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नई दिल्ली : विशेष पीएमएलए अदालत ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष जगन मोहन रेड्डी और उनके सहयोगियों की 143.74 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया है। इस मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय कर रहा है।
अदालत ने जब्त की गई इन संपत्तियों को धन शोधन निरोधक अधिनियम के तहत अपराध से हासिल धन करार दिया है और उन्हें धन शोधन में शामिल बताया है।
फैसला सुनाने वाले प्राधिकार का निर्देश तब आया जब प्रवर्तन निदेशालय ने जांच के बाद इस साल जनवरी में रामकी समूह की कंपनियों के खिलाफ कुर्की आदेश जारी किया था। जांच में कथित तौर पर पाया गया कि इस कंपनी पर तत्कालीन आंध्र प्रदेश सरकार ने अवैध कृपादृष्टि की और फर्म ने जगन रेड्डी के स्वामित्व वाली कंपनी में अवैध धन भेजकर कृपादृष्टि के लिए रिश्वत दी।
प्रवर्तन निदेशालय ने जनवरी में जारी आदेश में कडप्पा के सांसद के स्वामित्व वाले जगती प्रकाशन के नाम पर ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स की हैदराबाद की जुबली हिल्स शाखा में जमा 10 करोड़ रुपये की रकम को भी जब्त कर लिया था। जगन फिलहाल इसी मामले में हैदराबाद के चंचलगुडा जेल में बंद हैं। उन्हें एक साल पहले गिरफ्तार किया गया था।
ये मामले जगन के पिता और पूर्व मुख्यमंत्री वाई एस राजशेखर रेड्डी के कार्यकाल के दौरान के हैं। वाईएसआर की 2009 में हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। प्राधिकार के अध्यक्ष एस के शर्मा और के राममूर्ति की पीठ ने अपने छह जून के आदेश में कहा, ‘पहली नजर में हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि प्रतिवादियों (रामकी समूह और जगती प्रकाशन ने) अपराध किए हैं, अपराध से धन हासिल किया और उनका शोधन किया। इसमें कोई संदेह नहीं कि कुर्क की गई संपत्ति अपराध से हासिल की गई है और वे धन शोधन में शामिल हैं। इसलिए हम अस्थायी कुर्की आदेश की पुष्टि का आदेश देते हैं।’ एजेंसी सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मामले की जांच कर रही है। सीबीआई जगन द्वारा कथित तौर पर जमा की गई आय से अधिक संपत्ति से जुड़े मामले की जांच कर रही है।
जांच के दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया कि उसने मेसर्स रामकी फार्मा सिटी (इंडिया) लिमिटेड को पाया कि उसने ग्रीनबेल्ट इलाके में अवैध तरीके से जमीन बेच दी और 133.74 करोड़ रुपये हासिल किए। (एजेंसी)