ों ऐसी शिकायतें हैं जिनमें लॉटरी के नाम पर लोगों को लाखों का चूना लगाया गया था। कुछ लोग ऐसे भी हैं जो ऑनलाइन लॉटरी के चक्कर में 90 लाख रुपए तक गंवा चुके हैं। हमें ये भी जानकारी मिली कि ऑनलाइन और एसएमएस से सिर्फ़ लॉटरी ही नहीं कई और तरीकों से भी लोगों को चूना लगाया जा रहा है। कभी विदेशों में इनाम जीतने का झांसा दिया जाता है तो कभी ऑनलाइन लॉटरी जीतने का तो कभी विदेशों में जॉब ऑफर्स के नाम पर भी लोगों को अपने जाल में फंसाया जाता है। कई बार देश-विदेश की नामी कंपनियों के लकी ड्रॉ के नाम पर लोगों से संपर्क किया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय मंच पर सुरक्षा एजेंसियां इसे 420 नहीं, बल्कि 419 क्राइम के नाम से जानती हैं और इस क्राइम को अंजाम देते हैं नाइजीरियन्स जो विदेशों में ही नहीं, देश की राजधानी दिल्ली में भी अपने अड्डे बना चुके हैं।
ज़ी मीडिया की टीम ने पुलिस की क्राइम फाइल्स को खंगाला तो ये साफ हो चुका था कि एक बार नहीं, दर्जनों बार इंटरनेट के ज़रिए धोखाधड़ी के मामलों में नाइजीरियन मूल के लोगों पर आरोप लग चुका है। कई बार उनकी गिरफ्तारी हो चुकी है। तहक़ीकात के दौरान एक और चौंकाने वाला खुलासा सामने आया कि ये लोग एक नहीं दर्जनों पासपोर्ट तैयार करवा लेते हैं। अगर पुलिस या सीबीआई उन्हें गिरफ्तार कर भी लेती है तो वे कुछ समय के बाद डीपोर्ट कर दिए जाते हैं और कई बार ऐसा भी हो चुका है कि वो दूसरे फर्ज़ी पासपोर्ट के ज़रिए वापस इंडिया लौटकर अपना धंधा चलाने लगते हैं।
क्राइम फाइल्स की टीम ने इन नाइजीरियन्स के राज जानने के लिए उनके साथ रहने वाली लड़कियों से संपर्क करना शुरू किया। ज़्यादातर बात करने से इनकार कर गईं, लेकिन एक लड़की अपनी पहचान छिपाने को राज़ी हो गई। उसने हमें बताया ‘नाइजीरियन गैंग के लोग ई-मेल और मोबाइल डेटाबेस को खरीदकर लोगों को ई-मेल और एसएमएस करते हैं। 100 में से एक-दो लोग इसका जवाब देते हैं और फिर गैंग के लोग उनसे टैक्स या प्रोसेसिंग चार्ज़ के नाम पर कुछ पैसा खाते में डलवाने को कहते हैं। शुरूआत में विदेशी खाता बताया जाता है और फिर शख्स को उसकी सुविधा के नाम पर इंडियन खाता नंबर दे दिया जाता है। इस युवती ने हमें ये भी बताया कि नाइजीरियन्स यहां आकर नॉर्थ ईस्ट की लड़कियों को अपने जाल में फंसाते हैं। उन्हें कमीशन देने के नाम पर उनके और उनके रिश्तेदारों के खातों का इस्तेमाल करते हैं ताकि जो लोग ई-मेल ऑफर्स से उनके झांसे में आ जाएं उनका पैसा इन इंडियन खातों में जमा करवाया जा सके। एक बार पैसा जमा होते ही उसके एक-डेढ़ घंटे में एटीएम से निकाल लिया जाता है।
दिल्ली क्राइम ब्रांच के अधिकारी भी मानते हैं कि ऐसे केसों में जब भी एटीएम की सीसीटीवी फुटेज चेक की गई है तो उसमें पता चलता है कि खाता तो किसी भारतीय शख्स के नाम पर है लेकिन पैसा निकाल रहे हैं विदेशी लोग। नाइजीरियन गिरोह ने यूपी के बदायूं में संग्रामपुर बादली समेत कई गांवों में अपना नेटवर्क बना रखा है जहां युवकों को चंद रुपए देकर उनके नाम से खाता खुलवाकर एटीएम और चैकबुक अपने पास रख लेते हैं और फिर इनका इस्तेमाल लॉटरी स्कैम के लिए किया जाता है। पुलिस भी मानती है कि जब लॉटरी स्कैम के मामले में आरोपी की गिरफ्तारी हो भी जाती है तो भी लूट की रकम वसूलना बेहद मुश्किल रहता है क्योंकि ये नाइजीरियन लोग पैसे को तुरंत मनी ट्रांसफर या हवाला के ज़रिए विदेशों में भेजे देते हैं। इन लोगों से बचने का एक ही उपाय है इनाम या लॉटरी के एसएमएस पर ध्यान न देना और इसकी शिकायत तुरंत साइबर सेल को करना।

ऐसे बचें अंतरराष्ट्रीय धोखेबाज़ों से
-लॉटरी की ई-मेल या एसएमएस का कभी भी जवाब न दें।
-बड़ी कंपनियों के नाम की लॉटरी से भी सावधान रहें।
-कंपनी के कस्टमर केयर को इनाम के ऑफर की शिकायत करें।
-सभी बड़ी कंपनियों की जानकारी उनकी वेबसाइट पर उपबल्ध है।
-शक होने पर पुलिस को शिकायत करें।
-अपने बैंक खाते की जानकारी किसी से न बांटे।
-कोई बैंक खाते की जानकारी मांगे तो उसकी शिकायत बैंक और पुलिस में करें।

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